देवा – सभी ख़बरें और रिव्यू
आपने अभी‑ही शहिद कपूर की नई फ़िल्म देवा के बारे में सुना होगा। इस पेज पर हम फिल्म की कहानी, मुख्य पात्रों की जॉब और दर्शकों की राय को आसान भाषा में बताते हैं। अगर आप तय नहीं कर पाए कि देखनी चाहिए या नहीं, तो आगे पढ़िए – आपको सही फैसला करने में मदद मिल जाएगी।
फ़िल्म की कहानी और प्रदर्शन
देवा एक पुलिस थाने के अंदर घटित होने वाली दहशत को दिखाती है। शहिद कपूर इस भूमिका में एक सख्त अधिकारी का किरदार निभाते हैं जो भ्रष्टाचार से लड़ता है। कहानी में कई मोड़ होते हैं – एक तरफ़ सच्चाई खोजने की कोशिश, दूसरी ओऱ गुप्त शक्तियों का दबाव। दृश्यों की सेटिंग बहुत वास्तविक लगती है और कैमरा वर्क तेज़ी से आगे बढ़ाता है, जिससे दर्शक को हर क्षण में भागीदारी महसूस होती है।
अभिनय के मामले में शहिद ने अपने पिछले कामों से बेहतर प्रदर्शन दिया है। उनका इमोशन कंट्रोल और एक्शन सीन दोनों ही भरोसेमंद हैं। सहायक कलाकार भी कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं, पर कभी‑कभी उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा ज्यादा लग सकता है। संगीत और बैकग्राउंड स्कोर फ़िल्म के टोन को सही ढंग से सेट करता है, जिससे थ्रिल का असर बढ़ जाता है.
समीक्षक क्या कह रहे हैं?
अधिकांश समीक्षकों ने फिल्म की रॉ एनीमेटेड स्टोरीलाइन को सराहा है। उन्होंने कहा कि देवा में सामाजिक मुद्दों को सच्चे तौर पर उठाया गया है, खासकर पुलिस सुधार के पहलू को। हालांकि, कुछ आलोचनाओं में बताया गया है कि कहानी के मध्य भाग में थोड़ा धीमा पड़ जाता है और कुछ दृश्यों की लंबाई अनावश्यक लगती है.
दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ भी मिलीजुली हैं। कई लोग शहिद कपूर की एक्शन को पसंद करते हुए फ़िल्म को 4/5 स्टार देते हैं, जबकि अन्य लोग रैपिड पेसिंग और गहरे संदेशों के कारण इसे थोड़ा भारी मानते हैं। अगर आप सामाजिक थ्रिलर में दिलचस्पी रखते हैं तो यह फ़िल्म आपके लिए सही चुनाव हो सकता है.
संक्षेप में, देवा एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी और साथ ही एंटरटेन भी करेगी। चाहे आप शहिद कपूर के फैन हों या सामाजिक मुद्दों से जुड़ी कहानियों को पसंद करते हों, इस फ़िल्म में कुछ न कुछ आपका ध्यान खींचेगा। अब जब आप पूरी जानकारी ले चुके हैं, तो टिकट बुक करें और अपनी राय हमें बताइए!
शाहिद कपूर की फिल्म 'देवा' का रिव्यू: खूबसूरत प्रदर्शन लेकिन कमजोर कहानी
2025 की हिंदी फिल्म 'देवा', रोशन एंड्रयूज द्वारा निर्देशित और शाहिद कपूर अभिनीत है। यह एंड्रयूज की 2013 मलयालम फिल्म 'मुंबई पुलिस' का रीमेक है। कहानी एक विद्रोही मुंबई पुलिस अफसर देव अंबरे के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने करीबी साथी की हत्या के बाद की स्थिति से निपटता है। फिल्म में शाहिद कपूर की दमदार अदाकारी की सराहना हुई है, लेकिन कहानी की गति और पात्रों के अनुक्रम में खामियां आलोचना का केंद्र बनी हैं।
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