दिल्ली में गहराया वायु प्रदूषण का संकट
दिल्ली के निवासियों ने सोमवार की सुबह आंखें खोलते ही आसमान में छाई एक मोटी धुंध की चादर देखी। वायु गुणवत्ता कई प्रमुख इलाकों में 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। आनंद विहार, जहां AQI 454 तक पहुंच गया, 'गंभीर' श्रेणी में आ गया। अन्य स्थान जैसे द्वारका, अक्षरधाम और इंडिया गेट जैसी प्रतिष्ठित जगहों पर AQI अलग-अलग निष्कर्षों में प्रतीत हुआ। जहां तक द्वारका की बात है, यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 पर था, जबकि अक्षरधाम में यह 307 दर्ज किया गया।
विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण स्तर
पूरे शहर में, शकरपुर में वायु गुणवत्ता के स्तर ने 346 का आंकड़ा पार कर लिया और 'बहुत खराब' श्रेणी में प्रवेश किया। दूसरी तरफ, आईटीओ में वायु प्रदूषण सूचकांक 232 पर था और इसे 'खराब' के रूप में वर्गीकृत किया गया था। नेहरू पार्क ने कुछ राहत की स्थिति दिखाई, लेकिन फिर भी यह 254 के आंकड़े तक पहुंचा, इसे भी 'खराब' के रूप में वर्गीकृत किया गया।
मुख्यमंत्री का बयान और आलोचना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अतीशी ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहराया है। उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश से हजारों डीजल बसें जो दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं, यहां के वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी का कारण हैं। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर आरोप लगाया कि वे यमुना नदी में बिना शोधन के तरल कचरा छोड़ रहे हैं। अतीशी ने आश्वासन दिया कि वह इन मुद्दों पर यूपी सरकार से चर्चा करेंगी और सवाल किया कि उनके पास सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को क्यों नहीं शामिल किया गया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस बीच, AAP मानता है कि उनकी पंजाब सरकार पर जाली समस्याएं आवंटित की जा रही हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने BJP पर पेचीदा मुद्दों को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया। जबकि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने जवाब दिया कि AAP पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार का बचाव कर रही है। उन्होंने पंजाब में पराली जलने के मुद्दे पर AAP नेताओं की आलोचना की, जिसे उन्होंने दिल्ली निवासियों के लिए एक संकट बताया।
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