पैंट की चोट और उसका असर
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) ने पुष्टि की कि भारत के मुख्य विकेटकीपर‑बैटर रिशभ पेंट को फ्रैक्चर के कारण पाँचवें टेस्ट में खेलने से बाहर कर दिया गया है। यह चोट पिछले मैच, ओवल ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के पहले दिन हुई थी, जब पेंट ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वेक्स के रिवर्स स्वीप शॉट का प्रयास करते हुए अपने दाएँ पैर को चोटिल कर लिया। स्कैन में स्पष्ट फ्रैक्चर दिखा, लेकिन पेंट ने दर्द के बावजूद अगले दिन मैदान पर कदम रखा। वह टूटा हुआ पैर लेकर 54 रन बनाते हुए टीम को एक महत्वपूर्ण अर्धशतक दिया, जिससे उनकी बहादुरी की सराहना की गई।
भारतीय टीम के कोच गौतम गांभीर ने पेंट के इस इन्सानजत कार्य को "टीम की नींव" कहा, और कहा कि आने वाली पीढ़ियाँ इस साहसिक प्रदर्शन को याद रखेंगी। पैंट का इस श्रृंखला में प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा, जहाँ उन्होंने 479 रन की भारी इकट्ठी की, औसत 68.42 के साथ, दो शतक और तीन अर्धशतक बनाकर भारतीय बंधु को मोमेंटम दिया। उनका अभाव टीम के मध्य‑क्रम में एक बड़ा गैप छोड़ता है, ख़ासकर जब इंग्लैंड 2-1 की बढ़त रखता है।

नारायण जगदेसन के साथ भारतीय टीम का नया चेहरा
पैंट की अनुपस्थिति में चयन समिति ने नारायण जगदेसन को बैक‑अप विकेटकीपर के तौर पर ब्लूप्रिंट किया है। पहले ही कई सत्रों में उन्होंने अपनी क्लासिक तकनीक और स्थायित्व से सबको प्रभावित किया है। उनकी पहली श्रेणी (फर्स्ट क्लास) आँकड़े impressive हैं:
- कुल मैच: 52
- रन: 3,373
- औसत: 47.50
- शतक: 10, अर्धशतक: 14
ओवल पर इस निर्णायक टेस्ट में जगदेसन को मौका मिलने से भारतीय टीम के बैटिंग गहनता में एक नया आयाम जुड़ सकता है। ध्रुव जुरेल ने पैंट के चोटिल होने के बाद से विकेटकीपिंग संभाली है, और वह आखिरी टेस्ट में भी इस भूमिका को जारी रखेंगे। इस मिश्रित संयोजन में जुरेल की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और जगदेसन की स्थिरता दोनों को ध्यान में रखते हुए टीम ने अपनी रणनीति को फिर से तैयार किया है।
बॉर्डर पर पैंट की कमी का असर हर शॉट पर महसूस किया जाएगा, परन्तु भारतीय कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ताओं ने भरोसा जताया है कि नई जोड़ी इस चुनौती को संभाल लेगी। BCCI की मेडिकल टीम पैंट के स्वास्थ्य की करीबी निगरानी कर रही है और उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएँ दे रही है। टेस्ट श्रृंखला का आखिरी मुकाबला 31 जुलाई को लंदन के ओवल में शुरू होगा, और अगर भारत इसे जीत लेता है, तो वह न केवल श्रृंखला को बराबर कर देगा बल्कि नई प्रतिभा के साथ एक नई दिशा भी स्थापित करेगा।
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