रंगापानी स्टेशन के पास हुई भयावह रेलवे दुर्घटना
सोमवार की सुबह रंगापानी स्टेशन के पास एक भीषण रेलवे दुर्घटना हुई जिसमें कोलकाता से सिलीगुड़ी जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर हो गई। यह दुर्घटना इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल पार कर लिया था, जिससे कंचनजंगा एक्सप्रेस की दो पिछली कोच पटरी से उतर गईं।
इस दर्दनाक घटना में पांच लोगों की जानें चली गईं और कई लोग घायल हो गए। दुर्घटना के तुरंत बाद से ही बचाव कार्य तेजी से शुरू हो गया। रेलवे, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुट गईं।
स्थानीय लोगों का विशाल सहयोग
स्थानीय मीडिया द्वारा जारी वीडियो में दोनों ट्रेनों के बीच भयानक मलबे का दृश्य दिखाया गया है, जिसमें एक कोच हवा में लटका हुआ नजर आ रहा है। स्थानीय लोग भी दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए।
घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
रेलवे मंत्री का बयान
घटना के बारे में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि और जानमाल का नुकसान न हो।
मंत्री ने कहा, ‘रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है और उन्हें हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। दुर्घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और जल्द ही रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।’
रंगापानी स्टेशन, जो कि न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से केवल सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इस दुर्घटना के कारण सुर्खियों में आ गया है। दुर्घटना के कारण रेल यातायात में अवरोध उत्पन्न हुआ है और कई ट्रेनों को उनके रास्ते बदलने पड़े हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। एक क्षण में खुशी का माहौल मातम में बदल गया। आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और अपनी तरफ से हर संभव मदद दी।
दुर्घटना में घायलों की संख्या कई दर्जन हो सकती है, हालांकि अभी तक आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है। इसके अलावा, रेलवे अधिकारीयों का कहना है कि जब तक सभी कोचों और मलबे को ठीक से हटाया नहीं जाता तब तक पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी।
ट्रेन दुर्घटनाओं के मामलों में सिग्नलिंग सिस्टम की खामियों का पता लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह देखना होगा कि इस घटना में भी कोई तकनीकी खामी थी या मानवीय गलती। जांच चल रही है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इसकी जड़ तक कैसे पहुंचा जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।
बचाव कार्य और उसके उपकरण
बचाव कर्मी अत्यधिक समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं, और भारी मशीनरी का उपयोग कर मलबे को हटा रहे हैं। उन्होंने पहले प्राथमिकता दी कि किसी भी प्रकार का जीवित व्यक्ति मलबे के नीचे न फंसा हो। दूसरी प्राथमिकता ये कि जितने भी घायल हैं उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता पहुंचाई जाए।
अस्पतालों में घायलों के रिश्तेदार और दोस्तों का जमावड़ा लगा हुआ है, जहां वे अपने प्रियजनों की खबरों का इंतजार कर रहे हैं। अपनों के खोने का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी
यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि रेल यात्राएं अभी भी सुरक्षित नहीं हैं और हमें इसमें सुधार करने की आवश्यकता है।
समाज की जागरूकता भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। घटनाओं की सही जानकारी और समय पर सहायता इस तरह की त्रासदियों को कम कर सकती है। सरकार और रेलवे प्रशासन को मिलजुल कर काम करना होगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
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