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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लखनऊ मेट्रो फेज 1बी के लिए 5,801 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी

समाचार

जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री और भारत के नेता, ने लखनऊ की रस्ते‑पार्क को देखी, तो उन्हें तुरंत एक बड़ी परियोजना की याद आई। मंगलवार, 24 सितंबर 2024 को आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लखनऊ मेट्रो फेज 1बीन्यायालय, नई दिल्ली को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश के साथ औपचारिक मंजूरी मिली।

इस निधि अनुमोदन की घोषणा अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय रेल मंत्री ने की, “लखनऊ एक बड़ा शहर है और यहाँ मेट्रो की अत्यधिक जरूरत है। यही कारण है कि फेज 1बी को इस राशि से समर्थन दिया गया है।” उनका यह बयान संसद के सामने रिकॉर्ड किया गया, और तुरंत सामाजिक मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

परियोजना का विस्तृत दायरा

नवीन फेज 1बी कुल 34 किलोमीटर तक मेट्रो नेटवर्क को विस्तारित करेगा, जिसमें मौजूदा लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UMLRC) के ट्रैक से 11 किलोमीटर नई रेखा जुड़ जाएगी। प्रमुख स्टेशन:

  • जैसवाल‑बौध (न्यू टर्मिनल)
  • हसनाबाद (मुख्य क्रॉस‑ओवर)
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) – अस्पताल‑हब
  • विलायती सर्किल (पर्यटन‑हब)

इन सभी स्टेशनों को जोड़ने से पुराने लखनऊ के बाज़ार, ऐतिहासिक स्थल और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुँच आसान हो जाएगी।

कार्यक्रम‑समय‑सारिणी व अनुमानित अवधि

दैनिक कार्य में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) को प्रमुख भूमिका सौंपी गई है। इस कॉर्पोरेशन ने बताया कि निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 से शुरू होगा। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, इस जटिल शहरी परिदृश्य में कई पचले‑जाने वाले मुद्दे—जैसे अत्यधिक ट्रैफ़िक, पुरानी इमारतों का मौजूदगी—के कारण पूरा होने में चार से पाँच साल लग सकते हैं, यानी 2029‑2030 के आसपास।

स्थानीय प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ राय

लखनऊ के कई नागरिक समूहों ने इस कदम का स्वागत किया। “अब तो हमें भीड़भाड़ वाले सड़कों पर घबराने की जरूरत नहीं रहेगी,” कहते हैं शहीद स्मृति नगर के निवासी राजेश वर्मा। वहीं, शहरी योजना विशेषज्ञ डॉ. अनीता सिंह ने चेतावनी दी, “पुराने शहर के ध्वस्त‑निवासियों की पुनर्वास योजना को पारदर्शी और तेज़ बनाना होगा, नहीं तो लागत‑अधिक हो सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि UPMRC समय‑सारिणी पर क़रीबी निगरानी रखेगा तो प्रोजेक्ट सफल हो सकता है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

5,801 करोड़ रुपये का निवेश केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम भी है। अनुमान है कि निर्माण चरण में लगभग 12,000 सीधी‑नौकरियों और 30,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का निर्माण होगा। इसके साथ ही, मेट्रो के विस्तार से लखनऊ के व्यापारिक केंद्रों की पहुंच बेहतर होगी, जिससे वार्षिक टर्न‑ओवर में 8‑10 % की बढ़ोतरी हो सकती है।

भविष्य की राह

सरकार ने कहा कि फेज 1बी पूरा होने के बाद अगली परमिटेड योजना—फेज 2—पर चर्चा जल्द ही शुरू होगी, जिसमें लखनऊ के दक्षिणीय क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। यह विस्तार राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो‑सेवा को शीर्ष पाँच में लाने का लक्ष्य रखता है।

मुख्य तथ्य

  • अनुमोदित राशि: 5,801 करोड़ रुपये
  • विस्तार की लंबाई: 34 किमी (नई 11 किमी)
  • निर्माण शुरू: अक्टूबर 2025
  • अनुमानित पूर्णता: 2029‑2030
  • मुख्य शामिल स्थल: केजीएमयू, सेंट्रल मार्केट, विलायती सर्किल

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लखनऊ मेट्रो फेज 1बी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

मुख्य लक्ष्य पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले इलाकों को तेज, सुरक्षित, और किफायती सार्वजनिक परिवहन से जोड़ना है, जिससे रोज़मर्रा की यात्रा में समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।

निरंतर निर्माण के दौरान ट्रैफ़िक पर क्या असर पड़ेगा?

निर्माण के शुरुआती चरण में कुछ प्रमुख जंक्शन पर अस्थायी बैंडेज और रूट परिवर्तन होंगे, पर स्थानीय प्राधिकरण वैकल्पिक मार्ग प्रदान करने का आश्वासन देते हैं। अंतिम चरण में ट्रैफ़िक पर प्रभाव कम हो जाएगा।

केजीएमयू अस्पताल को जोड़ने से छात्रों और मरीजों को क्या लाभ होगा?

केजीएमयू के पास लाखों रोगी आते हैं। मेट्रो स्टेशन से सीधे जुड़ने से आपातकालीन यात्राएँ तेज़ होंगी, मेडिकल स्टाफ की पिक‑अप आसान होगी और छात्रों के दैनिक सफर में काफी सुधार आएगा।

क्या इस परियोजना से स्थानीय छोटे व्यवसायों को फायदा होगा?

मेट्रो रूट के पास स्टॉल, रिटेल शॉप और कफ़े स्थापित होंगे, जिससे नई ग्राहक धारा बनेंगी। कई छोटे व्यापारी इस बढ़ते दर्शक वर्ग को लक्ष्य बनाकर अपने व्यापार को बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।

परियोजना की लागत बढ़ने की क्या संभावना है?

खर्च में बढ़ोतरी मुख्यतः भूमियों के अधिग्रहण, पुरानी इमारतों की एस्टिमेट और अपरिचित भूवैज्ञानिक चुनौतियों की वजह से हो सकती है। हालांकि, सरकार ने बजट रेगुलर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है, जिससे अत्यधिक ओवररन को रोका जा सके।

टिप्पणि

  • ONE AGRI

    ONE AGRI

    30/सित॰/2025

    लखनऊ की धड़कनों को महसूस करते हुए मैं कितनी गौरव महसूस करती हूँ कि आज भारत की राजधानी से भी बड़े प्रोजेक्ट हमारे शहर में उभर रहे हैं। यह मेट्रो फेज 1बी सिर्फ एक परिवहन योजना नहीं, बल्कि स्वावलंबन का प्रतीक है, जिससे देश की प्रगति की दिशा में एक और कदम बढ़ता है। हमारे पूर्वजों ने जब स्वाधीनता की लड़ाई लड़ी, तो उन्होंने भी विशाल सपनों को साकार करने की हिम्मत रखी थी; यही भावना आज इस धूप-छाँव से भरे शहरी माहौल में भी जगी है। सरकार की इस पहल में अगर कभी कोई कमी रह गई, तो हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्य समझकर आवाज़ उठानी चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ लखनऊ नहीं बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र का हित है। मेरे बताने पर भी ये भावनाएँ भड़कती हैं, जिससे मैं अपने आस‑पास के लोगों को इस विकास के प्रति जागरूक करने की कोशिश करती रहती हूँ। यदि किसी को लगता है कि यह पर्याप्त नहीं, तो मैं उन्हें बताना चाहूँगी कि हमारा शौर्य इतिहास में लिखा हुआ है और यही शौर्य आज भी जीवित है। अंत में, मेरा मानना है कि इस मेट्रो का निर्माण हमारे देश की आत्मा को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

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