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रूस-यूक्रेन युद्ध: ऊर्जा अवसंरचना पर रूसी हमलों से सुमी क्षेत्र में बिजली संकट

अंतरराष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन युद्ध में नई उथल-पुथल

रूस और यूक्रेन के बीच का संघर्ष लंबे समय से जारी है, लेकिन हाल ही में इसमें फिर से तीव्रता आई है। रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन के उत्तरपूर्वी सुमी क्षेत्र में ऊर्जा अवसंरचना पर हमले किए हैं। इन हमलों के परिणामस्वरूप व्यापक बिजली कटौती हो रही है, जिससे यहां के निवासियों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

ऊर्जा अवसंरचना पर हमले

सुमी क्षेत्र में रात्रिभर रूसी बलों ने ऊर्जा अवसंरचना पर कई हमले किए। इनके चलते कई महत्वपूर्ण पावर प्लांट्स और ट्रांसमिशन लाइनों को क्षति पहुँची। इन हमलों के कारण क्षेत्र में कई जिलों में बिजली की आपूर्ति ठप्प हो गई। स्थानीय अधिकारियों को बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए बैकअप पावर सिस्टम सक्रिय करना पड़ा। यह कदम अस्थायी रूप से स्थिति में सुधार लाने में सहायक हो सकता है, लेकिन इसकी स्थिरता पर सवाल हैं।

स्थानीय अधिकारियों का बयान

सुमी के स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस हमले के कारण नौ आवासीय इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। इनके परिणामस्वरूप कई परिवार बेघर हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बिजली कटौती का प्रभाव रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ा है और इससे निवासियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

रूसी रक्षा मंत्रालय का बयान

रूसी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उनके एयर डिफेंस सिस्टम ने रातभर यूक्रेनी ड्रोन हमलों का सफलतापूर्वक सामना किया और सोलह यूक्रेनी ड्रोन्स को मार गिराया। ये घटनाएँ ब्रायंस्क और कुर्स्क क्षेत्रों में घटीं। रूस का दावा है कि इनके क्षेत्रीय सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

मानवाधिकार संकट

रूस द्वारा ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाना खास रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह प्रयास यूक्रेन की आवश्यक सेवाओं को बाधित करने और मानवीय संकट को बढ़ाने के लिए है। इस तरह के हमलों से स्वास्थ्य सेवाओं, जल आपूर्ति, तथा अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं पर भी असर पड़ता है।

निवासियों की प्रतिक्रिया

क्षेत्र के निवासियों ने इस नई स्थिति पर चिंता जताई है। विद्युत आपूर्ति के बिना जीवन चलाना बेहद कठिन हो गया है। कई लोग रखना पड़ रहा है कि सर्दियों में इस तरह की स्थिति और ज्यादा विकराल रूप धारण कर सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

संघर्ष की ताजा स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर रख रहा है। कई देशों ने रूस के हमलों की निंदा की है और यूक्रेन को समर्थन देने की बात कही है।

संभावित उपाय

इस स्थिति से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। प्रभावित क्षेत्रों में मानवाधिकार संगठनों की सक्रियता बढ़ाने और मानवीय सहायता पहुँचाने की पहल भी की जा सकती है।

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