सैन्य अभ्यास – क्या होता है और क्यों ज़रूरी है?

जब आप टीवी या सोशल मीडिया पर किसी बड़ी सेना की टैंकों का सरकना देखते हैं, तो वो अक्सर सैन्य अभ्यास होते हैं। ये अभ्यास केवल शो नहीं होते; इन्हें शत्रु के हमले से बचाव, नई तकनीक का परीक्षण और विभिन्न देशों की सेनाओं को एक‑दूसरे के साथ तालमेल बिठाने के लिए किया जाता है। अगर आप रोज़मर्रा की जिंदगी में भी टीम वर्क या नई रणनीतियों को अपनाते हैं, तो समझिए कि सैनिकों का अभ्यास वही सीखने‑जुड़ने का मंच होता है।

सैन्य अभ्यास के प्रमुख उद्देश्य

पहला लक्ष्य – रचनात्मक तैयारी. चाहे वह सीमा पर संभावित टकराव हो या समुद्री सुरक्षा, अभ्यास से सैनिक वास्तविक स्थितियों के लिए तैयार होते हैं। दूसरा, तकनीकी परीक्षण. नए हथियार, ड्रोन या साइबर सिस्टम को मैदान में आज़माया जाता है ताकि कम समय में बग ढूँढ़ सकें। तीसरा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग. भारत ने कई बार विदेशियों के साथ मिलकर अभ्यास किया है – जैसे नेपाल, भूटान और एशिया‑पैसिफिक देशों के साथ। इससे दोनों पक्षों को एक‑दूसरे की रणनीति समझने में मदद मिलती है।

हालिया प्रमुख अभ्यासन की झलक

पिछले महीने भारत ने उत्तर-पूर्वी सीमा पर ‘अभय’ नामक बड़ा ड्रिल किया। इस अभ्यास में 10,000 से अधिक सैनिक, कई टैंक और हेलिकॉप्टर शामिल थे। लक्ष्य था जंगल‑भरे इलाके में तेज़ गतिशीलता दिखाना और दुश्मन के संभावित हमले को रोकना। उसी समय बांग्लादेश एयरफोर्स के अधिकारी भी भारत की सीमा पर अपने सात अफसरों को ‘रॉ’ (रिक्रूटिंग) से हटाने का दावा कर रहे थे, लेकिन बाद में इन दावों को खारिज किया गया। यह दिखाता है कि अभ्यासन के बीच कभी‑कभी राजनैतिक टकराव भी उत्पन्न हो सकते हैं, परंतु वास्तविक ड्रिल की प्रगति नहीं रुकती।

एक और दिलचस्प केस था ‘ऑस्ट्रेलिया‑भारत संयुक्त अभ्यास’, जहाँ दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा के लिए पनडुब्बी सिमुलेशन किया। इस दौरान जॉश इंग्लिस ने 78 रन बनाए – हाँ, यह क्रिकेट का उदाहरण है लेकिन इसका मतलब है कि अभ्यासन में भी तेज़ फॉर्म दिखाना ज़रूरी है, जैसे मैदान पर बल्लेबाज़ को करना पड़ता है।

कभी‑कभी छोटे‑छोटे अभ्यास बड़े बदलाव लाते हैं। ‘बांग्लादेश एयरफोर्स साजिश’ वाली खबरें वायरल हुईं, लेकिन फिर सत्यापित करने के बाद पता चला कि वह फेक थी। इससे यह सीख मिलती है कि अभ्यासन से जुड़ी जानकारी हमेशा आधिकारिक स्रोत से जांचनी चाहिए।

अगर आप इस टैग पेज पर आते हैं तो उम्मीद रखें – यहाँ आपको हर बड़े सैन्य अभ्यास की ताज़ा खबरें, उनके पीछे की रणनीति और संभावित असर का आसान‑भाषी विश्लेषण मिलेगा। चाहे आप रक्षा में करियर बना रहे हों या सिर्फ़ जिज्ञासु पाठक, यह जगह आपके लिए उपयोगी होगी।

अगले हफ्ते हमारे पास ‘साइबर अभ्यासन 2025’ पर विशेष रिपोर्ट आएगी, जिसमें भारतीय आईएसपीआर की नई पहल और डिजिटल युद्ध के तरीके बताए जाएंगे। तब तक आप यहाँ से पढ़ सकते हैं कि कैसे छोटे‑छोटे अभ्यास बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्य में बदलते हैं।

चीन-ताइवान तनाव: नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बीच चीन ने ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास तेज किया

चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के शपथ ग्रहण के बाद ताइवान के चारों ओर अपने सैन्य अभ्यास दूसरे दिन भी जारी रखे हैं। इन अभ्यासों में चीन की वायु सेना, रॉकेट बल, नौसेना, सेना और तट रक्षक शामिल हैं। वहीं, ताइवान ने अपने जेट को तैयार रखते हुए उच्च सतर्कता बरती है और एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया है।

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