20 फरवरी, 2024 को झारखंड के चैबासा में आयोजित 32वें बनवारी लाल नियोतिया टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता के दूसरे सेमीफाइनल में SR Rungta Group ने लक्ष्मण गिलूवा क्लब को 38 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली। जीत के बाद टीम अब Gop & Singh Club Badajamda के सामना करेगी — एक ऐसा मुकाबला जो इस क्षेत्र के औद्योगिक और खेल संस्कृति के बीच के गहरे संबंधों को दर्शाता है।
शुरुआती ओपनर्स ने बनाया रिकॉर्ड
SR Rungta Group ने बल्लेबाजी करते हुए 29.3 ओवर में 190 रन बनाए। इस इनिंग में टीम के कप्तान अभिषेक कच्छप और प्रीतम महातो ने पहले विकेट के लिए 15.4 ओवर में 120 रनों की जबरदस्त भागीदारी की — यह टूर्नामेंट का सबसे बड़ा ओपनिंग साझेदारी था। दोनों ने गेंदबाजों को धूल चटाई, जबकि लक्ष्मण गिलूवा क्लब के गेंदबाज बार-बार बाउंसर और लंबे लाइन्स का इस्तेमाल करके भी रन रोक नहीं पाए।
लेकिन जब दोनों बल्लेबाज आउट हुए, तो बाकी टीम भी जल्दी से बल्ला घुमाने लगी। आखिरी छह ओवर में 35 रन ही बन पाए। फिर भी, 190 का स्कोर अच्छा रहा — खासकर जब आप जानते हों कि चैबासा के मैदान पर अक्सर 160-170 रनों का स्कोर ही जीत के लिए काफी होता है।
क्लब का औद्योगिक पीछा
SR Rungta Group केवल एक क्रिकेट टीम नहीं है — यह Rungta Group of Industries का एक हिस्सा है, जिसका मुख्यालय चैबासा में है और जिसकी सालाना टर्नओवर 7000 करोड़ रुपये है। यह समूह स्टील, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, सीमेंट और एक मल्टी-फैसिलिटी क्लब के क्षेत्र में सक्रिय है।
चैबासा के आसपास के क्षेत्र भारत के सबसे समृद्ध खनन क्षेत्रों में से एक हैं। यहीं पर Rungta Mines Chaliyama steel plant स्थित है — जिसके निर्देशांक 22.588359, 85.905724 हैं। यह स्टील प्लांट 2021 में वातावरणीय मंजूरी के बाद 7 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता तक बढ़ गया है। अब यहां हॉट रोल्ड कोइल, गैल्वनाइज्ड कोइल, पाइप्स, ट्यूब्स और कलर कोटेड शीट्स बनती हैं।
2025 के जनवरी में कंपनी ने डक्टाइल आयरन पाइप्स के उत्पादन की घोषणा की, लेकिन अभी तक कोई आगे की रिपोर्ट नहीं आई। फिर भी, यह देखने को मिलता है कि कैसे एक औद्योगिक दिग्गज अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक जीवन रेखा — क्रिकेट — में भी सक्रिय रहता है।
स्थानीय समुदाय का हिस्सा
इस टूर्नामेंट का आयोजन Jharkhand State Cricket Association (JSCA) द्वारा किया जाता है। यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जहां केवल पेशेवर खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि कारखानों, स्कूलों, और स्थानीय क्लब्स की टीमें भी भाग लेती हैं।
यह वही जगह है जहां पिछले साल Rungta Mines ने Mecon के खिलाफ 53 रन से हार दी थी। उस मैच में Mecon के खिलाड़ियों ने हाफ-सेंचुरी बनाई थी। लेकिन इस बार SR Rungta Group ने अपनी टीम को संगठित किया — अभिषेक कच्छप की नेतृत्व भूमिका ने टीम को एकजुट किया।
यहां लोग कहते हैं — “कंपनी का नाम नहीं, टीम का नाम है।” यहां के लोगों के लिए यह टीम उनकी पहचान है। जब कोई आदमी कहता है, “मैं SR Rungta Group से हूं,” तो वह सिर्फ एक कर्मचारी नहीं होता — वह एक गांव का बेटा होता है, जिसने अपने घर के बाहर जाकर एक बड़ा नाम बनाया।
अगला मुकाबला, बड़ा लक्ष्य
अब SR Rungta Group का सामना Gop & Singh Club Badajamda से होगा। यह टीम भी अपने खिलाड़ियों की ताकत और टीमवर्क के लिए जानी जाती है। उनके ओपनर्स ने पिछले मैच में 140 रन की शुरुआत की थी।
फाइनल का मैच चैबासा के ही मैदान पर होगा। जहां यह टूर्नामेंट शुरू हुआ था। जहां यह टीम ने अपने बल्लेबाजों को बार-बार बचाया था। जहां लोग अपने घर से ब्रेकफास्ट के साथ लेकर आते हैं — और दोपहर तक अपने टीम के लिए गाने गाते रहते हैं।
एक नज़र बाकी के इतिहास पर
Rungta Group की शुरुआत सिर्फ एक छोटे से स्टील यूनिट से हुई थी। आज यह एक राष्ट्रीय स्तर का उद्योग है। लेकिन इसकी जड़ें अभी भी चैबासा की मिट्टी में हैं। यहां के लोग कहते हैं — “हमारी ताकत नहीं, हमारी जड़ें हैं।”
कंपनी का विजन है: “प्रकृति की देन का उपयोग करना, वातावरण की चिंता के साथ।” यही विचार उनकी क्रिकेट टीम के खेल के तरीके में भी दिखता है — जोर नहीं, टीमवर्क। जल्दबाजी नहीं, रणनीति।
और अगर आप इस टीम को देखें — तो आप देखेंगे कि एक बड़ा उद्योग कैसे अपने आसपास के छोटे-छोटे लोगों को शामिल करके एक बड़ा समुदाय बना रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
SR Rungta Group की क्रिकेट टीम क्यों इतनी महत्वपूर्ण है?
SR Rungta Group की क्रिकेट टीम सिर्फ एक खेल की टीम नहीं, बल्कि चैबासा के औद्योगिक समुदाय की पहचान है। यहां के लोग इस टीम को अपनी निजी जिम्मेदारी मानते हैं। टीम के खिलाड़ी अक्सर कंपनी के कर्मचारी होते हैं, जो अपने दिन के बाद अभ्यास करते हैं। यह टीम ने लोगों को खेल के माध्यम से एकजुट किया है।
इस टूर्नामेंट का इतिहास क्या है?
बनवारी लाल नियोतिया टी-20 प्रतियोगिता 32 साल से चल रही है और इसे झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह टूर्नामेंट उद्योगों, स्कूलों और स्थानीय क्लब्स के बीच खेला जाता है। इसकी विशेषता है कि इसमें अक्सर छोटे गांवों की टीमें भी बड़े औद्योगिक समूहों के खिलाफ खेलती हैं।
Gop & Singh Club Badajamda कौन है?
Gop & Singh Club Badajamda चैबासा के एक दूसरे क्षेत्र से आती है, जो अपने ओपनिंग बल्लेबाजों और तेज़ गेंदबाजों के लिए जानी जाती है। पिछले मैच में उन्होंने 140 रन की शुरुआत की थी, और उनके कप्तान ने एक अर्धशतक बनाया था। यह टीम एक छोटी स्थानीय संस्था है, लेकिन उनकी टीमवर्क और रणनीति बहुत मजबूत है।
Rungta Group के स्टील प्लांट का विस्तार कब तक पूरा होगा?
2021 में प्लांट के विस्तार के लिए वातावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद इसकी क्षमता 7 मिलियन टन प्रति वर्ष हो गई। लेकिन डक्टाइल आयरन पाइप्स के उत्पादन की योजना अभी तक लागू नहीं हुई है। कंपनी ने अभी तक कोई नया बयान नहीं दिया है, लेकिन निवेशकों का मानना है कि 2026 तक यह विस्तार शुरू हो सकता है।
क्रिकेट में सफलता कैसे औद्योगिक विकास से जुड़ी है?
क्रिकेट यहां केवल खेल नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता का साधन है। जब एक कंपनी अपने कर्मचारियों को खेल में शामिल करती है, तो उनकी नौकरी में भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। टीमवर्क, जिम्मेदारी, और लगन — ये सब गुण खेल में और काम में दोनों जगह चाहिए।
इस टीम के खिलाड़ी क्या करते हैं अपने दिन में?
अधिकांश खिलाड़ी कंपनी में नौकरी करते हैं — कुछ ऑफिस में, कुछ प्लांट में। वे सुबह 8 बजे काम पर जाते हैं, दोपहर के बाद अभ्यास करते हैं, और शाम को घर लौटते हैं। उनकी टीम एक दिन की नहीं, एक जीवन की प्रतिबद्धता है।
टिप्पणि
Akul Saini
11/नव॰/2025इस टीम का टीमवर्क देखकर लगता है कि ये सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि ऑपरेशनल एक्सीक्यूशन का एक एप्लीकेशन है। 120-रन ओपनिंग पार्टनरशिप एक स्टील प्लांट के लिन बैलेंसिंग जैसी चीज है - हर एलिमेंट डिज़ाइन के अनुसार काम कर रहा है। जब अभिषेक कच्छप आउट हुए, तो रन रेट ड्रॉप हुआ, जैसे कोई बैच प्रोसेस में ब्लॉक हो गया हो। लेकिन फिर भी 190 एक स्टैंडर्ड डिलीवरी लेवल है।
Arvind Singh Chauhan
11/नव॰/2025ये सब बकवास है। एक कंपनी की टीम जीत गई, और अब सब इसे राष्ट्रीय नायक बना रहे हैं। अगर ये टीम नहीं होती, तो लोग अपने बच्चों को बाइक चलाना सिखाते।
AAMITESH BANERJEE
11/नव॰/2025मुझे लगता है कि ये टूर्नामेंट वाकई अनोखा है। जहां एक बड़ी कंपनी अपने कर्मचारियों को खेलने का मौका दे रही है, वहीं छोटे क्लब भी अपनी पहचान बना रहे हैं। मैंने अपने दोस्त को चैबासा में देखा था - वो रंगटा माइंस में वेल्डर है, और शाम को टीम के लिए अभ्यास करता है। उसकी आंखों में जो चमक है, वो बस एक जीत की नहीं, एक पहचान की है।
Sonu Kumar
11/नव॰/2025मैंने इस टूर्नामेंट के बारे में पढ़ा... लेकिन ये सब बहुत अतिशयोक्ति है। एक स्टील प्लांट की टीम को फिलॉसफी का नाम देना? ये तो बस एक नौकरी है। और ये लोग जो गाने गा रहे हैं - वो बस नशे में हैं।
sunil kumar
11/नव॰/2025मैं चैबासा से हूँ। मैंने इस टूर्नामेंट को जन्म से देखा है। ये टीमें बस एक खेल नहीं हैं - ये हमारी जीवनशैली हैं। जब मैं छोटा था, तो मेरे पिता रंगटा माइंस में काम करते थे। वो रोज़ अभ्यास के बाद घर आते, और मुझे क्रिकेट की कहानियाँ सुनाते। ये टीम बस टीम नहीं - ये हमारा इतिहास है।
Mahesh Goud
11/नव॰/2025सुनो यार, ये सब फेक है। रंगटा ग्रुप के पास निवेशकों के पैसे से टीम बनाई है, और अब लोगों को लग रहा है कि ये असली है। लेकिन अगर ये टीम नहीं होती, तो ये प्लांट बंद हो जाता। ये टीम एक प्रचार टूल है - और तुम सब उसके शिकार हो। और ये जो Gop & Singh Club है? वो भी फेक है। उनके खिलाड़ी सब रंगटा के नौकर हैं।
Ravi Roopchandsingh
11/नव॰/2025ये टीम जीत गई तो अब सब उसके गुण गा रहे हैं... लेकिन जब ये टीम हारती है, तो कोई उसके बारे में बात नहीं करता। 😤 ये नहीं कि टीम अच्छी है - ये कि तुम लोग एक बड़े बिजनेस के लिए बने हुए बाहरी चेहरे को प्यार कर रहे हो। जब तक तुम अपने छोटे गांव की टीम को नहीं देखोगे, तब तक तुम असली खेल नहीं देखोगे।
dhawal agarwal
11/नव॰/2025ये टीम देखकर लगता है कि भारत की असली ताकत कहाँ है। न तो बड़े शहरों में, न ही बड़े स्टेडियमों में - बल्कि चैबासा की धूल में, जहां एक आदमी सुबह 8 बजे प्लांट में जाता है, और शाम को बल्ला उठाता है। ये जीवन एक रियल लाइफ ड्रामा है - जिसमें कोई स्टार नहीं, बस लगन है। ये टीम नहीं, ये एक आदर्श है।
Shalini Dabhade
11/नव॰/2025अरे भाई, ये सब बकवास है! एक बड़ी कंपनी ने अपनी टीम बनाई और अब लोग उसे नेशनल हीरो बना रहे हैं? मैंने तो देखा है कि ये लोग अपने गांव के लोगों को बेच रहे हैं। ये टीम किसी की नहीं, बस उनकी बाजारी चाल है।
Jeyaprakash Gopalswamy
11/नव॰/2025ये जो अभिषेक कच्छप हैं, उनका लीडरशिप देखो - बिना बोले, बिना चिल्लाए, बस अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े रहे। जब टीम डूब रही थी, तो वो उनके साथ थे। ये टीम नहीं, ये एक परिवार है। और जब तुम एक परिवार के साथ खेलते हो, तो जीत तो आती ही है।
ajinkya Ingulkar
11/नव॰/2025इस टीम की सफलता के पीछे कोई राज नहीं है - बस एक बड़ी कंपनी के पास पैसा है। जब तक तुम लोग इसे एक लोक कथा बनाए रखोगे, तब तक तुम असली समस्याओं से भागते रहोगे। चैबासा में अभी भी बिजली नहीं है, लेकिन ये टीम के लिए एक नया गेंदबाज़ बनाने के लिए 2 लाख खर्च कर रहे हैं। ये जीत नहीं, ये धोखा है।
nidhi heda
11/नव॰/2025अरे भाई, मैंने तो इस टूर्नामेंट का एक वीडियो देखा - जब एक लड़का गेंद मारकर बाउंड्री पर जा रहा था, तो उसकी माँ ने अपने घर से चाय लेकर आकर उसे दी! 😭 ये नहीं कि टीम जीत रही है - ये कि लोग अपने दिल से खेल रहे हैं। इसी लिए मैं रो रही हूँ। 🥺