फर्जी दावे की सोशल मीडिया पर बाढ़
पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश की वायुसेना से जुड़े एक सनसनीखेज दावा इंटरनेट पर छाया रहा। सोशल मीडिया और कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर खबर फैलने लगी कि बांग्लादेश एयरफोर्स के सात सीनियर अफसरों को भारत की खुफिया एजेंसी रॉ से संबंध होने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया। इस दावे को सबसे पहले बांग्लादेश के अखबार 'दैनिक अमर देश' ने छापा था, जिसमें कहा गया कि छह सीनियर अफसर 'विदेशी खुफिया एजेंसी' से रिश्ते के शक में जबरन रिटायर किए गए। फौरन ही पाकिस्तान से जुड़े ट्विटर अकाउंट्स और यूट्यूब चैनल्स ने इस खबर को उठा लिया और कहानी में एक अफसर जोड़कर सात अफसरों की बर्खास्तगी बताने लगे।
ट्विटर पर @TheDailyCPEC, @PakUrdu_ और @Defense_Talks जैसे अकाउंट्स ने भी इस दावे को सही बताकर आगे बढ़ाया। अपने-अपने हिसाब से बातें जोड़कर पाकिस्तान के कुछ प्लेटफॉर्म्स ने कथित 'साजिश' की कहानी जमकर फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बांग्लादेश सैन्य प्रवक्ता ISPR की साफ सफाई
इन वायरल दावों के बाद बांग्लादेश की सेना का रुख साफ था। वहां की सैन्य मीडिया विंग ISPR ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि यह सारी ख़बरें पूरी तरह फर्जी हैं। ISPR के मुताबिक जिन अफसरों की बात हो रही है, वे सभी अपनी तय सेवा पूरी करने के बाद रिटायर हुए हैं। न तो किसी ने जबरन रिटायरमेंट दी, न ही किसी का किसी विदेशी खुफिया एजेंसी से कोई आपराधिक संबंध मिला। बांग्लादेश वायुसेना के रिकॉर्ड में इस किस्म के आरोपों की कोई पुष्टि नहीं है।
ISPR ने साफ कहा कि दैनिक अमर देश जैसी वेबसाइट्स द्वारा ये फर्जी दावे फैलाना देश की सुरक्षा के लिए नुकसानदायक है। सेना ने इस मुद्दे पर अखबार की निंदा भी की और कहा कि बार-बार आधिकारिक बयान के बावजूद गलत खबरें चलाना गैरजिम्मेदाराना पत्रकारिता है। ISPR ने यह भी जोड़ दिया कि ऐसा करना देश की सेना की छवि धूमिल करने जैसा है।
फैक्ट चेक में यह भी पता चला कि यह 'रॉ कनेक्शन' की कहानी बिना किसी ठोस सबूत के गढ़ी गई थी। रिटायरमेंट की पूरी प्रक्रिया जांची गई, तो यह वही थी जैसी आम अफसरों के मामले में होती है। कहीं से भी जबरन बर्खास्तगी या विदेशी एजेंसी से संबंध का कोई स्पष्ट तथ्य नहीं मिला।
- दावा : सात अफसरों की बर्खास्तगी (झूठा)
- सच्चाई : सेवा पूरी होने के बाद सामान्य रिटायरमेंट
- सबूत : आधिकारिक बयानों और रिकॉर्ड्स, कोई विदेशी कनेक्शन नहीं
- प्रचार : पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया चैनल्स द्वारा खूब बढ़ाया गया
ये पूरी कहानी बताती है कि कैसे एक अफवाह सोशल मीडिया के जरिए तूल पकड़ सकती है, और पड़ोसी देश की राजनीति या रिश्तों से जुड़े बड़े झूठ तेजी से फैलाए जा सकते हैं। बांग्लादेश एयरफोर्स के अफसरों के खिलाफ रॉ से जुड़े आरोप महज एक फर्जी कहानी थी जिस पर अब तो बांग्लादेश की सेना भी खुलकर सफाई दे चुकी है।
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