संपर्क : 9259436235
मोहनकौन्स
राग मालकौंस में यदि आरोह में गंधार शुद्ध और अवरोह में गंधार कोमल का प्रयोग किया जाय तो वह राग मोहनकौंस बन जायेगा। यह राग पूर्वांग में राग जोग और उत्तरांग में राग मालकौंसका मिश्रण है। यह एक सीधा राग है और इसे तीनों सप्तकों में उन्मुक्त रूप से गाया जा सकता है। यह राग एक शांत और गंभीर वातावरण पैदा करता है। यह स्वर संगतियाँ राग मोहनकौंस का रूप दर्शाती हैं - सा ,नि१ ,ध१ ; ,ध१ ,नि१ सा ; सा ग ग म ; ग म ग१ सा ; ग म ध१ म ; ध१ नि१ सा' ; सा' ग१' सा' नि१ ध१ म ग ; म नि१ ध१ म ग ; म ध१ ग ; म ग१ सा;
यह राग बहुत ही मधुर परंतु अपेक्षाकृत नया होने के कारण बहुत प्रचलन में नहीं है। परंतु उस्ताद सलामत अली और नज़ाकत अली खान द्वारा यह राग गाया गया है। जिससे प्रभावित हो कर आचार्य तनरंग जी ने मोहनकौंस में बंदिशों की रचना की है।
मूलतः, महात्मा गाँधी को समर्पित करते हुए पंडित रवि शंकर जी ने राग मोहनकौंस की रचना की है, जो इस प्रकार है - सा ग म ध१ नि१ सा' - सा' नि१ ध१ म ग ; म रे ग म सा; पंडित रवि शंकर जी ने कोमल गंधार का कण स्वर के रूप में बहुत ही अल्प प्रयोग किया है और शुद्ध रिषभ का प्रयोग आरोह में विशिष्ट प्रकार से किया गया है, जैसे - सा ग म ; म ग रे ग म ; ग सा; अथवा सा ग म ; म रे ग म ; सा;
There is currently no content classified with this term.
राग परिचय
Total views | Views today | |
---|---|---|
संगीत घराने और उनकी विशेषताएं | 1,469 | 7 |
कैराना का किराना घराने से नाता | 195 | 1 |
गुरु-शिष्य परम्परा | 479 | 1 |
भारत में संगीत शिक्षण | 828 | 0 |
Total views | Views today | |
---|---|---|
स्वर षड्ज का शास्त्रीय परिचय | 101 | 4 |
स्वर धैवत का शास्त्रीय परिचय | 35 | 2 |
स्वर और उनसे सम्बद्ध श्रुतियां | 46 | 2 |
सामवेद व गान्धर्ववेद में स्वर | 29 | 2 |
संगीत रत्नाकर के अनुसार स्वरों के कुल, जाति | 27 | 1 |
स्वर गान्धार का शास्त्रीय परिचय | 80 | 1 |
स्वर मध्यम का शास्त्रीय परिचय | 66 | 0 |
स्वर पञ्चम का शास्त्रीय परिचय | 54 | 0 |
स्वर निषाद का शास्त्रीय परिचय | 21 | 0 |
संगीत के स्वर | 135 | 0 |
स्वर ऋषभ का शास्त्रीय परिचय | 72 | 0 |
Total views | Views today | |
---|---|---|
राग भीमपलासी पर आधारित गीत | 314 | 3 |
ब्रेथलेसऔर अरुनिकिरानी | 173 | 1 |
नुसरत फतेह के द्वारा राग कलावती | 253 | 1 |
राग बागेश्री | पंडित जसराज जी | 316 | 0 |
द ब्यूटी ऑफ राग बिलासखानी तोड़ी | 196 | 0 |
राग यमन | 187 | 0 |
मोरा सइयां | 161 | 0 |
कर्ण स्वर | 205 | 0 |
वंदेमातरम् | 126 | 0 |
Total views | Views today | |
---|---|---|
भरत नाट्यम - तमिलनाडु | 147 | 2 |
भारतीय नृत्य कला | 495 | 1 |
नाट्य शास्त्रानुसार नृतः, नृत्य, और नाट्य में तीन पक्ष हैं – | 201 | 1 |
माइक्रोफोन का कार्य | 172 | 1 |