जेवलिन थ्रो क्या है? सरल शब्दों में समझे
जेवलिन थ्रो एक एथलेटिक्स इवेंट है जहाँ खिलाड़ी लंबी डंडे (जैसे भाला) को जितना दूर जा सके फेंकते हैं। यह सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि सही तकनीक और संतुलन पर भी निर्भर करता है। अगर आप नई शुरुआत कर रहे हैं या अपनी दूरी बढ़ाना चाहते हैं, तो नीचे बताई गई बातें मददगार होंगी।
बुनियादी नियम और आवश्यक गियर
सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि जेवलिन की लंबाई पुरुषों के लिए 800 ग्राम और महिलाओं के लिए 600 ग्राम होती है। डंडे को फेंकते समय आप इसे केवल एक हाथ से पकड़ सकते हैं, और जमीन पर दो पैर रखकर फेंकना अनिवार्य है। फेंकने से पहले आपको ‘रन‑अप’ करना होता है – यानी धीरे‑धीरे दौड़ना ताकि गति बन सके। नियम यह भी है कि डंडे को फेंकते समय वह जमीन के साथ नहीं छूना चाहिए, वरना फ़ॉल्ट माना जाएगा.
सही पकड़ और फॉर्म सीखें
पकड़ने का सही तरीका बहुत अहम है। डंडे की ग्रिप आपके हाथ के मध्य भाग पर होनी चाहिए, न बहुत ऊपर और न बहुत नीचे. इससे थ्रो के दौरान संतुलन बना रहता है। आगे बढ़ते समय पैर को पीछे से आगे ले जाना, कूल्हों को घुमाना और फिर हड्डी‑हाथ को तेज़ी से बाहर निकालना मूल फॉर्म है। शुरुआत में धीमी गति रखें, फिर धीरे‑धीरे रफ्तार बढ़ाएँ जब तक आपका शरीर इस क्रम के साथ सहज न हो जाए.
एक आसान अभ्यास – ‘जम्प ड्रिल’ – आप बिना डंडे के भी कर सकते हैं. एक जगह खड़े हों, पैर को पीछे की ओर ले जाएँ, कूल्हे घुमाएँ और फिर ऊँचे जंप करें. यह मूवमेंट जेवलिन थ्रो में आपके रन‑अप और फेंकने के चरणों को सुदृढ़ करता है.
ट्रेनिंग रूटीन: ताकत और लचीलापन दोनों
जेवलिन थ्रो में कंधे, कोहनी और कलाई की शक्ति बहुत जरूरी है. इसलिए हर हफ्ते दो बार ‘ओवरहेड प्रेस’, ‘पुश‑अप’ और ‘डम्बल रो’ जैसे एक्सरसाइज़ शामिल करें. साथ ही कोर स्ट्रेंथ भी बढ़ाएँ – प्लैंक्स और साइड बेंड्स से आपके शरीर का संतुलन बेहतर होगा.
लचीलापन के लिये रोज़ाना स्ट्रेचिंग न भूलें। कंधे, टोरसो और हिप फ़्लेक्सर्स को 10‑15 मिनट तक खींचना फॉर्म में सुधार लाता है. अगर आप जिम नहीं जा सकते तो घर पर योगा पॉज़ जैसे ‘वॉरियर्स’ और ‘ट्री पोज़’ मदद करेंगे.
प्रेरणा के लिए शीर्ष एथलीट
अगर आपको मोटिवेशन चाहिए, तो विश्व की कुछ बड़ी नामों को देखें. पुरुषों में नीजी बेज़िक (बॉस्निया) और जॉन मोलेडेनोविच (क्रोएशिया) ने 90‑मीटर से अधिक दूरी तक फेंका है. महिलाओं में टेरेसा कॉन्स्टैंटिनोवा (बल्गेरिया) ने 70‑मीटर से ऊपर की रिकॉर्ड तोड़ी है. उनके वीडियो देखें, उनका ग्रिप और रन‑अप देखकर आप अपने फॉर्म को बेहतर बना सकते हैं.
स्पर्धा के दिन क्या रखें ध्यान में
मैच या ट्रैक पर जाने से पहले हल्का वार्म‑अप करें – 5‑10 मिनट जॉगिंग, कुछ डायनॅमिक स्ट्रेच. डंडे को दो‑तीन बार फेंक कर ‘फील’ बनाएँ, फिर ही मुख्य थ्रो शुरू करें. अगर मौसम बहुत गर्म या ठंडा है तो पानी की बोतल साथ रखें और शरीर का तापमान स्थिर रखें.
सबसे अहम बात – हर फेंक के बाद अपने परिणाम को नोट करें. दूरी, फॉर्म में क्या सुधार चाहिए, कौन‑सी मसल थकी हुई थी - यह जानकारी आपको अगले दिन बेहतर ट्रेनिंग प्लान बनाने में मदद करेगी.
इन बुनियादी चीजों को अपनाकर आप जेवलिन थ्रो में धीरे‑धीरे अपनी दूरी बढ़ा सकते हैं. याद रखें, अभ्यास और सही तकनीक ही सफलता की कुंजी है.
नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में एक्शन में: क्वालिफिकेशन स्टेज से लाइव अपडेट्स
नीरज चोपड़ा, भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर, पेरिस ओलंपिक में क्वालिफिकेशन स्टेज में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा का मुकाबला इस बार भी रोमांचक होने वाला है। उनके ताज़ा प्रदर्शन ने प्रशंसकों और खेल प्रेमियों को एक बार फिर से उम्मीदों से भर दिया है।
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