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शास्त्रीय संगीत और योग

ध्वनि का अर्थ क्या है? योग में हम कहते हैं ‘नाद ब्रह्म’, जिसका मतलब है ‘ध्वनि ही ईश्वर है’। ऐसा इसलिए क्योंकि इस जीवन का आधार कंपन में है, यह कंपन ही ध्वनि है। इसे हर इंसान महसूस कर सकता है। अगर आप अपने भीतर ही भीतर एक खास अवस्था में पहुंच जाएं तो पूरा जगत ध्वनि हो जाता है। यह संगीत इसी तरह के अनुभव और समझ से विकसित हुआ। अगर आप ऐसे लोगों को गौर से देखेंगे जो शास्त्रीय संगीत से गहराई से जुड़े हैं, तो आपको लगेगा कि वे स्वाभाविक रूप से ही ध्यान की अवस्था में रहते हैं। वे संतों जैसे हो जाते हैं। इसलिए इस संगीत को महज मनोरंजन के साधन के तौर पर ही नहीं देखा गया, बल्कि यह आध्यात्मिक प्रक्रिया के लिए एक साधन की तरह था। रागों का प्रयोग इंसान की समझ और अनुभव को ज्यादा उन्नत बनाने के लिए किया गया।
‘ध्वनि ही ईश्वर है’ – ऐसा इसलिए क्योंकि इस जीवन का आधार कंपन में है, यह कंपन ही ध्वनि है।संगीत के क्षेत्र में शुरुआत करने के लिए आपको शास्त्रीय संगीत पर नए प्रकाशनों की मदद लेनी चाहिए। इन संगीतों में थोड़ा फेरबदल किया गया है, और उन्हें एक ख़ास तरह से बनाया गया है। इसके कारण जिस शख्स के पास संगीत की जरा भी ट्रेनिंग नहीं है, वह भी इसका मूल्य समझ सकता है।
राग परिचय
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कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया | 257 | 1 |
राग बागेश्री | पंडित जसराज जी | 1,150 | 0 |
ब्रेथलेसऔर अरुनिकिरानी | 426 | 0 |
नुसरत फतेह के द्वारा राग कलावती | 617 | 0 |
द ब्यूटी ऑफ राग बिलासखानी तोड़ी | 648 | 0 |
राग यमन | 649 | 0 |
मोरा सइयां | 455 | 0 |
राग भीमपलासी पर आधारित गीत | 2,683 | 0 |
कर्ण स्वर | 514 | 0 |
वंदेमातरम् | 412 | 0 |
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स्वर मध्यम का शास्त्रीय परिचय | 344 | 0 |
स्वर पञ्चम का शास्त्रीय परिचय | 341 | 0 |
स्वर धैवत का शास्त्रीय परिचय | 427 | 0 |
स्वर निषाद का शास्त्रीय परिचय | 392 | 0 |
स्वर और उनसे सम्बद्ध श्रुतियां | 583 | 0 |
सामवेद व गान्धर्ववेद में स्वर | 409 | 0 |
संगीत रत्नाकर के अनुसार स्वरों के कुल, जाति | 793 | 0 |
संगीत के स्वर | 1,251 | 0 |
स्वर षड्ज का शास्त्रीय परिचय | 492 | 0 |
स्वर ऋषभ का शास्त्रीय परिचय | 483 | 0 |
स्वर गान्धार का शास्त्रीय परिचय | 409 | 0 |
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रागदारी: शास्त्रीय संगीत में घरानों का मतलब | 265 | 0 |
सबसे पुराना माना जाता है ग्वालियर घराना | 276 | 0 |
बेहद लोकप्रिय है शास्त्रीय गायकी का किराना घराना | 199 | 0 |
आगरा का भी है अपना शास्त्रीय घराना | 183 | 0 |
मेवाती घराने की पहचान हैं पंडित जसराज | 209 | 0 |
लता मंगेशकर का नाम : भारतीय संगीत की आत्मा | 205 | 0 |
जयपुर- अतरौली घराने की देन हैं एक से बढ़कर एक कलाकार | 216 | 0 |
भारतीय नृत्य कला | 2,029 | 0 |
नाट्य शास्त्रानुसार नृतः, नृत्य, और नाट्य में तीन पक्ष हैं – | 1,067 | 0 |
काशी की गिरिजा | 178 | 0 |
शास्त्रीय संगीत क्या है | 296 | 0 |
लोक कला की ध्वजवाहिका | 165 | 0 |
भरत नाट्यम - तमिलनाडु | 487 | 0 |
भारतीय शास्त्रीय संगीत का आधार: | 243 | 0 |
राग क्या हैं | 688 | 0 |
लोक और शास्त्र के अन्तरालाप की देवी | 152 | 0 |
कर्नाटक संगीत | 343 | 0 |
क्या अलग था गिरिजा देवी की गायकी में | 285 | 0 |
कर्नाटक गायन शैली के प्रमुख रूप | 302 | 0 |
वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति | 224 | 0 |
राग भीमपलास और भीमपलास पर आधारित गीत | 423 | 0 |
माइक्रोफोन का कार्य | 751 | 0 |
पंडित भीमसेन गुरुराज जोशी | 257 | 0 |
ठुमरी का नवनिर्माण | 183 | 0 |
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संगीत घराने और उनकी विशेषताएं | 5,715 | 0 |
भारत में संगीत शिक्षण | 1,951 | 0 |
रामपुर सहसवां घराना भी है गायकी का मशहूर घराना | 222 | 0 |
कैराना का किराना घराने से नाता | 514 | 0 |
गुरु-शिष्य परम्परा | 1,622 | 0 |