तुंगभद्रा बांध: क्या है और क्यों महत्वपूर्ण?

तुंगभद्रा बांध उत्तराखंड के एक छोटे पहाड़ी इलाके में बना बड़ा जल संग्रहण स्थल है। यह बांस, पत्थर और सीमेंट से बना है और मुख्य रूप से नदियों का पानी जमा करके आसपास के गाँवों को पानी देने के लिए बनाया गया था।

बांध की ऊँचाई 35 मीटर और लम्बाई लगभग 300 मीटर है। जल भंडार की क्षमता 8 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जो खेती, पेयजल और बिजली उत्पादन में मदद करती है।

मुख्य फायदे: पानी, बिजली और रोजगार

पहला फायदा यह है कि बाढ़ के समय पानी को नियंत्रित किया जा सके। इससे नीचे वाले गाँवों में जल‑संकट कम होता है और खेतों की सिंचाई बेहतर होती है। दूसरा फायदा बिजली उत्पादन है; बांध से जुड़ी छोटी हाइड्रो पावर प्लांट 5 मेगावॉट तक की electricity ग्रिड में भेजती है। यह छोटे उद्योगों और घरों को सस्ती बिजली देता है। तीसरा, बंध के आसपास नई नौकरी बनती हैं—जैसे कि सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मचारी और पर्यटन गाइड।

पर्यटन के नए अवसर

बांध का दृश्य बहुत खूबसूरत है: पहाड़ों की हरियाली, साफ पानी और सूर्योदय‑सूर्यास्त का नजारा। स्थानीय लोग अब यहाँ पैदल ट्रेक, बोटिंग और फोटोग्राफी के लिए आते हैं। कुछ होटल और होमस्टे भी खुल गए हैं, इसलिए आप एक रात या दो रात रहकर पूरा माहौल देख सकते हैं। अगर आप प्रकृति पसंद करते हैं तो तुंगभद्रा बांध आपके लिये अच्छी जगह है।

बांध की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। पानी का स्तर हर दिन मॉनिटर किया जाता है और भारी बारिश में जल‑निकासी के लिए आपातकालीन गेट खोले जाते हैं। इससे बाढ़ का खतरा कम रहता है। साथ ही, पर्यटकों को साफ‑सफाई रखने की सलाह दी जाती है, ताकि इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे।

अगर आप तुंगभद्रा बांध जाना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। उस वक्त मौसम ठंडा और साफ रहता है, जिससे ट्रेकिंग आसान हो जाती है। रास्ते में छोटे‑छोटे गाँवों में स्थानीय खाने का मज़ा भी ले सकते हैं—जैसे कि आलू के पराठे या बर्फी।

संक्षेप में तुंगभद्रा बांध सिर्फ एक जल संरचना नहीं, बल्कि यह पानी, बिजली और पर्यटन को जोड़ने वाला महत्त्वपूर्ण केंद्र है। इसकी वजह से स्थानीय लोग बेहतर जीवन जी रहे हैं और बाहरी यात्रियों को भी नई जगहों का अनुभव मिलता है। अगली बार जब आप उत्तराखंड की योजना बनाएं, तो इस बंध को अपनी सूची में जरूर रखें।

तुंगभद्रा बांध का गेट टूटने से अचानक 35,000 क्यूसेक पानी की निकासी: आंध्र प्रदेश सीएम चंद्रबाबू ने अधिकारियों को सतर्क किया

कर्नाटक स्थित तुंगभद्रा बांध के एक गेट की चेन टूटने से अचानक लगभग 35,000 क्यूसेक पानी की निकासी हो गई। इस अप्रत्याशित पानी की निकासी के कारण बांध के नीचे के क्षेत्रों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री न. चंद्रबाबू नायडू ने स्थिति की समीक्षा की और राज्य अधिकारियों को आवश्यक सावधानी बरतने का निर्देश दिया।

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