नाराज़गी का आरंभ और अंत
भारतीय टेलीविज़न पर एक ऐसा क्षण आया जब लोकप्रिय कपिल शर्मा शो में गोविंदा और उनके भांजे कृष्णा अभिषेक के बीच सात साल से चली आ रही कटुता का अंत हुआ। इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु यह रहस्यमयी पृष्ठभूमि थी जिसने सालों से मीडिया का ध्यान खींच रखा था। परंतु आखिरकार इस लंबे विवाद को सुलझाया गया, जब कार्यक्रम के दौरान कृष्णा ने गोविंदा के पैर छूकर अपने मामा के प्रति आदर प्रकट किया। इस दृष्टांत ने सभी दर्शकों को भावुक कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत कृष्णा के धमाकेदार एंट्री के साथ हुई, जब उन्होंने गोविंदा के साथ 'फिल्मों के सारे हीरो' गीत पर जमकर ठुमके लगाए। यह देखना दिलचस्प रहा कि इस नजदीकी ने कैसे दोनों के बीच की नाराज़गी को खत्म किया।
गोविंदा और कृष्णा के बीच की रिफ्ट की वजह
इस रिफ्ट की वजह का गानापन एक मजाक था जिसे कृष्णा ने एक शो के दौरान बनाय था, जिस पर गोविंदा ने तुरंत प्रतिकूल प्रतिक्रिया व्यक्त की। गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने इस मामले में हस्तक्षेप किया, गोविंदा को यह समझाते हुए कि पूरा फिल्म इंडस्ट्री उनकी नकल करता है और इसी से कृष्णा अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं। उन्होंने कृष्णा को सुझाव दिया कि वह सुनीता से माफी मांगें और आश्वासन दिया कि वह अब भी उन्हें प्यार करती हैं। कृष्णा ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और अपने प्यार का इज़हार किया। इसमें गोविंदा का निर्णय भी महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने इस उपाय को अपनाने का फैसला किया।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
इस भावुक क्षण का जबरदस्त प्रतिक्रिया आई। दर्शकों ने इस सुलह को प्यार और सराहना से नवाज़ा। इस दौरान अभिनेता शक्ति कपूर और चंकी पांडे ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिन्होंने इस पूरे वाक्ये में अपने तरीके से योगदान दिया। कृष्णा ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए बहुत यादगार दिन था और वह अपने 'सात साल के वनवास' से निकल चुके हैं। गोविंदा ने स्पष्ट किया कि यह वनवास उनकी तरफ से नहीं था, बल्कि यह एक गलतफहमी थी जो कि जल्दी ही सुलझ गई। प्रशंसकों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि दर्शकों ने इस भावुक मिलन को खुले हाथों से स्वीकार किया, और इसने उनके दिल को छू लिया।
खुशियों की वापसी
गोविंदा का यह कहना कि जब उन्होंने अपने पैर में गोली मारी और अस्पताल में भर्ती हुए, तब कृष्णा ने बहुत आंसू बहाए, और अब वह इस पर मजाक कर रहे हैं, यह दिखाता है कि उनके हास्य का स्तर अब तक बना हुआ है। उनका यह वक्तव्य वातावरण को हल्का करने का प्रयास था। इस सुलह ने न केवल परिवार की एकता को दोबारा स्थापित किया, बल्कि टीवी दर्शकों के दिल में भी एक नया उत्साह और नया जोश भरा। इसने एक मजबूत संदेश दिया कि गलतफहमियाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों, उन्हें सुलझाना संभव है। अंतत: कृष्णा और गोविंदा की सुलह, कपिल शो का एक अभूतपूर्व और यादगार क्षण बना।
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