अक्टूबर 3 से 20 तक आयोजित महिला टी20 विश्व कप ने दो समूहों में बंटे दस टीमों को चार‑चार मैचों के साथ दिखाया। हर जीत के लिए दो अंक और नेट रन रेट (NRR) ने टेबल पर बहुत बड़ा असर डाला, विशेषकर समूह B में जहाँ तीन टीमों के अंक बराबर थे।
समूह A और समूह B की टेबल
समूह A में ऑस्ट्रेलिया ने चार जीत कर 8 अंक और +2.223 NRR के साथ शिखर पर रहकर सीधे सेमीफाइनल में जगह बनाई। न्यूज़ीलैंड, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका क्रमशः दूसरे से पाँचवें स्थान पर रहे।
- ऑस्ट्रेलिया – 8 अंक, NRR +2.223
- न्यूज़ीलैंड – 6 अंक, NRR +0.879
- भारत – 4 अंक, NRR +0.322
- पाकिस्तान – 2 अंक, NRR -1.040
- श्रीलंका – 0 अंक, NRR -2.173
समूह B में वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड सभी ने 6‑6‑6 अंक हासिल किए, लेकिन NRR के आधार पर वेस्टइंडीज (+1.536) पहले और साउथ अफ्रीका (+1.382) दूसरे स्थान पर रहे। इंग्लैंड (+1.091) का NRR कम रहने से उन्हें बाहर होना पड़ा। बांग्लादेश और स्कॉटलैंड क्रमशः 2 और 0 अंक लेकर ग्रुप से बाहर कर दिए गए।
- वेस्टइंडीज – 6 अंक, NRR +1.536
- साउथ अफ्रीका – 6 अंक, NRR +1.382
- इंग्लैंड – 6 अंक, NRR +1.091
- बांग्लादेश – 2 अंक, NRR -0.844
- स्कॉटलैंड – 0 अंक, NRR -3.129
टूर्नामेंट का अंतिम नतीजा और मुख्य आँकड़े
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच एक रोमांचक मुकाबला हुआ, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने रीसैप्टिव जीत हासिल कर फाइनल में पहुँचा। दूसरी ओर, न्यूज़ीलैंड ने साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराया, जहां उन्होंने 32 रनों से जीत दर्ज की। यह जीत न्यूज़ीलैंड महिलाओं के क्रिकेट इतिहास में पहली बार विश्व कप जीतने का प्रतीक बना।
टूर्नामेंट ने दर्शाया कि अब महिलाओं की टी20 क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा बहुत तेज़ हो गई है। विशेषकर समूह B में समान अंक वाले तीनों टीमों की टाइट संघर्ष ने यह सिद्ध किया कि हर एक रन का महत्व है। नेट रन रेट अब सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि क्वालिफ़िकेशन का निर्णायक कारक बन चुका है।
कुल मिलाकर, इस टूर्नामेंट ने दर्शकों को रोमांचक मैच, नई प्रतिभाएँ और कई यादगार पलों से भर दिया। आने वाले सालों में इस स्तर की प्रतिस्पर्धा जारी रहेगा, यही उम्मीद है सभी क्रिकेट प्रेमियों की।
टिप्पणि
Arya Darmawan
22/सित॰/2025ये टूर्नामेंट तो बस देखने के लिए बना था! न्यूज़ीलैंड की जीत ने साबित कर दिया कि टी20 में स्थिरता और कूद का मिश्रण ही जीत की कुंजी है। ऑस्ट्रेलिया का खेल तो बिल्कुल मशीनी था, लेकिन न्यूज़ीलैंड ने दिखाया कि दिमाग से भी जीता जा सकता है। बहुत बढ़िया टूर्नामेंट रहा।
HIMANSHU KANDPAL
22/सित॰/2025इंग्लैंड को बाहर होना पड़ा ये तो बस बेइमानी है। उनकी बल्लेबाजी तो इतनी अच्छी थी कि नेट रन रेट के आधार पर बाहर करना बिल्कुल अन्याय है। ये नियम तो बस टीमों को टूटने के लिए बनाया गया है।
Rahul Tamboli
22/सित॰/2025नेट रन रेट की बात कर रहे हो? ये सब फेक है भाई। जो टीम के पास बड़े खिलाड़ी होते हैं वो जीत जाती है। नेट रन रेट तो बस ब्यूरोक्रेट्स का एक बहाना है जिससे वो अपनी नौकरी बचा सकें 😎
Raghav Khanna
22/सित॰/2025महिला क्रिकेट में आज का स्तर अत्यंत उच्च है। समूह B की स्थिति देखिए - तीन टीमें एक जैसे अंकों के साथ आईं, लेकिन नेट रन रेट ने अंतर बना दिया। यह बताता है कि अब हर बॉल और हर रन का महत्व है। यह टूर्नामेंट ने खिलाड़ियों के व्यावहारिक दृष्टिकोण को उजागर किया है।
Nripen chandra Singh
22/सित॰/2025अंक और नेट रन रेट के बीच का संबंध क्या है असल में? क्या ये सिर्फ एक गणितीय चाल है या ये वास्तविक प्रदर्शन का प्रतिबिंब है? जब तीन टीमें एक जैसे अंक लेकर आती हैं तो क्या वास्तविक श्रेष्ठता निर्धारित हो पाती है? या फिर हम सिर्फ एक नंबर के आधार पर एक टीम को अपमानित कर रहे हैं? ये टूर्नामेंट ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।
Garima Choudhury
22/सित॰/2025इंग्लैंड को बाहर करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं था... ये सब एक बड़ी साजिश है जिसमें ICC और ब्रॉडकास्टर्स शामिल हैं। उन्होंने चाहा कि न्यूज़ीलैंड जीते क्योंकि उनके खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा टीवी फुटेज बनता है। असल में इंग्लैंड ने बेहतर खेला था।
Puru Aadi
22/सित॰/2025वाह ये टूर्नामेंट तो बस दिल को छू गया 😭🔥 न्यूज़ीलैंड की जीत देखकर तो मैं रो पड़ा... ये लड़कियां तो असली हीरो हैं! भारत के लिए भी बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। अगला टूर्नामेंट भी ऐसा ही होगा बेशक 💪❤️
Vidhinesh Yadav
22/सित॰/2025समूह B में इंग्लैंड के बाहर होने के बाद बहुत से लोग नाराज़ हैं। लेकिन क्या हम इस बात पर भी विचार कर सकते हैं कि नेट रन रेट के नियम के बारे में टीमों को ज्यादा जागरूक किया जाए? ये नियम बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी समझ भी जरूरी है।
Rohith Reddy
22/सित॰/2025नेट रन रेट एक धोखा है और ये सब एक बड़ा नियंत्रण योजना है जिसे बड़े देश बना रहे हैं ताकि छोटे देशों को हमेशा पीछे रखा जा सके। इंग्लैंड को बाहर करना तो बिल्कुल बेकार था और ये सब अमेरिका के दबाव में हुआ है।
Jayasree Sinha
22/सित॰/2025समूह B में नेट रन रेट का उपयोग बिल्कुल सही था। तीनों टीमों के अंक समान थे, इसलिए अंतर निर्धारित करने के लिए NRR एक वैध और वस्तुनिष्ठ मापदंड है। इसके बिना टूर्नामेंट का निर्णय अनिश्चित हो जाता।
Vaibhav Patle
22/सित॰/2025मुझे लगता है कि ये टूर्नामेंट ने महिला क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। देखिए कैसे बांग्लादेश और स्कॉटलैंड ने अपना सब कुछ दे दिया, और फिर भी वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका ने अपने आप को बरकरार रखा। ये सब जीत नहीं, बल्कि लगन की कहानी है। अगली बार भारत को फाइनल में जाना होगा। 🙌