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दिल्ली एयरपोर्ट छत हादसे के बाद आप ने केन्द्र की सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की CBI जांच की मांग की

राजनीति

दिल्ली एयरपोर्ट हादसे के बाद बढ़ी चिंता

आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की जांच की मांग की है। यह मांग दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 में छत गिरने की बात सामने आने के बाद उठी। आप नेता जैस्मिन शाह ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने अधूरी परियोजनाओं का उद्घाटन चुनाव की घोषणा से ठीक पहले किया और इनकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया।

चुनावी फायदे के लिए परियोजनाओं का उद्घाटन

आप नेता जैस्मिन शाह का कहना है कि बीजेपी सरकार परियोजनाओं को जल्दबाजी में पूरा करने की कोशिश करती है ताकि उन्हें चुनावों के दौरान लाभ मिल सके। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने जबलपुर टर्मिनल का जिक्र किया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को किया था। शाह ने आरोप लगाया कि इस टर्मिनल का काम अधूरा था और पूर्ण भुगतान के बावजूद इसमें कई खामियां पाई गईं।

अधूरी परियोजनाओं की लंबी कतार

अधूरी परियोजनाओं की लंबी कतार

जैस्मिन शाह ने बताया कि इससे पहले भी कई ऐसी परियोजनाएं रही हैं, जिनका उद्घाटन जल्दबाजी में किया गया। 2024 के जनवरी में उद्घाटित अटल सेतु पुल, जो मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है, उसमें भी केवल छह महीने के भीतर दरारें आ गईं। इसी तरह की स्थिति कई अन्य परियोजनाओं में भी देखने को मिली है। शाह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ऐसी परियोजनाओं में अधूरी निर्माण और श्रमिकों के कंपन्सेशन में काफी कमी दिखती है।

'चंदा दो, धंधा लो' योजना पर भी सवाल

शाह ने मोदी सरकार पर 'चंदा दो, धंधा लो' योजना के माध्यम से बड़े घोटालों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अव्यवस्थित और घोटालेबाज परियोजनाओं को हरी झंडी दी जाती है। आम लोगों से मोटी रकम वसूल कर, उन्हें व्यवसाय देने का दावा किया जाता है, लेकिन सच में गुणवत्ता की अनदेखी की जाती है।

सरकार को माफी और मुआवजे की मांग

सरकार को माफी और मुआवजे की मांग

शाह ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को इस अधूरी परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और घायल लोगों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

पिछले साल बिहार में गिरे दर्जनों पुलों की स्थिति

शाह ने बताया कि पिछले एक साल में बिहार में दर्जनों पुल गिर गए हैं। इनमें से एक 70 मीटर लम्बा पुल था, जो किशनगंज, बिहार में स्थित था और यह दिल्ली एयरपोर्ट हादसे के एक हफ्ते पहले ही गिरा। इन सभी घटनाओं से सरकार की उदासीनता और निगरानी की कमी उजागर होती ह...।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

आम आदमी पार्टी की इस मांग ने केन्द्र सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर बहुत सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और परियोजनाओं की गुणवत्ता को बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए परियोजनाओं की सही तरीके से निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण की आवश्यकता है। जैस्मिन शाह की मांग उचित प्रतीत होती है और देखना है कि सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है।

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