• घर
  • शिव राजकुमार की 'भैरथी रंगाल' ने जीता दर्शकों का दिल: पाई 'पैसा वसूल' मनोरंजन की उपाधि

शिव राजकुमार की 'भैरथी रंगाल' ने जीता दर्शकों का दिल: पाई 'पैसा वसूल' मनोरंजन की उपाधि

मनोरंजन

शिव राजकुमार की 'भैरथी रंगाल' दर्शकों की पसंद बनी

शिव राजकुमार की नई कन्नड़ फिल्म 'भैरथी रंगाल' दर्शकों की प्रतिक्रियाओं के चलते चर्चा में है। इस फिल्म ने अपनी शक्तिशाली कहानी और अद्वितीय अभिनय के माध्यम से खुद को एक सच्ची 'पैसा वसूल' मास एंटरटेनर के रूप में स्थापित किया है। 'भैरथी रंगाल' दरअसल 2017 में आई शिव राजकुमार की फिल्म 'मुफ़्ती' का प्रीक्वल है। नर्थन द्वारा निर्देशित यह फिल्म, भैरथी रंगाल नाम के एक किरदार की यात्रा को दिखाती है जो एक कानून पसंद वकील से किस तरह से एक कुख्यात गैंगस्टर बन जाता है।

फिल्म की कहानी मुख्य रूप से भैरथी रंगाल के अतीत और त्रासदी की घटनाओं को दर्शाती है, जो उसे धीरे-धीरे खनन माफिया के राजा के रूप में बदलने पर मजबूर करती हैं। शिव राजकुमार ने इस किरदार को जिस निपुणता और समझ के साथ पर्दे पर जिया है, वह दर्शकों को बांधे रखने में पूरा सफल हो रहा है। उनकी अभिनय कला में किरदार की संवेदनशीलता और ताकत झलकती है, जिसने दर्शकों को उनकी तरफ खींचा है।

तकनीकी विभागों का महत्व एवं प्रशंसा

इस फिल्म की विशेषता यह है कि इसमें कहानी के साथ-साथ तकनीकी विभागों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। सबसे पहले बात करें, तो रवि बस्रूर का संगीत, जिसने फिल्म के परिदृश्य को संजीवनी देने का काम किया है। चाहे वह एक्शन सीक्वेंस हो या इमोशनल दृश्यों की पृष्ठभूमि, संगीत ने हर बार माहौल को समुचित ऑर्केस्ट्रेशन से उभारा है।

कैमरा वर्क, सेट डिज़ाइन, और अन्य तकनीकी पहलुओं ने भी फिल्म को एक विस्तृत और प्रभावित करने वाला स्वरूप दिया है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी इतनी अच्छी है कि इसे देखना एक विजुअल ट्रीट जैसा लगता है। विशेष रूप से एक्शन दृश्यों में कैमरे के मूवमेंट्स और एंगल्स ने इस फिल्म को वास्तविकता के करीब महसूस कराया है।

फिल्म की शक्तिशाली अभिनय स्क्वॉड

शिव राजकुमार के अलावा, फिल्म में रुक्मिणी वसंथ, राहुल बोस, और शबीर कल्लारक्कल जैसे कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। रुक्मिणी वसंथ ने फिल्म में अपने सरलता और उम्दा अभिनय से दर्शकों का दिल छू लिया है। वहीं, राहुल बोस ने अपने परिपक्व अभिनय के द्वारा कथा को और भी मज़बूती प्रदान की है।

ये अदाकार अपनी अद्वितीय शैली और अनुभव से फिल्म के मूड को संतुलित रखते हुए अपने अभिनय का असली सार प्रस्तुत करते हैं। इन सभी के बीच, शिव राजकुमार की प्रतिभा एक बार फिर साबित होती है कि वे क्यों 'कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार' कहलाते हैं।

समग्र रूप से, फिल्म किसी भी तरह के दर्शकों को निराश नहीं करती, विशेष रूप से उन लोगों को जो एक अच्छी क्राइम ड्रामा स्टोरीलाइन के साथ मजबूत भावनात्मक जुड़ाव की तलाश में हैं। हालांकि फिल्म में कुछ मामूली खामियां हो सकती हैं, जैसे कुछ जगहों पर कहानी की रफ्तार, लेकिन उसका विवरण इतने ताकतवर तत्वों में कहीं गुम हो जाता है।

दर्शकों का जबरदस्त समर्थन और प्रशंसा

भैरथी रंगाल को सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। फैंस इसके प्लॉट ट्विस्ट्स, दमदार डायलॉग्स और एक्शन की तारीफ कर रहे हैं। यह फिल्म एक सच्ची मनोरंजन की मिसाल के रूप में उभरकर सामने आई है, जो दर्शकों को उनकी सीट से बांधे रखने में सक्षम है। यही कारण है कि इसे ‘पैसा वसूल’ फिल्म कहा जा रहा है।

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म शिव राजकुमार के प्रशंसकों के लिए एक अनमोल तोहफा है। यह उन सभी दर्शकों के लिए एक must-watch है जो भावनात्मक जड़ के साथ एक engaging crime story देखना पसंद करते हैं। फिल्म के अंत तक दर्शक भैरथी रंगाल के किरदार से इतनी गहराई से जुड़ जाते हैं कि वे उसकी यात्रा के हर पहलू के साथ खुद को संबंधित पाते हैं।

अतः, 'भैरथी रंगाल' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि परिस्थितियाँ हमें कहाँ ले जा सकती हैं।

टिप्पणि

  • Vaibhav Patle

    Vaibhav Patle

    16/नव॰/2024

    भैरथी रंगाल तो बस एक फिल्म नहीं... ये तो जीवन का एक अध्याय है 😭 शिव राजकुमार ने जो अभिनय किया है वो दिल को छू गया... मैंने तीन बार थिएटर में देखा और हर बार आंखें भर आईं 🙏 ये फिल्म देखकर लगता है जैसे किसी ने मेरे अतीत की कहानी सुनाई हो 😢

  • Garima Choudhury

    Garima Choudhury

    16/नव॰/2024

    पैसा वसूल बोल रहे हो? ये सब बनाया गया है राजनीति के लिए... ये फिल्म एक धोखा है जिसे सरकार और मीडिया चला रहे हैं। शिव राजकुमार को इसमें लगाया गया क्योंकि वो किसी और के बोले बोलते हैं। तुम सब बेवकूफ बन रहे हो।

  • Hira Singh

    Hira Singh

    16/नव॰/2024

    वाह ये फिल्म तो बिल्कुल जबरदस्त थी! शिव राजकुमार की आवाज़ और नज़रें बस दिल जीत लेती हैं 😄 रुक्मिणी का किरदार भी बहुत खूबसूरत था... और संगीत? ओह माय गॉड! रवि बस्रूर का जादू है! दोस्तों अगर तुमने अभी तक नहीं देखी तो आज ही देख लो, बस एक बार देखोगे तो दोबारा देखना चाहोगे!

  • Ramya Kumary

    Ramya Kumary

    16/नव॰/2024

    इस फिल्म ने मुझे एक अजीब सी शांति दी। भैरथी की यात्रा... जब वो खुद को खो देता है, और फिर धीरे-धीरे अपने आप को ढूंढता है... ये तो जीवन का एक अनौपचारिक दर्शन है। हम सब किसी न किसी रूप में भैरथी हैं - बाहर तो ताकतवर लगते हैं, अंदर तो टूटे हुए हैं। फिल्म ने बिना किसी बड़े बयान के ये सब कह दिया।

  • Sumit Bhattacharya

    Sumit Bhattacharya

    16/नव॰/2024

    फिल्म की तकनीकी प्रतिष्ठा उच्च स्तर की है यह तथ्य है संगीत कैमरा वर्क और अभिनय सभी निर्देश के अनुरूप हैं शिव राजकुमार की अभिनय शैली अद्वितीय है और इस फिल्म ने कन्नड़ सिनेमा के लिए नया मानक स्थापित किया है

  • Snehal Patil

    Snehal Patil

    16/नव॰/2024

    इतनी हिंसा दिखाकर क्या बहुत बढ़िया हुआ? इस तरह की फिल्में बच्चों को बुरा सिखाती हैं। गैंगस्टर को हीरो बनाना गलत है। शिव राजकुमार को इतना पैसा देकर क्या अच्छा किया? ये फिल्म बदल रही है समाज का चेहरा।

  • Nikita Gorbukhov

    Nikita Gorbukhov

    16/नव॰/2024

    पैसा वसूल? बस तुम सब भाग्यशाली हो जो इस बकवास को देख रहे हो 😂 ये फिल्म किसी ने बनाई नहीं बल्कि एक बॉस के आदेश से बनाई गई है। नर्थन को निर्देश दिया गया कि शिव को राजा बनाना है। ये सब बाजार का खेल है। और तुम यहां रो रहे हो? बस बंद करो अपनी आंखें खोलो!

  • RAKESH PANDEY

    RAKESH PANDEY

    16/नव॰/2024

    भैरथी रंगाल की कहानी एक सामाजिक आईना है। अपराध और न्याय के बीच की रेखा बहुत पतली है। फिल्म ने इसे बिना निर्णय दिए दर्शाया है। यही इसकी शक्ति है। रवि बस्रूर का संगीत ने फिल्म को एक आध्यात्मिक गहराई दी है। अभिनय टीम ने अपनी निष्ठा से इसे एक यादगार अनुभव बना दिया है।

एक टिप्पणी लिखें