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विश्व संगीत दिवस 2024: संगीत की विविधता और सांस्कृतिक महत्व का उत्सव

समाज

विश्व संगीत दिवस: संगीत का वैश्विक उत्सव

विश्व संगीत दिवस, जिसे हम 'फेट दे ला म्यूज़िक' के नाम से भी जानते हैं, हर साल 21 जून को वैश्विक स्तर पर धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन न केवल संगीत प्रेमियों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए खास है जो संगीत की ताकत और उसकी सांस्कृतिक विविधताओं का सम्मान करते हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य संगीत के माध्यम से लोगों को जोड़ना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

विश्व संगीत दिवस का इतिहास भी काफी रोचक है। इस दिन की शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई थी, जब तत्कालीन फ्रेंच संस्कृति मंत्री जैक लैंग ने संगीत को सभी के लिए सुलभ बनाने की सोच से इस दिन की शुरुआत की थी। आज, यह दिन दुनिया के विभिन्न कोनों में मनाया जाता है और इसका प्रभाव हर साल बढ़ता जाता है।

संगीत की विविधता और सांस्कृतिक महत्व

संगीत न सिर्फ हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का साधन है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं का भी पर्याय है। विश्व संगीत दिवस का एक मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों को संगीत की विविधता और उसकी सांस्कृतिक महत्वता से अवगत कराया जाए। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के संगीत का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे के साथ अपने संगीत का आदान-प्रदान करते हैं।

संगीत की भूमिका हमारे समाज में कितनी महत्वपूर्ण है, इसके कई उदाहरण हैं। संगीत किसी भी जगह को संजीवनी शक्ति देता है, चाहे वह शादी हो, त्यौहार हो या फिर कोई धार्मिक समारोह। यह हमारी जीवनशैली का अटूट हिस्सा है और हमें हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से जोड़ता है।

संगीत की शक्ति: सभी के लिए एक मौका

विश्व संगीत दिवस का एक अनूठा पहलू यह है कि यह सभी के लिए एक सहभागी प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है। चाहे आप एक पेशेवर संगीतकार हों या एक नौसिखिया, इस दिन का उद्देश्य आपको प्रेरित करना है कि आप संगीत का आनंद लें और अपनी खुद की धुनें बनाएं। शहर के गलियों, पार्कों, और सार्वजनिक स्थलों पर मुफ्त संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां हर कोई अपनी कला का प्रदर्शन कर सकता है।

इस दिन के आयोजन का तरीका भी बहुत ही खास होता है। सार्वजनिक स्थानों और पार्कों में मुफ्त संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनका लाभ उठा सकें। संगीत प्रेमी और कलाकार एक साथ मिलकर अद्वितीय अनुभव साझा करते हैं।

विश्व संगीत दिवस: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जस्न

आज, विश्व संगीत दिवस न केवल फ्रांस में, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी उतनी ही धूमधाम से मनाया जाता है। विभिन्न शहरों और गांवों में संगीत के विविध आयोजनों का आयोजन किया जाता है। कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से स्थानीय और वैश्विक संस्कृति को प्रकट करते हैं।

इस दिन के उत्सव की सुंदरता यही है कि इसमें कोई सीमाएँ नहीं होती हैं। संगीत के माध्यम से लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं और यह कला की सबसे संस्कृतिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी है। हर साल, इस दिन का इंतजार उन सभी को रहता है जो अपनी संगीत प्रेम को प्रदर्शित करना चाहते हैं।

आगे की राह

विश्व संगीत दिवस से हम यह सिख सकते हैं कि संगीत के माध्यम से विभाजन को पाटा जा सकता है और सामुदायिक भावना को मजबूत किया जा सकता है। हमें इस दिन से प्रेरणा लेकर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में भी संगीत को शामिल करने का प्रयास करना चाहिए।

आने वाले सालों में, उम्मीद है कि विश्व संगीत दिवस का प्रभाव और भी बढ़ेगा और यह दिन दुनिया भर में और भी लोकप्रिय हो जाएगा। यह दिन हमें याद दिलाता है कि संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक धरोहर और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि विश्व संगीत दिवस एक ऐसा पर्व है जो संगीत प्रेमियों के लिए एक खास अवसर प्रदान करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि संगीत की ताकत और इसकी विविधता को पहचानना और उसका सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए, जब अगली बार 21 जून आए, तो संगीत की मधुरता में डूब जाएं और इस विशेष दिन का जी भर कर आनंद लें।

टिप्पणि

  • Seemana Borkotoky

    Seemana Borkotoky

    21/जून/2024

    इस दिन को मनाने का मतलब बस एक दिन के लिए गीत बजाना नहीं, बल्कि हर दिन को थोड़ा संगीतमय बना देना है। मैं रोज सुबह चाय के साथ राग भैरवी सुनती हूँ, और ये दिन मुझे याद दिलाता है कि संगीत मेरी जिंदगी का हिस्सा है, न कि सिर्फ एक आयोजन।
    कभी-कभी लोग सोचते हैं कि संगीत बस शहरों में होता है, लेकिन मेरे गाँव में भी बुजुर्ग लोग रात को बाँसुरी बजाकर अपने बच्चों को सोते हुए देखते हैं। ये वो संगीत है जो किसी बुक या फेसबुक पोस्ट में नहीं मिलता।

  • Ratanbir Kalra

    Ratanbir Kalra

    21/जून/2024

    संगीत जीवन है और जीवन संगीत है और ये बात कोई नया नहीं बता रहा बस दोहरा रहा है और इसीलिए ये दिन बहुत साधारण है क्योंकि जो असली संगीत प्यार करता है वो इस दिन की जरूरत नहीं महसूस करता बस बजाता रहता है
    और जो नहीं करता वो इस दिन के लिए गीत बनाता है और फिर भूल जाता है

  • Sarvasv Arora

    Sarvasv Arora

    21/जून/2024

    अरे भाई, ये सब फेट दे ला म्यूज़िक का फेक नाटक है जिसे यूरोपीय एलिट्स ने बनाया ताकि हम भारतीयों को अपनी असली धुनों से दूर रख सकें।
    हमारे यहाँ तो राग और ताल का जो ज्ञान है, वो दुनिया का सबसे गहरा है, लेकिन अब तो बच्चे बेस्ट ऑफ बॉलीवुड सुनकर खुश हो रहे हैं।
    अगर ये दिन सच में संगीत का सम्मान करता है, तो पहले तो राग युक्त राष्ट्रीय गान बनाओ, फिर बात करते हैं।
    ये सब फैशन है, जैसे वेगन डाइट या योगा जो अमेरिका ने बेच दिया।

  • Rakesh Joshi

    Rakesh Joshi

    21/जून/2024

    ये दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी आत्मा का एक हिस्सा हमेशा धुन में बसता है।
    मैंने अपने छोटे भाई को बचपन में ढोलक सीखाया था, आज वो एक बड़ा संगीतकार है और उसकी आवाज़ अब लंदन के पार्क में गूंजती है।
    संगीत कोई लाइसेंस नहीं चाहता, बस दिल चाहिए।
    अगर तुम्हारे पास एक गिटार है या एक बाँसुरी है, तो आज बाहर निकलो, और एक गाना बजाओ।
    कोई नहीं जानेगा कि तुम कौन हो, लेकिन वो धुन जरूर सुनेगी।

  • HIMANSHU KANDPAL

    HIMANSHU KANDPAL

    21/जून/2024

    मैं तो इस दिन को बिल्कुल नहीं मनाता।
    क्योंकि जब तक भारत में शिक्षा के लिए बजट नहीं बढ़ाया जाता, तब तक संगीत का दिन क्या फायदा?
    कल एक दोस्त ने मुझे बताया कि उसके बेटे को संगीत का कोचिंग कराने के लिए रुपये नहीं हैं, लेकिन ये सब लोग फेसबुक पर फोटो डाल रहे हैं और #WorldMusicDay लगा रहे हैं।
    ये सब नाटक है।
    मैं तो इस दिन को खाली बैठकर सोचता हूँ कि हम लोग इतने भावुक क्यों हो जाते हैं जब कोई बाहरी चीज़ बोल देती है?
    हमारे गाँव में तो बच्चे गाने गाते हैं, लेकिन कोई उनके लिए दिन नहीं बनाता।
    मैं तो इस दिन को खाली रखता हूँ, ताकि याद रहे कि जो सच है, वो नाटक नहीं होता।

  • Jasdeep Singh

    Jasdeep Singh

    21/जून/2024

    इस दिन का सबसे बड़ा फर्ज़ीपन ये है कि लोग इसे बस एक ट्रेंड के तौर पर मनाते हैं।
    कोई गाना बजाता है, फोटो डालता है, लाइक्स लेता है, और अगले दिन वापस अपनी नोटिफिकेशन्स में डूब जाता है।
    क्या तुमने कभी देखा है कि कोई गाँव के बच्चे को इस दिन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रोमोट किया जाता है?
    नहीं।
    सब कुछ बॉलीवुड और इंडी पॉप के चक्कर में है।
    कोई बाँसुरी बजाने वाले बुजुर्ग को नहीं जानता, लेकिन एक यूट्यूबर को जानता है जिसने राग भैरवी को EDM में रीमिक्स कर दिया।
    ये संगीत का उत्सव नहीं, ये संगीत की लूट है।
    जब तक हम अपने असली धुनों को बाजार में बेचने के बजाय उन्हें बचाने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक ये दिन सिर्फ एक बाहरी चमक होगा।
    कोई नहीं चाहता कि एक बूढ़ा लोक गायक अपने गाने के लिए एक रुपया भी पाए।
    हम तो बस उसके बारे में बात करना चाहते हैं।
    और फिर भूल जाते हैं।

  • Maj Pedersen

    Maj Pedersen

    21/जून/2024

    मैंने आज सुबह अपने गाँव के एक बूढ़े दादा को बाँसुरी बजाते देखा।
    उन्होंने कहा, 'बेटी, ये धुन तुम्हारे दादा के दादा ने सीखी थी।'
    उस दिन मैंने सोचा कि विश्व संगीत दिवस का असली मतलब यही है - एक धुन को जीवित रखना।
    हमें बस इतना करना है कि उस धुन को अपने दिल से सुनें, और उसे अपने बच्चों को सिखाएं।
    ये दिन कोई फेसबुक पोस्ट नहीं, ये एक ज़िम्मेदारी है।

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