नया आयकर अधिनियम – क्या बदला, कैसे अपनाएँ?
जब बात नया आयकर अधिनियम, 2025 में लाए गए व्यापक सुधारों को दर्शाता है. इसे अक्सर इनकम टैक्स एक्ट 2025 कहा जाता है, और यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, राजस्व संग्रह को आधुनिक बनाता है के दिशा‑निर्देशों पर आधारित है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य करदाता के बोझ को कम करना, compliance को सरल बनाना और टैक्स बेस को विस्तृत करना है। नया आयकर अधिनियम लागू करके सरकार ने तीन प्रमुख वर्गीकरण किए: आयकर सुधार, नई टैक्स स्लैब, और डिजिटल रिटर्न प्रक्रिया। ये तीनों एक‑दूसरे को सघन रूप से प्रभावित करते हैं – उदाहरण के तौर पर, "आयकर सुधार" सीधे "नई टैक्स स्लैब" को आकार देता है, और "डिजिटल रिटर्न प्रक्रिया" को आसान बनाता है।
मुख्य परिवर्तन और जुड़े घटक
पहला घटक बजट 2025, सरकार की वित्तीय दिशा‑निर्देशों का मूल स्तम्भ है, जो नई टैक्स स्लैब के पुनर्गठन को निर्देश देता है। बजट के अनुसार, 0‑5 लाख रु. की आय पर कर मुक्त सीमा बढ़ाई गई, 5‑10 लाख पर 5% की दर, और 10 लाख से ऊपर 20‑30% की प्रगतिशील दरें पेश की गई। दूसरा घटक करदाता अधिकार, आधुनिक कर प्रणाली में नज़र रखता है है—अब टैक्सपेयर को रेकॉर्ड‑कीपिंग में मनी‑टाइम एक्सेस, ऑटो‑फिल की सुविधा और सशक्त ग्रिवांस मैकेनिज़्म मिलते हैं। तीसरा घटक डिजिटल रिटर्न फ़ाइलिंग, इंटरनेट‑आधारित प्रक्रिया है, जो e‑वर्बी‑होल्डर पोर्टल के माध्यम से 24/7 फाइलिंग, एआई‑आधारित एरर‑चेक और रियल‑टाइम असेसमेंट प्रदान करता है। इन तीनों को एक‑साथ जोड़ते हुए, "बजट 2025" "करदाता अधिकार" को सशक्त बनाता है और "डिजिटल रिटर्न फ़ाइलिंग" को त्वरित बनाता है—ये सभी संबंध नए आयकर अधिनियम के भीतर परस्पर जुड़े हुए हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह आपके रोज़मर्रा के वित्तीय जीवन में कैसे असर डालेगा। यदि आपका वार्षिक आय 7 लाख है, तो नई स्लैब के अनुसार आप पहले से 5% की दर से कर देंगे, लेकिन फॉर्म‑16 के साथ डिजिटल रिटर्न में स्वचालित कटौती दिखेगी, जिससे रिफंड की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी। अगर आप फ्रीलांस या सॉलार्य‑साइड प्रोफेशन में हैं, तो अब आप quarterly टैक्स भुगतान को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं—क्लिक‑ऑन‑पे के साथ भुगतान तुरंत बैंक में जमा हो जाता है। इन सब बातों का एक बड़ा फायदा यह है कि अब किसी भी गलतियों के लिए आपन्हें अपील करने का अधिकार मिल रहा है, और यह प्रक्रिया पोर्टल पर ही पूरी हो जाती है। अगले भागों में हम इन परिवर्तन‑पर‑आधारित विशिष्ट टिप्स, अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और टैक्टिकल गाइड पर चर्चा करेंगे, जिससे आप नया आयकर अधिनियम को बिना उलझन के अपनाने के लिए तैयार हो पाएँगे।
नया आयकर अधिनियम 2025: 2026 से लागू, करदाताओं के लिए बड़ा बदलाव
भारत सरकार ने 22 अगस्त 2025 को नया आयकर अधिनियम, 2025, अधिसूचित किया। यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और 1961 के पुराने नियमों को बदल कर कर प्रणाली को सरल बनाने का लक्ष्य रखता है। नई विधि में स्लैब‑आधारित टैक्स, डिजिटल रिटर्न और एआई‑सहायता वाले निरीक्षण शामिल हैं। छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग के लिए राहत के प्रावधान भी सामने आए हैं।
पढ़ना