• घर
  • जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन की राह पर NC-कांग्रेस गठबंधन: उमर अब्दुल्ला का बयान

जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन की राह पर NC-कांग्रेस गठबंधन: उमर अब्दुल्ला का बयान

राजनीति

जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक अध्याय: एनसी-कांग्रेस गठबंधन की सफलता

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इस समय एक नवाचारी मोड़ आया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के गठबंधन ने सरकार बनाने के लिए अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। यह गठबंधन विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर शक्ति प्रदर्शन करने में सफल रहा है। इस चुनाव परिणाम ने एक बार फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस को केंद्रीय भूमिका में खड़ा किया है, जिसमें 42 सीटें एनसी को और 6 सीटें कांग्रेस को मिली हैं।

अहम रूप से, इस गठबंधन को स्वतन्त्र विधायक चुने गए चार सदस्यों और आम आदमी पार्टी के एक सदस्य से भी समर्थन प्राप्त हुआ है। इस गठबंधन की सरकार बनने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए उमर अब्दुल्ला ने लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मुलाक़ात कर संवैधानिक समर्थन पत्र प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर से शीघ्रता से शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की मांग की है, जो संभवतः बुधवार को हो सकता है।

उमर अब्दुल्ला: नेतृत्व की नई दिशा

उमर अब्दुल्ला को नेकां विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुना गया है, जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पार्टी का नेतृत्व में उनके प्रति पूर्ण विश्वास है। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया है कि नई सरकार जम्मू-कश्मीर के समस्त लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी। उनकी प्राथमिकता यह होगी कि राज्य के हर नागरिक को एकजुड़ता और सहभागिता का आभास हो, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां भारतीय जनता पार्टी ने अधिकतम सीटें जीती हैं।

जम्मू क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन

जम्मू क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन

चुनाव परिणामों में भाजपा ने जम्मू क्षेत्र में 29 सीटें हासिल की हैं, लेकिन यह बात गौर करने योग्य है कि उनके किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। इससे क्षेत्रीय राजनीतिक धाराओं में एक विशेष अंतर देखने को मिला। इन चुनावों से जेकेपी में स्थानीय नेतृत्व की महत्ता बढ़ी है, और यह देखना रोचक होगा की भाजपा आने वाले समय में इस स्थिति को कैसे संभालेगी।

धारा 370 के बाद पहली निर्वाचित सरकार

यह नई सरकार जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विघटन होने के बाद पहली निर्वाचित सरकार होगी। 2019 में धारा 370 को निरस्त कर दिया गया था, जिससे राज्य की स्वायत्तता समाप्त हो गई थी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नया गठबंधन किस प्रकार से राज्य में सुशासन और विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता है।

अभी के लिए, यह दौर जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई शुरुआत की संभावनाओं का है, और पूरा देश इस ओर गौर से देख रहा है। इस नई सरकार के प्रयासों को इस रूप में देखा जाएगा कि वे दर्शाते हैं कि किस प्रकार से जनप्रिय नीतियों के माध्यम से विकास की नई राहें खोली जा सकती हैं, और किस प्रकार से राज्य के हर क्षेत्र, विशेषकर जम्मू के मैदानों के लोगों के हितों का सुरक्षित रखा जा सकता है।

टिप्पणि

  • Seemana Borkotoky

    Seemana Borkotoky

    12/अक्तू॰/2024

    ये गठबंधन असल में कश्मीर के लोगों की आवाज़ है। जम्मू के लोगों को भी सुना जाए, न कि बस एक तरफ़ की बातें। अब तो बस वादे नहीं, वास्तविकता दिखानी होगी।
    मैंने अपने दोस्तों से बात की, जो लद्दाख से हैं, उनका कहना है कि अब तक का कोई भी सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर पाई।

  • Ratanbir Kalra

    Ratanbir Kalra

    12/अक्तू॰/2024

    अब देखना होगा कि ये सब जो बोल रहे हैं वो कितना बोल पाएंगे असली ज़िम्मेदारी लेकर
    क्या ये गठबंधन वाकई धारा 370 के बाद के दर्द को समझता है या फिर बस एक नया नाम लगाना चाहता है
    हर बार नया नाम लगाकर बात बन जाती है पर ज़मीन पर कुछ नहीं बदलता
    अब जो भी आएगा उसकी असली परीक्षा होगी ये कि वो नागरिकों के साथ खड़ा होगा या फिर बस एक अधिकारी बन जाएगा

  • Sarvasv Arora

    Sarvasv Arora

    12/अक्तू॰/2024

    अरे भाई ये सब नेता तो बस चुनाव के बाद एक दूसरे को गले लगाते हैं और फिर जब बजट आता है तो एक दूसरे के पैरों में दांत डाल देते हैं
    ये गठबंधन तो बस एक शादी है जिसमें दोनों पक्ष बस जायदाद बांटना चाहते हैं
    उमर अब्दुल्ला जी तो बस अपने पार्टी के लिए बाहर निकल रहे हैं और कांग्रेस वाले बस अपने नाम का ब्रांड बचाना चाहते हैं
    किसी को जम्मू के गरीब किसानों की चिंता है? किसी को लद्दाख के बच्चों की पढ़ाई की चिंता है? नहीं भाई बस चुनाव के बाद का नाम बदलना है

  • Jasdeep Singh

    Jasdeep Singh

    12/अक्तू॰/2024

    ये सब गठबंधन वाले बस अपने राजनीतिक लाभ के लिए बातें कर रहे हैं
    धारा 370 का निरसन एक ऐतिहासिक निर्णय था और अब ये लोग उसी के नीचे अपनी सरकार बनाने की बात कर रहे हैं
    इसका मतलब ये है कि उनका असली मकसद जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक विरासत को बचाना है
    ये लोग जो अब भाजपा के खिलाफ नारे लगा रहे हैं वो खुद उसी राजनीति के बनाने वाले हैं जिसने यहां की अर्थव्यवस्था को लूटा
    हमें नेताओं के बजाय नागरिकों की आवाज़ सुननी होगी न कि ये सब बाज़ारी राजनीति जो बस चुनाव के बाद बिकती है
    क्या ये गठबंधन जम्मू के उन लोगों को भी शामिल करेगा जिन्होंने भाजपा को वोट दिया? नहीं तो ये बस एक नया विभाजन है
    हमें ये नहीं चाहिए कि एक तरफ़ जम्मू और दूसरी तरफ़ कश्मीर बन जाए जैसे पहले था
    अगर ये सरकार असली एकता लाना चाहती है तो ये बातें बस शपथ ग्रहण के बाद भूल जाएंगे

  • HIMANSHU KANDPAL

    HIMANSHU KANDPAL

    12/अक्तू॰/2024

    अब तो ये सब बहस बेकार है
    जब तक यहां की आतंकवादी नीति बरकरार है तब तक कोई सरकार असली विकास नहीं कर पाएगी
    और जो लोग ये कहते हैं कि भाजपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को नहीं दिया तो उन्हें याद रखना चाहिए कि भाजपा ने यहां बस एक चुनावी रणनीति बनाई है जो उनकी असली पहचान नहीं है
    हमें बस ये देखना है कि अब कौन सरकार लोगों के लिए काम करेगी और कौन सिर्फ़ अपना नाम बढ़ाएगा

  • Maj Pedersen

    Maj Pedersen

    12/अक्तू॰/2024

    हमें उम्मीद है कि नई सरकार जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक के लिए समान अवसर लाएगी। यह एक ऐतिहासिक अवसर है।

एक टिप्पणी लिखें