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बाजार की चाल: सेंसेक्स और निफ्टी में शुरूआती गिरावट के बाद जबरदस्त उछाल

व्यापार

भारतीय शेयर बाजार का प्रभावशाली दिन

भारतीय शेयर बाजार में 5 नवंबर, 2024 को एक अद्वितीय और प्रभावशाली दिन देखने को मिला। दिन की शुरुआत में ही बाजार ने नकारात्मकता की झलक दी थी, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बन गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 326.58 अंक गिरकर 78,455.66 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 86.7 अंक घटकर 23,908.65 पर शुरुआती समय में ही खिसका। इस गिरावट का प्रमुख कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की बेचैनी थी।

हालांकि, दोपहर होते-होते बाजार ने एक सकारात्मक दिशा ले ली। निवेशकों के बढ़े हुए उत्साह के साथ, सेंसेक्स ने 380 अंक की छलांग लगाते हुए 79,167 के स्तर को छू लिया। इसी तरह, निफ्टी भी 137 अंक की बढ़ोतरी के साथ 24,130 पर पहुंचा। यह उछाल बिना किसी तकनीकी प्रगति के नहीं था। विशेषज्ञों का मानना था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत फंडामेंटल्स ने इस बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय स्टॉक्स और निवेशकों की प्रतिक्रिया

इस दिन के बाजार में कुछ इक्विटी ने विशेष ध्यान आकर्षित किया। वोडाफोन आइडिया की कीमतों में 2.91% की वृद्धि होकर यह 8.10 रुपए पर पहुंच गई। टीसीएस जैसे आईटी दिग्गजों ने भी 0.28% की वृद्धि दिखाई और यह 3,975.25 रुपए पर बंद हुआ। इसी तरह, एचडीएफसी बैंक ने भी 2.59% की वृद्धि दर्ज की। इन कंपनियों के शेयरों की बढ़त से ग्राहकों में आत्मविश्वास बना।

तांबे और धातु क्षेत्र में जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसी कंपनियों ने भी अपनी भाव बढ़ते हुए देखी। वाहन क्षेत्र में, मारुति और टाटा मोटर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं सन फार्मा ने भी अपने निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिए।

गिरावट का सामना

हालांकि, इस दौरान कुछ स्टॉक्स को गिरावट का भी सामना करना पड़ा। अडानी पोर्ट्स, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पॉवर ग्रिड, और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों के शेयर अपनी कीमत गंवा बैठे। यह गिरावट कहीं न कहीं मार्केट संक्रमांतरण को इंगित करती थी।

एशियाई बाजारों में उत्साह

एशियाई बाजारों में उत्साह

भारत के अलावा, एशियाई बाजारों में भी इसी तरह की सकारात्मक लहर देखने को मिली। जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट, और हांगकांग का हैंग सेंग हरे निशान पर बंद हुए। दक्षिण कोरिया का कोस्पी हालांकि थोड़ा नुकसान झेल रहा था। इन बाजारों में वैश्विक परिस्थितियों और देशों की आंतरिक नीतियों का मिश्रण देखने को मिला।

अंततः, भारतीय शेयर बाजार में यह दिन दिखाता है कि किस प्रकार की विविधता और अनिश्चितता बाजार के प्रमुख तत्व होते हैं। निवेशकों को अपने निवेश को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए और हमेशा सोच समझकर कदम उठाना चाहिए। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।

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