इस्ताफ़ा – कैसे दें, क्या लिखें और कब लेना चाहिए?
कभी सोचा है कि नौकरी छोड़ते वक्त शब्दों को कैसे चुने? कई बार लोग तुरंत भावनाओं में आकर पत्र लिख देते हैं और बाद में पछताते हैं। यहाँ हम आसान‑आसान टिप्स देंगे ताकि आपका इस्ताफ़ा प्रोफेशनल लगे और भविष्य में कोई समस्या न हो।
इस्ताफ़ा पत्र लिखने का सही फॉर्मैट
पहला कदम है एक साफ़ लेटरहेड बनाना। बायें ऊपर अपना नाम, पता और संपर्क लिखें, फिर तारीख डालें। अगले पैराग्राफ में संबोधित व्यक्ति – आमतौर पर आपका मैनेजर या HR का नाम रखें। सीधे कहें कि आप अपनी पदवी से इस्ताफ़ा दे रहे हैं और अंतिम कार्य दिवस कब होगा (आमतौर पर दो हफ़्ते बाद)।
फिर कारण बताइए, लेकिन बहुत विस्तृत नहीं। "पेशेवर विकास के लिए नया अवसर" या "व्यक्तिगत कारणों से" पर्याप्त है। अंत में धन्यवाद लिखें – कंपनी और टीम को सीखने का मौका देने के लिये। अपना नाम सिग्नेचर के साथ बंद करें।
इस्ताफ़ा देने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
1. **नोटिस पीरियड**: अपने अनुबंध में लिखे नोटिस अवधि को ज़रूर देखें। अगर दो हफ़्ते का नियम है, तो उसी के अनुसार काम खत्म करें। नहीं तो कंपनी आपको कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
2. **हैंडओवर प्लान**: एक छोटा दस्तावेज़ तैयार रखें जिसमें चल रहे प्रोजेक्ट्स, महत्वपूर्ण कॉन्टैक्ट और फाइलें हों। इससे टीम को आपका काम सुगमता से आगे बढ़ेगा और आपके रिफरेंस पर असर नहीं पड़ेगा।
3. **कंपनी की पॉलिसी**: कुछ कंपनियों में इस्ताफ़ा देने के बाद भी एचआर से क्लियरेंस फॉर्म भरना पड़ता है – जॉब सपोर्ट, उपकरण वापसी आदि। इन्हें अनदेखा न करें।
4. **वित्तीय पहलू**: आखिरी वेतन स्लिप, बोनस या लिविंग अलाउंस की गणना कर लें। यदि कोई बचत योजना या बीमा है तो उसके अपडेटेड स्टेटमेंट्स भी ले लो।
5. **भावनात्मक तैयारी**: इस्ताफ़ा देने के बाद कई लोग थोड़ा उदास महसूस करते हैं। इसे सामान्य मानें और अपने लक्ष्य पर फोकस रखें – नया जॉब, फ़्रीलांस या अपना खुद का प्रोजेक्ट।
खबरों में अक्सर देखते हैं कि बड़े खिलाड़ी टीम बदलते समय आधिकारिक इस्ताफ़ा देते हैं। जैसे हाल ही में कुछ क्रिकेट सितारों ने नई फ्रैंचाइज़ी के लिए अपने पुराने क्लब से विदाई ली, उसी तरह आपके करियर में भी सही कदम उठाने से भविष्य उज्जवल बनता है।
इस्ताफ़ा लिखते समय याद रखें: स्पष्टता और शिष्टाचार सबसे ज़्यादा मायने रखता है। एक छोटा‑सा प्रोफेशनल लेटर आपको हमेशा अच्छा रेफ़रल देता रहेगा, चाहे आप जहाँ भी आगे जाएँ। अब अपनी अगली नौकरी की तलाश में निकलें या अपना बिज़नेस प्लान बनाएं – आपका इस्ताफ़ा बस एक कदम है।
अंत में, अगर आपको फॉर्मैट या नोटिस पीरियड से जुड़ी कोई दुविधा हो, तो HR या कानूनी सलाहकार से बात कर लें। सही जानकारी के साथ आप आत्मविश्वास से अपना इस्ताफ़ा दे सकते हैं और नई दिशा की ओर बढ़ सकते हैं।
मैनचेस्टर यूनाइटेड के खेल निदेशक पद से डैन एशवर्थ का इस्तीफा क्यों महत्वपूर्ण है
डैन एशवर्थ ने मैनचेस्टर यूनाइटेड के खेल निदेशक पद से केवल पाँच महीनों के बाद इस्तीफा दे दिया है। उनके कार्यकाल में प्रमुख कोच एरिक टेन हाग को हटा दिया गया और रुबेन अमोरिम को नियुक्त किया गया। एशवर्थ ने £200 मिलियन की भारी राशि खर्च की जिसमें लेनी यॉरो, मैनुअल उगार्टे, जोशुआ ज़िर्कज़े, मैथिज्स डी लाइट, और नुसायर मज़राउई जैसे खिलाड़ीयों को लिया गया। उनके इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत मतभेद और शक्तिशाली व्यक्तियों से टकराव भी हो सकता है।
पढ़नाव्यक्तिगत कारणों से UPSC के चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा
यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के चेयरमैन मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा लगभग एक महीने पहले राष्ट्रपति को सौंपा गया है, लेकिन इसे अभी स्वीकार किया जाना बाकी है। वे 59 वर्ष के हैं और UPSC चेयरमैन के रूप में 16 मई, 2023 को शपथ ली थी। इस्तीफा देने का मुख्य कारण उनके सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में अधिक समय देने की इच्छा है।
पढ़ना