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दिल्ली हवाईअड्डे पर खराब मौसम और प्रदूषण से 100 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित

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दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ानों का प्रभावित होना

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सोमवार को वातावरण में छाए खराब मौसम और बढ़ते प्रदूषण के कारण उड़ान संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। लगभग 15 उड़ानों को विभिन्न अन्य हवाईअड्डों की ओर मोड़ दिया गया, और 100 से भी अधिक उड़ानें देरी से चलीं। इस स्थिति ने पूरे दिन यात्रियों और एयरलाइंस दोनों के लिए समस्याएँ खड़ी कर दीं। प्रभावित उड़ानों का मोड़ मुख्य रूप से जयपुर की ओर हुआ, जबकि एक-एक उड़ान को देहरादून और लखनऊ की ओर मोड़ा गया।

प्रदूषण और मौसम की दोहरी मार

इससे न सिर्फ हवाईअड्डे पर बल्कि पूरे दिल्ली क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहत की बात यह थी कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने यात्रियों को सूचित किया कि वह अपने संबंधित एयरलाइंस के संपर्क में रहकर अद्यतन जानकारी प्राप्त करें। इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह थी कि कुछ पायलट CAT III ऑपरेशंस के लिए प्रशिक्षित नहीं थे, जो कि बेहद खराब दृश्यता में उड़ान के लिए आवश्यक होते हैं।

एयरलाइंस द्वारा जारी किया गया परामर्श

कई एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो ने यात्रियों को सलाह दी कि वे संभावित देरी और बाधाओं के लिए तैयार रहें। इससे न सिर्फ यात्रियों की भीड़ बढ़ी, बल्कि एयरलाइंस के लिए भी समय पर सेवा देने में कठिनाई उत्पन्न हुई। विशेष रूप से वे यात्री जो समय पर अपनी उड़ानों में चेक-इन नहीं कर सके, उन्हें अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।

प्रदूषण से स्वास्थ्य पर असर

इस संकट का एक बड़ा कारण दिल्ली का लगातार गंभीर हो रहा प्रदूषण स्तर था। भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी ऐसी स्थिति बनी रहने की संभावना जताई है। दिल्ली सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के उपाय लागू कर दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने भी पुष्टि की है कि हवाईअड्डे के आसपास का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में है।

यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य

प्रदूषित हवा के कारण स्वास्थ्य समस्याएं पहले से ही चिंताजनक थी, और इस बार के प्रदूषण ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। राजधानी के नागरिक सभी प्रकार के प्रदूषण नियंत्रण उपायों की मांग कर रहे हैं। मास्क और एयर फिल्टर का उपयोग व्यापक रूप से बढ़ गया है, विशेषकर उन लोगों में जिन्हें बाहर काम करना पड़ता है।

परिवहन और अन्य प्रभाव

यह सिर्फ उड़ानों की देरी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सड़क यातायात पर भी इसका असर देखा गया। लंबी दूरी के पहिए ठहर गए और कई स्थानों पर जाम की स्थिति बन गई। यह प्रदूषण का बढ़ता स्तर और खराब मौसम की असामान्य स्थिति ने दिल्ली की सामान्य दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया। स्थानीय प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति सुधारने में समय लगेगा।

समस्या का समाधान

दिल्ली सरकार और केंद्रीय पर्यावरण विभाग को इस समस्या का दीर्घकालिक उपाय निकालने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उद्योगों, वाहनों और निर्माण कार्यों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करके ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। हवाईअड्डा इस समय सभी आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटना से बचा जा सके। इस दिशा में ट्रेनिंग और तकनीकी उन्नयन की नितांत आवश्यकता है।

टिप्पणि

  • Pradeep Asthana

    Pradeep Asthana

    18/नव॰/2024

    ये हवाई अड्डा तो बस एक बड़ा गड़बड़ा हुआ अस्पताल है। दिल्ली का हवा इतना खराब है कि पायलट भी अपनी आंखें बंद करके उड़ान भर रहे हैं। CAT III का क्या हुआ? जो ट्रेनिंग नहीं करवाई, वो बस यात्रियों की जान लेने आए हैं।

  • Shreyash Kaswa

    Shreyash Kaswa

    18/नव॰/2024

    हमारे देश में ऐसी चीजें होती हैं क्योंकि लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। एयरपोर्ट के लोग तो बस बैठे हैं, और जनता को बता रहे हैं कि 'अपने एयरलाइन से संपर्क करें'। ये नहीं कि अब क्या करें? ये बेचारे यात्री क्या करें?

  • Sweety Spicy

    Sweety Spicy

    18/नव॰/2024

    अरे भाई, ये सब तो बस एक और बड़ा ड्रामा है जिसे दिल्ली सरकार ने बनाया है ताकि कोई नहीं देखे कि उन्होंने 10 साल से कुछ नहीं किया। GRAP चरण 4? बहुत बढ़िया। अब चरण 5 में हम एयरपोर्ट पर जाकर नाक में मास्क लगाकर टिकट बुक करेंगे? ये तो जीवन नहीं, एक एपिसोडिक डॉक्यूमेंट्री है जिसका अंत नहीं होगा।

  • Maj Pedersen

    Maj Pedersen

    18/नव॰/2024

    इस समय जो यात्री बाहर निकल रहे हैं, उनकी हिम्मत की तारीफ करनी चाहिए। इतना प्रदूषण, इतनी देरी, फिर भी वो अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। ये देश की असली ताकत है - आम आदमी की लगन। हमें इन्हें समर्थन देना चाहिए, न कि बस शिकायत करना।

  • Ratanbir Kalra

    Ratanbir Kalra

    18/नव॰/2024

    मौसम बदल रहा है प्रदूषण बढ़ रहा है एयरपोर्ट तैयार नहीं है पायलट ट्रेन्ड नहीं है यात्री घबरा रहे हैं सरकार बातें कर रही है और असली चीज़ कोई नहीं बदल रहा है

  • Seemana Borkotoky

    Seemana Borkotoky

    18/नव॰/2024

    दिल्ली का हवा तो बस एक और चीज है जिसे हमने अपनी आदत बना लिया है। जैसे चाय में चीनी, ये भी अब नियम बन गया। लेकिन अगर आज आपको एक दिन बिना प्रदूषण के दिल्ली दिखाई जाए, तो आप रो पड़ेंगे। ये शहर अपनी सांस खो रहा है।

  • Sarvasv Arora

    Sarvasv Arora

    18/नव॰/2024

    ये सब बस एक बड़ा बकवास है। जिन लोगों ने ये शहर बनाया, उनकी आत्मा अब भी बाहर घूम रही होगी और रो रही होगी। एयरपोर्ट पर उड़ानें रुकी हैं? बहुत अच्छा। अब देखो कि कौन बोलेगा कि ये शहर जीवित है। ये तो एक बड़ा शव है जिसके ऊपर ट्रैफिक लाइट और एयर कंडीशनर चल रहे हैं।

  • Jasdeep Singh

    Jasdeep Singh

    18/नव॰/2024

    इसका कोर इशू ये है कि हमारे नेता अभी भी 2005 के रूल्स के साथ फिट बैठ रहे हैं। जब एयरपोर्ट के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेड हो रही है, तो वो बस ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान बनाते हैं जैसे ये कोई फ्लैगशिप एप्लीकेशन है। ये सब जार्गन है जिसे वो अपने प्रेजेंटेशन में डाल देते हैं ताकि विजिटर्स को लगे कि वो कुछ कर रहे हैं। असली समाधान? बैन करो डीजल वाहन, इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट पर इन्वेस्ट करो, और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को रेगुलेट करो। लेकिन नहीं, वो तो बस बोल रहे हैं - 'यात्री एयरलाइन से संपर्क करें'।

  • Rakesh Joshi

    Rakesh Joshi

    18/नव॰/2024

    ये दिल्ली का एक छोटा नुकसान है - लेकिन हम इसे बदल सकते हैं। हर एक यात्री, हर एक नागरिक, हर एक आम इंसान अपने घर से शुरुआत कर सकता है - बाइक नहीं, बस लें। बिना प्लास्टिक के खरीदारी करें। अपने बच्चों को बताएं कि साफ हवा क्या होती है। ये सब बड़ा नहीं, लेकिन असरदार है। जब तक हम सोचेंगे कि 'कोई और करेगा', तब तक ये बुरा हाल रहेगा। लेकिन अगर हम एक साथ चलें - तो दिल्ली फिर से सांस लेगी।

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