मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर चौथे दिन की रोचक घटनाओं की कहानी
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे चौथे टेस्ट के चौथे दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला जबर्दस्त रोमांच के फेर से गुजर रहा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम, अपनी मज़बूत बल्लेबाजी और चुस्त गेंदबाजी के चलते, अपनी पकड़ मजबूत करते हुए 333 रनों की बढ़त हासिल कर चुकी थी, जिससे भारतीय टीम चिंतित दिख रही थी। इस बढ़त का श्रेय काफी हद तक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को गया, जिन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को सीमित रखने में सफलता पाई। विशेष रूप से, नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड की गेंदबाजी ने भारतीय टीम के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।
नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड का जादू
नाथन लियोन की ऑफ स्पिन गेंदबाजी और स्कॉट बोलैंड की सधी हुई तेज गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजों को झकझोर कर रख दिया। भारतीय बल्लेबाजों के लिए यह दिन कुछ खास नहीं रहा क्योंकि उनकी कोशिशों के बावजूद विकेटों का पतन लगातार जारी रहा। भारतीय टीम का लक्ष्य एक मजबूत स्कोर खड़ा करना और ऑस्ट्रेलिया के दिए हुए रन चेज को कम करना था।
गेंदबाजी में भारतीय टीम की ओर से जसप्रीत बुमराह प्रमुख धरासाई बने रहे। बुमराह ने महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर इरादे स्पष्ट किए कि वह मात्र ऑस्ट्रेलिया की बढ़त सीमित करने के लिए नहीं, बल्कि टीम को जीत दिलाने के लिए मैदान पर उतरे हैं। भारतीय गेंदबाजी का सामान्य प्रदर्शन ही उसके आगे के खेल की गति तय करने वाला है।
भारतीय बल्लेबाजी की चुनौतियाँ और रेड्डी की उम्मीद
भारतीय टीम के लिए एकमात्र राहत की बात यह रही कि नितीश कुमार रेड्डी ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 189 गेंदों पर शानदार 114 रन बनाए। रेड्डी के इस शतक ने भारतीय खेमे में नई उम्मीदें जगाई हैं, क्योंकि इससे पहले वह ऐसा कोई बड़ाफॉर्म नहीं दर्शा सके थे। यह शतक उनके करियर का पहला था जोकि काफी समय तक याद किया जाएगा और भारतीय टीम का इस कठिन समय में एक मजबूत स्तंभ साबित हुआ।
रेड्डी ने अपने तेजतर्रार अंदाज और स्थिर खेल से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के मंसूबे बिगाड़े। इस पारी ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी की बढ़त को 105 रनों तक सीमित कर दिया। हालांकि, यह सावधानीपूर्वक खेली गई पारी कहीं नकली उछाल वाले विकेट पर ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उनके द्वारा बनाई गई लीड का उत्तर देने के लिए पर्याप्त नहीं थी।
पांचवे दिन की प्रतीक्षा
भारतीय टीम अब उस चुनौती के सामने है जहां उसे ना केवल ऑस्ट्रेलिया की बढती लीड को रोकना है, बल्कि अपने बल्लेबाजों के दम पर मैच को निकटवर्ती दिशा में लाना है। पांचवें और अंतिम दिन का खेल रोमांचक हो सकता है, जहां भारत के सामने जीता और ड्रा के बीच एक मौका हो सकता है। इस स्तर पर, जब खेल के सभी परिणाम अभी भी संभव हैं, भारतीय टीम चाहेगी कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और टेस्ट सीरीज़ को जीतकर समाप्त करें।
इस खेल में अंतिम दिन की घटनाएँ निश्चित रूप से क्रिकेट प्रेमियों के लिए उत्सुकता का केंद्र बनेंगी। अब देखना होगा कि क्या रेड्डी और उनकी टीम इस चुनौती का सामना मजबूती से कर पाती है या नहीं। क्रिकेट के इस मार्मिक मुकाबले का अंत कैसा होगा, इसके लिए मेलबर्न में क्रिकेट प्रेमियों में बढ़ती जिज्ञासा और उमंग स्पष्ट दिखाई दे सकती है।
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