हरारे में पलटवार: गेंद से दबदबा, बैटिंग में सयंम
Zimbabwe vs Sri Lanka का दूसरा टी20 हरारे में जिम्बाब्वे के नाम रहा। मेज़बान टीम ने श्रीलंका को 5 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज़ 1-1 से बराबर कर दी। जीत का तरीका भी दमदार था—छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे ने सिर्फ 15 ओवर में काम तमाम कर दिया।
कहानी की शुरुआत श्रीलंका की बल्लेबाज़ी से हुई, जहाँ शुरुआती चंद ओवर संभलकर खेलने के बाद अचानक धक्का लगा और स्कोरबोर्ड 38/5 दिखा रहा था। दबाव बनाने का श्रेय सीधे जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को जाता है—लाइन-लेंथ सटीक, फील्डिंग टाइट और हर ओवर में डॉट बॉल का दबाव।
सिकंदर रज़ा ने—जो फिलहाल आईसीसी टी20 रैंकिंग में नंबर-1 ऑलराउंडर हैं—पहले ही ओवर में स्ट्राइक दिलाई और फिर लगातार वैरिएशन से मध्यक्रम को उलझाए रखा। ऑफ-कटर, स्लाइडर और टर्न के साथ उनकी गति में छोटे-छोटे बदलाव बैटरों की लय तोड़ते रहे। दूसरी ओर ब्रैड इवांस ने पावरप्ले में हार्ड लेंथ और टेस्ट-मैच जैसी लाइन से विकेट निकाले, जिससे श्रीलंका की रीढ़ जल्द उखड़ गई।
हरारे की सतह ने भी कहानी बदली। गेंद कई बार रुककर आई, उछाल समान नहीं था, और क्रॉस-सीम तथा स्लोअर-वन पर पकड़ मिली। ऐसे में शॉट लगाना तभी मुमकिन था जब बैटर पूरी तरह गेंद के नीचे आ जाए। श्रीलंका के कई शॉट टाइमिंग पर चूके और कैचिंग पोज़िशन में सीधे गए।
दासुन शनाका एक टाइट एंगल से निकली गेंद को गैप में चिपकाना चाहते थे, लेकिन स्क्वीज़ करने का प्रयास सीधे इनर-सर्कल में चला गया। कमिन्दु मेंडिस—जिन्होंने पिछले मैच में ज़िम्मेदारी उठाई थी—इस बार सेट होने के बाद भी थमे नहीं और विकेट दे गए। मध्यक्रम में साझेदारी बनाने की कोशिशें दो-तीन ओवर से ज़्यादा चल नहीं पाईं।
- पहला झटका रज़ा ने अपने शुरुआती ओवर में दे दिया, लय वहीं से टूटी।
- इवांस की पावरप्ले में टाइट लेंथ और बैक-ऑफ़-अ-लेंथ पर नियंत्रण, जिसे श्रीलंका पढ़ नहीं पाया।
- शनाका का लो-परसेंटेज शॉट और उसके तुरंत बाद एक और विकेट—डबल-स्ट्राइक ने नुकसान बढ़ाया।
- मध्यक्रम में कोई बड़ी साझेदारी नहीं, स्ट्राइक रोटेशन ढीला, डॉट-बॉल का पहाड़ खड़ा होता गया।
नतीजा यह रहा कि श्रीलंका एक साधारण स्कोर से आगे नहीं बढ़ सका। डेथ ओवर्स में भी अलग गियर देखने को नहीं मिला क्योंकि जिम्बाब्वे ने आख़िर तक लेंथ मिस नहीं की और बैटरों को हिटिंग आर्क में आने का मौका नहीं दिया।
पीछा आसान दिखा, पर योजना थी कड़ी
पहले टी20 की तुलना में जिम्बाब्वे का पीछा कहीं ज़्यादा सलीकेदार था। तब ब्रायन बेनेट ने उड़ान तो दी थी, लेकिन मध्यक्रम फिनिश नहीं कर पाया था। इस बार टेम्प्लेट बदला—रीस्क कम, रोटेशन तेज़ और बाउंड्री तभी जब गेंद हक़दार हो। लक्ष्य बड़ा नहीं था, तो टीम ने क्लस्टर-विकेट से बचते हुए 15 ओवर में 5 विकेट हाथ में रखकर मैच निपटा दिया।
मेज़बानों ने शुरुआत में नई गेंद के खिलाफ समय लिया। गेंद रुककर आ रही थी, इसलिए लेट कट, गाइड और डैब जैसे कम-जोखिम वाले शॉट ज़्यादा दिखे। बीच के ओवरों में सिंगल-डबल से स्ट्राइक घूमती रही और जैसे ही गेंद पुरानी हुई, कुछ ढीली गेंदों को बाउंड्री में बदला गया।
यह बदलाव मानसिकता में भी दिखा। पिछले कुछ हफ़्तों से जिम्बाब्वे घर में कई मैचों में कंट्रोल में रहा, पर निर्णायक घड़ी में मैच हाथ से निकल गया। इस मुकाबले में उन्होंने वही गलती नहीं दोहराई—सेट बैटर टिके रहे, नॉन-स्ट्राइकर ने रोल साफ रखा और जोखिम की सीमा तय रही। रज़ा ने गेंद से तो कमाल किया ही, ड्रेसिंग रूम में उनकी मौजूदगी ने टेम्पो भी साधा रखा।
श्रीलंका ने बीच-बीच में स्पिन से पेंच कसने की कोशिश की, लेकिन जिम्बाब्वे ने स्वीप और रिवर्स-स्वीप को बहुत चुनिंदा मौके पर ही निकाला। असल फर्क स्ट्राइक-रोटेशन ने बनाया—5-6 ओवर ऐसे निकले जिनमें हर गेंद पर रनों की संभावना बनी रही।
अब बात श्रीलंका की। वनडे सीरीज़ क्लीन स्वीप और पहला टी20 जीतने के बाद उनके पास बढ़त थी, लेकिन इस मैच ने कुछ पुराने सवाल फिर खड़े कर दिए—मध्यक्रम दबाव में टूटता क्यों है? पावरप्ले के बाद स्टेबलाइज़र कौन होगा? और डेथ में 12-15 रन प्रति ओवर की रफ्तार कौन देगा?
- टॉप-5 की भूमिकाएँ स्पष्ट करें—कम से कम एक एंकर 8-10 ओवर तक टिके।
- रज़ा के खिलाफ शुरुआत में सिंगल-डबल निकालें, बिग-शॉट का इंतज़ार करें; उनके खिलाफ विकेट बचाना प्राथमिकता हो।
- इवांस और हार्ड-लेंथ पर फ्रंट-फुट कमिटमेंट कम रखें; लैप या गाइड से फील्ड फैलाएँ।
- डॉट बॉल दर घटाएँ—हर ओवर में चार-पाँच सिंगल भी स्कोर को चलाए रखेंगे।
निर्णायक तीसरा टी20 अब सीरीज़ का रुख तय करेगा। हरारे जैसी सतह पर 140-150 भी मैच-विनिंग हो सकता है, बशर्ते गेंदबाज़ लेंथ पकड़ लें और फील्डिंग बुनियादी कैच न छोड़े। जिम्बाब्वे के लिए पॉजिटिव ये है कि उनकी योजनाएँ वर्क कर रही हैं—पावरप्ले में चोट, बीच के ओवर में स्पिन का जाल और फिर पीछा करते हुए शांत दिमाग।
श्रीलंका के पास क्वालिटी है—अनुशासित शुरुआत, एक ठोस साझेदारी और डेथ में दो ओवर की साफ हिटिंग उन्हें फिर खेल में लौटा सकती है। ज़माना टी20 का है, मोमेंटम पलटने में छह गेंद से ज़्यादा नहीं लगतीं। सीरीज़ बराबरी पर है, और यही अनिश्चितता तीसरे मैच को और रोमांचक बना देगी।
टिप्पणि
Nitin Soni
7/सित॰/2025बहुत अच्छा मैच था! जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने तो बिल्कुल धमाकेदार काम किया। रज़ा का ऑफ-कटर तो देखने लायक था। ऐसे मैच देखकर लगता है कि टी20 अब सिर्फ हिट-एंड-विन नहीं, बल्कि स्मार्ट प्लेयिंग का खेल बन गया है।
varun chauhan
7/सित॰/2025वाह 😍 ये वाला मैच तो बिल्कुल बॉल्ड गेम था! रज़ा ने तो बस एक ओवर में ही श्रीलंका की आत्मा निकाल दी। इवांस की लाइन भी बेहतरीन थी। अब तीसरा मैच देखने को मिलेगा, बस इतना ही चाहिए 😊
Prince Ranjan
7/सित॰/2025अरे यार ये सब बकवास है जिम्बाब्वे के गेंदबाज तो बस एक बार अच्छा फील्डिंग कर गए और लोग उन्हें जीने लगे श्रीलंका के बल्लेबाज तो बस बैठे रहे जैसे उनके बैट पर भारी बारिश हो रही हो अब ये टीम जीतेगी तो शायद दुनिया का नंबर एक टीम बन जाएगी
Suhas R
7/सित॰/2025ये सब फेक है भाई ये मैच तो फिक्स किया गया था जिम्बाब्वे के कोच ने श्रीलंका के खिलाड़ियों को बर्बरी में डाल दिया था वो भी अपने ही देश के लोगों के पैसे से जिम्बाब्वे के लिए खेलने को मजबूर किया गया अब ये जीत तो बस एक ड्रामा है
Pradeep Asthana
7/सित॰/2025तुम सब ये बातें कर रहे हो पर श्रीलंका के मध्यक्रम के खिलाड़ी तो बस बैठे रहे बिना किसी रणनीति के देखो शनाका का शॉट तो बस एक गलती थी और तुम लोग उसे बड़ी बात बना रहे हो असल में ये टीम तो अभी भी बच्चों जैसी है
Shreyash Kaswa
7/सित॰/2025हमारे देश के खिलाड़ियों को भी इस तरह की रणनीति सीखनी चाहिए। जिम्बाब्वे ने दिखाया कि नियंत्रण और समय बर्बाद न करना कितना जरूरी है। ये जीत हमारे लिए भी प्रेरणा है।
Sweety Spicy
7/सित॰/2025ओह अरे भगवान ये तो बस एक बड़ा झूठ है जिम्बाब्वे के गेंदबाज तो बस एक दिन के लिए अच्छे खेले बाकी तो हमेशा ऐसा ही होता है श्रीलंका अपने बल्लेबाजों को बचाने के लिए इतना नहीं खेलता ये तो बस एक फेक न्यूज है
Maj Pedersen
7/सित॰/2025ये मैच देखकर बहुत खुशी हुई। जिम्बाब्वे की टीम ने बहुत समझदारी से खेला। गेंदबाजी में शांति, बैटिंग में दृढ़ता। ऐसे खेल को देखकर लगता है कि क्रिकेट अभी भी एक बड़ा खेल है।
Ratanbir Kalra
7/सित॰/2025क्या ये गेंदबाजी असल में तकनीक है या फिर ये एक भावनात्मक अभिव्यक्ति है जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने क्या अनुभव किया जब वो गेंद को रोक रहे थे क्या ये एक शांति का संकेत है या फिर एक अंतर्ज्ञान का प्रकटीकरण
Seemana Borkotoky
7/सित॰/2025अच्छा लगा ये मैच। जिम्बाब्वे की फील्डिंग तो बिल्कुल बाजू जैसी थी। श्रीलंका के बल्लेबाज तो बस एक बार भी गेंद के नीचे नहीं आ पाए। ये टीम तो अब अपने घर में जीत के लिए एक नया रिकॉर्ड बना रही है।
Sarvasv Arora
7/सित॰/2025अरे ये तो बस एक छोटी जीत है जिम्बाब्वे के गेंदबाज तो बस एक दिन के लिए अच्छे खेले अगर ये टीम अपने घर में इतनी आसानी से जीत जाती है तो ये तो बस एक अच्छा फील्ड नहीं बल्कि एक अच्छा ड्रामा है
Jasdeep Singh
7/सित॰/2025इस मैच में जिम्बाब्वे की टीम ने एक नया ट्रेंड स्थापित किया है जिसे हम टी20 क्रिकेट के नए इको-सिस्टम में डिफाइन कर सकते हैं जिसमें बैटिंग का रोल डिक्रीज हो रहा है और बॉलिंग का रोल इंक्रीज हो रहा है ये एक डायनामिक ट्रांसफॉर्मेशन है जिसे आईसीसी को रिवाइज करना चाहिए
Rakesh Joshi
7/सित॰/2025ये जीत तो बहुत बड़ी बात है! जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने अपनी आत्मविश्वास को दिखा दिया। श्रीलंका को अब तीसरे मैच में बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा। अगर ये टीम ये फॉर्म बनाए रखती है तो ये दुनिया की टॉप टीम बन सकती है!
HIMANSHU KANDPAL
7/सित॰/2025मैंने इस मैच को देखा और रो पड़ा। श्रीलंका के खिलाड़ियों की आँखों में निराशा थी। जिम्बाब्वे के गेंदबाज तो बस एक बार भी गलत नहीं गए। ये तो बस एक जीत नहीं बल्कि एक दुख की कहानी है।
Arya Darmawan
7/सित॰/2025मैच की बात करें तो जिम्बाब्वे की टीम ने बहुत अच्छा काम किया। रज़ा की गेंदबाजी तो बिल्कुल बाजू जैसी थी। इवांस ने भी पावरप्ले में बहुत अच्छा काम किया। अब तीसरा मैच बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीलंका को अपने मध्यक्रम को मजबूत करना होगा।
Raghav Khanna
7/सित॰/2025इस मैच के बाद जिम्बाब्वे की टीम ने एक नया मानक स्थापित किया है। बैटिंग और बॉलिंग दोनों में अत्यधिक संगठित रणनीति का प्रयोग किया गया। इस तरह के खेल को नवीनतम टी20 टूर्नामेंट्स में अपनाया जाना चाहिए। श्रीलंका के लिए यह एक बड़ा सबक है।