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गायक राजवीर जावांडा की दुर्घटना से मृत्यु, हिमाचल में 11 दिन बाद मोहाली में अंतिम विदाई

समाचार

जब राजवीर जावांडा, गायक और अभिनेता का नाम बिगड़े सड़कों से जुड़ी खबरों में आया, तो पंजाबी संगीत जगत का दिल धड़का। 8 अक्टूबर 2025 को सुबह 10:55 बजे Fortis Hospital, मोहाली में उनका देहांत पुष्टि हुआ, जबकि वह 27 सितंबर को सड़क दुर्घटनासोलन जिला, हिमाचल प्रदेश में घोड़े‑गाय के झुंड से टकरा कर बुरी तरह जख्मिल हुए थे।

पृष्ठभूमि और करियर

राजवीर का जन्म 1990 के दशक की शुरुआत में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय काफ़ी गानों से की। ‘सर्दारी’, ‘कांगनी’ और ‘डो नी सजना’ जैसे ट्रैक बनाकर उन्होंने पंजाबी फ़ोक को आधुनिक बीट के साथ मिलाया, जिससे नई पीढ़ी में उनका बड़ा फ़ैन बेस बन गया। फिल्म‑दुनिया में भी उनका कदम डटा था; 2018 की बॉलीवुड फिल्म सबेदार जोगिंदर सिंह में उन्होंने ‘सेपॉय बहादुर सिंह’ का किरदार निभाया और 2019 की जिंद जान में पहले लीड रोल को पूरा किया।

लेकिन एक गायक के तौर पर राजवीर की सबसे बड़ी पहचान उनके लाइव कंसर्ट और स्वैगर वाले गाने थे, जो अक्सर हर शादी में बजते थे। इस वजह से उनका नाम हर बड़े इवेंट के प्लानरों की लिस्ट में पहला होता था।

दुर्घटना की घटनाएँ

27 सितंबर को, राजवीर और उनका साथी दो साथी सवारी वाले मोटरसाइकिल पर सपोर्टिंग बैंड के साथ हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में जश्न मनाने वाले एक इवेंट के बाद लौट रहे थे। हाईवे पर अचानक घोड़‑गाय के झुंड ने रास्ता वर्लोट किया। राजवीर ने ब्रेक लगाए, लेकिन घुटन की वजह से मोटरसाइकिल नियंत्रण से बाहर हो गई और वह बँधते ही रोड के किनारे गिर पड़े। स्थानीय अस्पताल में शुरुआती उपचार के बाद, उन्हें अधिक विशेषज्ञता की जरूरत के कारण मोहनली, पंजाब के Forti…

फिर भी, शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया कि उनका सिर और रीढ़ दोनों को गंभीर चोटें लगी थीं, जिससे इंटेंसिव केयर यूनिट में जीवन‑रक्षा की संभावना बहुत कम रह गई। एक डॉक्टर ने बताया, “सिर के कई महत्वपूर्ण हिस्सों पर चोटें थीं और रीढ़ के निचले हिस्से में भी फ्रैक्चर था। तुरंत ऑपरेशन की आवश्यकता थी, पर स्थिति बहुत ही नाजुक थी।”

चिकित्सा उपचार और मृत्यु

हिमाचल से ट्रांसफ़र के दौरान, राजवीर को कई बार इमरजेंसी लिफ़्ट की मदद से ले जाया गया। Forti…Fortis Hospital, मोहाली में पहुंचते‑ही उन्हें एंटी‑बायोटिक, रक्त‑प्लाज़मा एक्सचेंज और कई बार सर्जिकल इंटर्वेंशन किया गया। लेकिन शरीर में लगातार अंग‑विकृति की प्रक्रिया चालू थी। 8 अक्टूबर को डॉक्टरों ने कहा, “वह कई अंगों की विफलता के कारण 10:55 बजे इस दुनिया से चल बिसर गये।”

परिवार का कहना है कि उनका कहना था, “मैं नहीं चाहता था ये सफ़र, पर सबको दिखाना था कि मैं अभी भी जीवित हूँ।” देवी‑देवता और फैंस ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश भरा, कई कलाकारों ने अपनी संगीत में श्रद्धांजलि पेश की।

उद्योग की प्रतिक्रियाएँ

पंजाबी संगीत के कई बड़े कलाकारों ने तुरंत ट्रिब्यूट दिया। गुरमोंट सिंह ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा, “हमारी आवाज़ में अब एक कमी है, राजवीर की आवाज़ बिन हम अधूरे हैं।” वहीं, फिल्म‑निर्देशक अशोक सिंह ने कहा, “उसके साथ काम करना हमेशा यादगार था, वह अपनी ऊर्जा से पूरे सेट को जगमगा देता था।”

फैन क्लबों ने भी पार्क में बड़ी मीनार लगाकर स्मृति‑स्मारक स्थापित करने की बात रखी है। कई प्लैटफ़ॉर्म पर ‘रात भर के गाने’ के नाम से लाइटिंग इवेंट रखे जा रहे हैं, जहाँ राजवीर के हिट गानों को 24 घंटे चलाया जाएगा।

भविष्य के प्रभाव और स्मृति

भविष्य के प्रभाव और स्मृति

राजवीर की अनपेक्षित मृत्यु ने सड़कों पर पालतू पशुओं के जोखिम को फिर से उजागर किया है। हिमाचल के कई स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अब ‘कट्टर पशु नियंत्रण’ के तहत रोड‑साइड बैन लगाई जाएगी। इस मुद्दे पर National Highway Authority of India (NHAI) ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले महीनों में सभी हाईवे पर ‘पशु‑रोक थाम’ के लिए कैमरा और संकेत स्थापित किए जाएँगे।

अंत में, राजवीर के बाद संगीतकारों ने कहा कि “हमारी अगली धुनें उन्हें याद में गाएँगे, और उनका नाम हमेशा हमारे लिरिक्स में रहेगा।” उनके गाने अब भी प्लेलिस्ट में टॉप पर हैं और आने वाले महीनों में कई स्मारक कार्यक्रमों के माध्यम से उनका संगीत जीवन‑भर के लिए जीवित रहेगा।

प्रमुख तथ्य

  • पीड़ित: राजवीर जावांडा, गायक‑अभिनेता, आयु 35/37 वर्ष
  • दुर्घटना: 27 सेप्टेंबर 2025, सोलन, हिमाचल प्रदेश में पालतू पशु टकराव
  • मृत्यु: 8 अक्टूबर 2025, 10:55 ए.एम., Fortis Hospital, मोहाली
  • कारण: कई अंगों की विफलता, गंभीर सिर‑और रीढ़ चोटें
  • प्रतिक्रिया: पंजाबी संगीत जगत में शोक, पशु‑नियंत्रण पर सरकारी कार्रवाई

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

राजवीर जावांडा की मृत्यु का कारण क्या था?

सड़क दुर्घटना में सिर और रीढ़ की गंभीर चोटों के कारण कई अंगों की विफलता हुई और 11 दिनों के जीवन‑समर्थन के बाद वह Fortis Hospital, मोहाली में उदासीन होकर निधन हो गया।

दुर्घटना कहां और कब हुई?

दुर्घटना 27 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में पालतू पशु (गाय‑भैंस) के रोड‑क्रॉसिंग के कारण हुई थी।

क्या राजवीर की उम्र में कोई अंतर है?

मुख्य मीडिया (The Independent, NDTV) ने उन्हें 35 वर्ष रिपोर्ट किया, जबकि Hindustan Times ने 37 वर्ष बताया। वर्तमान में आधिकारिक आयु 35 वर्ष मानी जा रही है।

पंजाबी संगीत उद्योग ने इस हादसे पर क्या कहा?

उद्योग के कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया और राजवीर को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष संगीत कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।

दुर्घटना के बाद सरकार ने क्या कदम उठाए?

हिमाचल प्रदेश में पालतू पशु नियंत्रण कड़ी करने के लिए नए नियम प्रस्तावित किए गए हैं, और National Highway Authority of India ने हाईवे पर पशु‑रोक थाम के लिए कैमरा एवं संकेत स्थापित करने की योजना बताई है।

टिप्पणि

  • ANIKET PADVAL

    ANIKET PADVAL

    9/अक्तू॰/2025

    राजवीर जावांडा की अचानक मृत्यु ने समाज के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी को उजागर किया है।
    सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन केवल व्यक्तिगत दुर्घटना नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
    भारी वाहन संचालन में विशेष सावधानी आवश्यक है, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में जहाँ पालतू पशु अनपेक्षित रूप से मार्ग बाधित करते हैं।
    सरकार को त्वरित रूप से सड़कों पर पशु नियंत्रण के उपायों को सुदृढ़ करना चाहिए।
    नागरिकों को भी वाहन चलाते समय गति सीमा का पालन करना अनिवार्य है।
    हर दुर्घटना में हम एक जीवन की अनमोलता को खोते हैं, जिसे कोई भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता।
    समाज के प्रत्येक सदस्य को इस क्षति को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए।
    पशु पुलिस के अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती और कैमरों की स्थापना इस दिशा में प्रभावी कदम हो सकते हैं।
    ध्यान देना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से भारी बारिश और धुंध भी दुर्घटनाओं की संभावनाओं को बढ़ाते हैं।
    तकनीकी नवाचार, जैसे स्वचालित ब्रेक प्रणाली, को व्यापक रूप से अपनाना आवश्यक है।
    शिक्षा संस्थानों में मोटर वाहन सुरक्षा पर पाठ्यक्रम जोड़ने से भविष्य के चालक अधिक जागरूक बनेंगे।
    सरकारी नीतियों में सख्त दंड प्रावधान भी ड्राइवरों को नियम मानने के लिए प्रेरित करेंगे।
    राजवीर जी की याद में हम सभी को उनका संगीत सुनते रहने के साथ-साथ इस संदेश को भी याद रखना चाहिए।
    उनकी विरासत केवल संगीत तक सीमित नहीं, बल्कि वह हमें जीवन के मूल्य का बोध कराती है।
    अतः हम सभी को मिलकर इस दुखद घटना से सीख लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

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