उत्तराखंड बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 2025: नया रिकॉर्ड और छात्रों की उपलब्धियां
उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UK Board 10th Result 2025) ने इस बार का परीक्षा परिणाम 19 अप्रैल, सुबह 11 बजे घोषित किया। लंबे इंतजार के बाद छात्रों और अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई। बोर्ड परीक्षा में कुल 1,13,690 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जिनकी मेहनत और लगन का परिणाम इस बार उच्च पास प्रतिशत के रूप में सामने आया।
इस साल pass percentage 90.77 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग डेढ़ प्रतिशत अधिक है। 2024 में यह आंकड़ा 89.14% पर था, जबकि 2021 में कोविड-19 के चलते बोर्ड ने प्रमोटीशन पॉलिसी लागू की थी और तब पास प्रतिशत रिकॉर्ड 99.09% तक चला गया था। 2020 में नतीजे अपेक्षाकृत कम, यानी 76.91% रहे थे। 2025 में परिणामों में एक बार फिर स्थिरता और पुराने रुझानों की वापसी दिखी।
साल 2025 के रिजल्ट में दो छात्रों ने टॉप किया, हालांकि उनका नाम सार्वजनिक नहीं हुआ है। ऐसे दोहरे टॉपर मिलना कम ही देखने को मिलता है, और यह छात्रों की कड़ी प्रतिस्पर्धा और मेहनत को दर्शाता है।
बोर्ड के 1,245 परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी और व्यवस्था के बीच परीक्षा हुई। बोर्ड की ओर से कहा गया है कि नतीजे ऑनलाइन पोर्टल
ubse.uk.gov.in और results.shiksha पर उपलब्ध हैं, जहां छात्र अपना रोल नंबर डालकर उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट चेक कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है ताकि हर छात्र को समय पर अपने अंक मिले।

रिजल्ट के बाद क्या करें छात्र?
ऑनलाइन रिजल्ट सिर्फ प्रोविजनल होता है—इसका मतलब यह एक अस्थायी अंकपत्र है। प्रत्येक छात्र को अपनी मूल मार्कशीट और प्रमाण-पत्र संबंधित स्कूल से लेना जरूरी है। स्कूलों में दस्तावेज पहुंचते ही छात्रों को सूचना मिल जाएगी। मार्कशीट में अगर कोई गलती नजर आए तो तुरंत स्कूल अथवा बोर्ड से संपर्क करें।
बोर्ड रिजल्ट के बाद छात्र-छात्राएं अगली कक्षा का चुनाव करने में जुट जाते हैं—विज्ञान, वाणिज्य या कला स्ट्रीम। इस बार का बेहतर प्रदर्शन छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है।
- तमाम स्कूलों में आज दिनभर जश्न का माहौल रहा।
- घरों में मिठाइयां बटीं, बच्चों का हौसला बढ़ाया गया।
- आवेदन की तारीखों, पुनर्मूल्यांकन व सप्लीमेंट्री फॉर्म की जानकारी जल्द उपलब्ध होगी।
अगर देखा जाए तो 10वीं टॉपर्स और पास प्रतिशत की रफ्तार राज्य में शिक्षा के प्रति सकारात्मक संकेत दे रही है। यह सिर्फ छात्रों की मेहनत नहीं, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों की ईमानदार कोशिशों का भी नतीजा है।
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