हवाई यातायात पर झूठी बम धमकियों का साया
रविवार, 27 अक्टूबर 2024 को भारतीय हवाई वाहकों की लगभग 50 उड़ानों को झूठी बम धमकियों का शिकार होना पड़ा। यह पिछले 14 दिनों में कुल मिलाकर 350 से अधिक ऐसी धमकियों के हिस्से हैं। इनमें से अधिकांश धमकियां सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई थीं। खासकर, अकासा एयर ने सूचना दी कि उसकी 15 उड़ानों को सुरक्षा अलर्ट प्राप्त हुए, जबकि इंडिगो की 18 उड़ानों और विस्तारा की 17 उड़ानों को भी ऐसी चेतावनियाँ मिलीं। गहन जांच के बाद सभी विमानों को संचालन के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया गया है।
सरकार का कड़ा रुख
केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार झूठी बम धमकियों का सहारा लेने वाले व्यक्तियों पर उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाने के उपायों पर विचार कर रही है। इस दिशा में सरकार दो नागरिक विमानन कानूनों में बदलाव लाने की योजना बना रही है, ताकि जिम्मेदार लोगों को गंभीर रूप से दंडित किया जा सके, जुर्माना लगाया जा सके और संभवतः उन्हें उड़ान भरने पर प्रतिबंधित किया जा सके। इन उपायों की घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी।
आईटी मंत्रालय की सक्रियता
आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया है कि वे इस प्रकार की गलत जानकारी को हटाने में सतर्कता बरतें और आईटी नियमों के तहत निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर इसे तुरंत हटा दें। सरकार ने इन झूठी धमकियों के पीछे के लोगों की पहचान शुरू कर दी है और मेटा एवं एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इस प्रकार के संदेशों से संबंधित डेटा साझा करने को कहा है। कुछ लोगों का पता लगाया भी गया है, हालांकि उनकी सही जगह और पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।
प्रभाव से निपटने के लिए व्यापक योजना
नागरिक विमानन मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, और इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ मिलकर इन खतरों को रोकने के प्रयासों में जुटा हुआ है। केंद्र झूठी बम धमकियों से निपटने के लिए विधायी कदम उठा रहा है। तख्तपोश हो रहे इस दबाव के चलते सख्त कदम उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
भारत का हवाई यातायात इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे यात्रियों के बीच अनिश्चितता और भय का माहौल है। अपने घर से दूर रहकर विदेश में रह रहे लोगों के बीच ये हो हल्ला तेजी से फैल रहा है। भारत में हवाई सेवाएं हमेशा से आसान और सुलभ यात्रा का जरिया मानी जाती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं निश्चय ही लोगों की मानसिक स्थिति पर असर डाल रही हैं।
सही इलाज की जरूरत
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी जानकारी ने भारतीय हवाई यातायात प्रणाली को गंभीर सुरक्षा चिंताओं में डाल दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण और उन्हें सक्रियता से संचालित करना आवश्यक है कि वे अपने मंच से झूठी सूचना को हटाएं। इसके साथ ही, सभा में नागरिक इसे रोकने के लिए जल्दी उपायों की मांग उठा रहे हैं।
इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत है। सभी मंचों पर त्वरित कार्यवाही और सही कानूनी उपायों के माध्यम से ही इस संकट से निपटा जा सकता है। आम जनता और यात्री भी अधिक सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। सुरक्षा को स्टेक पर रखना बेहद चिंता का विषय बन गया है, जिसे उपायों के द्वारा दूर किया जा सकता है।
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