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गर्मी की त्रासदी: हज यात्रियों की मौत का कारण बनी तेज धूप

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मक्का में भीषण गर्मी

सउदी अरब में हर साल लाखों लोग हज यात्रा के लिए मक्का जाते हैं। इस साल की हज यात्रा ने एक मरमामत स्थिति पैदा कर दी, जब 1,301 लोगों की मौत का मामला सामने आया। उतपत्ति की तहकीकात में पाया गया कि मृत्यु का मुख्य कारण अत्यधिक गर्मी थी। मक्का का तापमान रिकॉर्ड 52 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फारेनहाइट) तक पहुँच गया था।

अवैध यात्राओं का प्रसार

सऊदी अरब सरकार ने कहा कि सबसे ज्यादा मौतें उन यात्रियों की हुईं जो बिना अनुमति के यात्रा कर रहे थे। अवैध यात्रियों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं जैसे एयर कंडिशन बसें, पर्याप्त पानी और खाना भी मुहैया नहीं हो पा रहा था।

ऐसे यात्रियों को सरकारी सुविधाएं न मिल पाने के कारण वे लंबी दूरी धूप में तय कर रहे थे और जिससे गर्मी का संहार उनपर हावी हुआ।

यात्रियों की पहचान और अंतिम संस्कार

यात्रियों की पहचान और अंतिम संस्कार

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि मृतक यात्रियों की पहचान, मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना और उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अत्यंत सावधानियों के साथ पूरा किया जाए।

गवाहों का बयान

प्रत्यक्षदर्शियों ने विवरण देते हुए कहा कि वेकुद्दूस दृश्य जैसे कि लोग तेज धूप की चपेट में आकर बेहोश हो जाना और यात्रियों के शव सफेद कपड़ों में लिप्त देखे गए।

इजिप्ट की स्थिति

इजिप्ट की स्थिति

इजिप्ट की सरकार ने हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए उन 16 हज पर्यटन कंपनियों का लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है जो इस निगरानी के बिना हज यात्राओं का आयोजन कर रहीं थीं।

इजिप्ट की सरकार ने यह आंशका भी जताई कि मृतकों में बड़ी संख्या में इजिप्शियन हो सकते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर 31 इजिप्शियन मृतकों का आंकड़ा बताया गया है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार वास्तविक संख्या 500 से 600 तक हो सकती है।

समाज में चिंतन

समाज में चिंतन

इस घटना ने पूरे समाज में गहरा चिंतन पैदा कर दिया है, जहां हज जैसी धार्मिक यात्रा में भी इस प्रकार की अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। विशेषकर उस समय जब यात्रा का मार्ग पूरी तरह से सुचारू और सुरक्षित होना चाहिए।

इस परीस्थिति का गंभीरता से परीक्षण करना और आवश्यक कदम उठाना बहुत जरूरी हो गया है ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

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