अवनी लेखरा का ऐतिहासिक प्रदर्शन
अवनी लेखरा ने 2024 पैरालिम्पिक्स में महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर एक नया इतिहास रचा है। यह उनकी लगातार दूसरी पैरालिम्पिक स्वर्ण पदक जीत है, इससे पहले उन्होंने 2020 टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भी स्वर्ण पदक जीता था। 22 वर्षीय अवनी ने 249.7 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया, जो उनके खुद के पिछले रिकॉर्ड 249.6 अंकों से भी बेहतर है। उनके इस अभूतपूर्व प्रदर्शन ने न केवल उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया बल्कि उनके ही द्वारा स्थापित पैरालिम्पिक रिकॉर्ड को भी सुधारा।
जयपुर की बेटी की साहसिक कहानी
जयपुर, राजस्थान की रहने वाली अवनी लेखरा की कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है। 11 साल की उम्र में एक कार दुर्घटना के कारण वह पैरालाइज़ हो गईं थीं। इस दुर्घटना के बाद उनके जीवन में कई चुनौतियाँ आई, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2015 में उन्होंने निशानेबाजी की शुरुआत की और उनके प्रेरणास्रोत बने पूर्व ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा। अवनी ने अपने धैर्य और कठिन परिश्रम से सबको यह दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।
मोना अग्रवाल की भी शानदार प्रदर्शन
अवनी के साथ-साथ भारत के लिए एक और खुशी की बात यह रही कि उनकी साथी मोना अग्रवाल ने भी शानदार प्रदर्शन करके कांस्य पदक जीता। मोना ने 228.7 अंकों के साथ कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। यह भारतीय दल के लिए गर्व का क्षण है कि उन्होंने दो पदक एक ही इवेंट में जीते। मोना की मेहनत और समर्पण भी उभरते भारतीय परा-क्रीड़ाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
अवनी की उपलब्धियाँ
अवनी लेखरा भारतीय परा-क्रीड़ाजगत की प्रमुख हस्ती बन चुकी हैं। वह पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने एक ही पैरालिम्पिक खेलों में एक से अधिक पदक जीते हैं और अब वह लगातार दो पैरालिम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। अवनी की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है और भारतीय परा-क्रीड़ा के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देती है।
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