टेनिस खिलाड़ी जाननिक सिनर के डोपिंग मामले में नया मोड़
विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) ने शीर्ष-रैंकिंग टेनिस खिलाड़ी जाननिक सिनर के खिलाफ प्रतिबंध नहीं लगाने के फैसले को चुनौती दी है। मार्च में एनाबॉलिक स्टीरॉयड के लिए दो बार सकारात्मक परीक्षण किए जाने के बाद भी सिनर पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था, जिसकी वजह से WADA ने अब यह अपील की है।
स्वतंत्र पंचाट का निर्णय
मामला तब और उलझ गया जब एक स्वतंत्र पंचाट ने सिनर के इस तर्क को स्वीकार किया कि स्टीरॉयड उनके शरीर में अनजाने में आया था। सिनर के अनुसार, उनके फिजियोथेरेपिस्ट ने एक स्प्रे का उपयोग किया था जिसमें स्टीरॉयड था, और यह स्प्रे उस समय इस्तेमाल किया गया था जब वे एक कट का इलाज कर रहे थे।
WADA की अपील
WADA का मानना है कि पंचाट का 'कोई दोष या लापरवाही नहीं' का निष्कर्ष नियमों के तहत गलत था। इसलिए, उन्होंने इस मामले को स्विट्ज़रलैंड स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में दायर किया है। WADA का उद्देश्य एक से दो साल का प्रतिबंध लगाना है, हालांकि उन्होंने किसी संभावित प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से लागू नहीं करने का संकेत दिया है।
अगर सिनर दोषी पाए जाते हैं, तो भी वे अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम खिताब को बरकरार रख सकते हैं। इस विषय पर सिनर ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया है, क्योंकि पिछले तीन सुनवाइयों में उनके पक्ष में फैसला आया था।
मामले का अपेक्षित समाधान
इस मामले का समाधान कुछ महीनों में हो सकता है, अगर सभी पक्ष सहयोग करने को सहमत होते हैं। मारिया शारापोवा के डोपिंग मामले की तरह, जिसे चार महीनों में सुलझा लिया गया था, सिनर के मामले में भी यही समय सीमा हो सकती है। हालांकि, यह संभावना नहीं है कि जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले इस मामले का निपटारा हो सके।
सिनर को पहले ही दो बार प्रोविजनली निलंबित किया जा चुका है, लेकिन दोनों बार अपील करने के बाद उन्हें प्रतिस्पर्धा जारी रखने की अनुमति मिल गई थी। उन्हें इंडियन वेल्स टूर्नामेंट में $325,000 की प्राइज़ मनी और 400 रैंकिंग पॉइंट्स भी खोने पड़े थे, लेकिन स्वतंत्र पंचाट के निर्णय के बाद उन्हें प्रतिस्पर्धा जारी रखने की अनुमति मिल गई थी।
टिप्पणि
Vidhinesh Yadav
29/सित॰/2024ये सब बहुत अजीब लग रहा है। अगर स्टीरॉयड अनजाने में आ गए तो फिर फिजियोथेरेपिस्ट को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। खिलाड़ी तो खेलते हैं, दवाएं नहीं।
क्या हम सच में इतना भरोसा कर सकते हैं कि कोई ऐसा स्प्रे बना सकता है जिसमें स्टीरॉयड हो और उसका नाम भी बिल्कुल सामान्य हो?
Puru Aadi
29/सित॰/2024ये तो बस धोखा है 😒 अगर ये सब चल गया तो अब कोई भी खिलाड़ी अपने दोस्त के फिजियो से दवा ले लेगा और कहेगा 'मैंने नहीं जाना'।
WADA को अपील करनी चाहिए, बिल्कुल सही किया। 🙌
Nripen chandra Singh
29/सित॰/2024सच तो ये है कि खेल अब जीतने के लिए नहीं बल्कि बचने के लिए खेला जा रहा है और इस तरह के फैसले इसी बात को और बढ़ा रहे हैं कि नियम बनाने वाले भी उन्हें बदलने के लिए तैयार हैं अगर वो बड़े नाम हों तो ये सब एक बड़ा नाटक है जिसमें कोई असली न्याय नहीं है
Rahul Tamboli
29/सित॰/2024अरे भाई ये तो बस एक शो है 😎 जाननिक ने तो अपने बाल भी बदल दिए अब ये स्टीरॉयड का बहाना भी बना लिया... अगर ये चल गया तो अगला खिलाड़ी कहेगा 'मैंने तो चाय में डाल दिया था' 😂
Jayasree Sinha
29/सित॰/2024WADA की अपील पूरी तरह से न्यायसंगत है। खेल के नियमों में 'अनजाने में' का तर्क कभी भी अस्वीकार्य नहीं हो सकता। यदि एक खिलाड़ी अपने शरीर की जिम्मेदारी नहीं ले सकता, तो वह खेल से बाहर होना चाहिए।
Vaibhav Patle
29/सित॰/2024ये सब बहुत दुखद है लेकिन उम्मीद है कि अंत में सच जीतेगा। जाननिक एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है और अगर वो निर्दोष हैं तो उन्हें बर्दाश्त करना होगा। लेकिन अगर वो गलत हैं तो उन्हें दंड मिलना चाहिए, क्योंकि हमारे बच्चे भी इन खिलाड़ियों को नमूना मानते हैं। बस एक बात याद रखो - न्याय धीमा हो सकता है लेकिन अंत में आता है 💪❤️