• घर
  • यूएस फेड मीटिंग लाइव अपडेट्स: ब्याज दरें 5.25-5.50% पर स्थिर, भविष्य की कटौती और महंगाई डेटा पर नजर

यूएस फेड मीटिंग लाइव अपडेट्स: ब्याज दरें 5.25-5.50% पर स्थिर, भविष्य की कटौती और महंगाई डेटा पर नजर

व्यापार

यूएस फेडरल रिजर्व ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय बैठक के बाद घोषणा की कि वह बेंचमार्क ब्याज दर को 5.25-5.50% पर स्थिर रखेगा। यह निर्णय आर्थिक विश्लेषकों की उम्मीदों के अनुरूप था। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने पुष्टि की कि जुलाई 2023 से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जब फेड ने महामारी के बाद से उच्चतम महंगाई से निपटने के प्रयासों के रूप में दरों को बढ़ाया था।

मार्च 2022 से लेकर जुलाई 2023 तक, फेड ने ब्याज दरों में कुल 525 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि की थी ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके। उस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था महंगाई के उच्चतम स्तर पर थी, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापारों पर भारी दबाव पड़ा। हालांकि, फेड की स्पष्ट नीति और कठोर निर्णयों ने धीरे-धीरे महंगाई को कम करने में मदद की और वर्तमान में यह 2.5% वार्षिक दर पर है।

महंगाई के नियंत्रण में आने के साथ-साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी मजबूत प्रदर्शन कर रही है। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 2.8% दर्ज की गई, जो उपभोक्ता खर्च और व्यापार निवेश में वृद्धि के कारण संभव हुआ। इस वृद्धि ने संकेत दिया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तंदुरुस्त है और सही दिशा में बढ़ रही है।

17-18 सितंबर को आयोजित होने वाली अगली FOMC बैठक पर सभी की निगाहें टिकी होंगी, जहां यह संभावना है कि फेड अपनी भविष्य की दर नीतियों पर कुछ दिशा-निर्देश दे सकता है। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण का भी इंतजार किया जा रहा है, जो भावी दर निर्णयों पर प्रकाश डाल सकता है।

अमित गोयल, Pace 360 के सह-संस्थापक और मुख्य वैश्विक रणनीतिकार ने कहा कि सितंबर में संभावित दर कटौती भारतीय बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह कदम गोल्ड और इक्विटी की कीमतों में वृद्धि ला सकता है, जिससे निवेशकों को लाभ हो सकता है। भारतीय बाजार, जो निफ्टी 25,000 के आंकड़े के करीब रह रहा है, इस समाचार से नई ऊंचाइयों को छू सकता है।

यूएस फेडरल रिजर्व के इस निर्णायक रुख और महंगाई तथा दरों पर उनकी संजीदगी ने वैश्विक बाजारों को स्थिरता प्रदान की है। अमेरिकी उपभोक्ता खर्च और व्यापार निवेश में वृद्धि ने प्रदर्शित किया कि अर्थव्यवस्था ठोस आधार पर खड़ी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगामी महीनों में फेड किस तरह के निर्णय लेता है और इससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।

महंगाई पर नियंत्रण

सख्त नीतियों के परिणाम

फेड की सख्त नीतियां, जैसे ब्याज दरों में बढ़ोतरी, ने महंगाई को नियंत्रित करने में कारगर भूमिका निभाई है। इसके पीछे का उद्देश्य था कि बढ़ती कीमतों के दौर में अर्थव्यवस्था को संतुलित करना। महंगाई, जो एक समय 8% से ऊपर थी, अब फेड के 2% लक्ष्य के करीब आ चुकी है। यह न केवल अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए भी सकारात्मक संकेत है।

महंगाई दर में सुधार को देखते हुए, यह संभव है कि फेड भविष्य में दर कटौती के लिए कदम उठाए। हालांकि यह निर्णय मौजूदा आर्थिक संकेतकों और वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती

अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती

व्यापार और उपभोक्ता खर्च का योगदान

दूसरी तिमाही में 2.8% की जीडीपी ग्रोथ ने साबित किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक मजबूत और स्थिर अवस्था में है। उपभोक्ता खर्च के साथ-साथ व्यापार निवेश में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। यह विकास बाजार की सकारात्मक धारणा को दर्शाता है और इससे भविष्य में आर्थिक वृद्धि की उम्मीदें बढ़ जाती हैं।

उपभोक्ता खर्च, जो किसी भी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक होता है, में सुधार देखने को मिला है। नया डेटा यह दर्शाता है कि उपभोक्ताओं का विश्वास और उनकी खरीद क्षमता मजबूत बनी हुई है। इससे यह संकेत मिलता है कि नागरिकों को अपनी आय और आर्थिक भविष्य पर भरोसा है।

अगले कदम की प्रतीक्षा

अगले कदम की प्रतीक्षा

सितंबर में संभावित दर कटौती

फेड की अगली बैठक 17-18 सितंबर को होनी है, और इसमें संभावित दर कटौती पर विचार हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह भारतीय बाजारों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। भारतीय निवेशक इस खबर पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं, क्योंकि यूएस फेड की नीतियों का वैश्विक वित्तीय बाजारों पर व्यापक प्रभाव होता है।

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आगामी भाषण का भी बहुत महत्व है। इसे लेकर उम्मीद की जा रही है कि वह भविष्य की नीतियों के संकेत देंगे और इससे बाजार की दिशा निर्धारित हो सकती है।

अंत में, फेड के निर्णयों और उनकी भावी नीतियों का असर न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। बाजार बहुत करीब से फेड की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और आने वाले महीनों में होने वाले फैसले महत्वपूर्ण होंगे।

टिप्पणि

  • Arya Darmawan

    Arya Darmawan

    1/अग॰/2024

    ये ब्याज दर स्थिर रहना अच्छी खबर है! अब तक की सभी कठोर बढ़ोतरियों के बाद, ये रुकना दिखाता है कि फेड ने अपना लक्ष्य पाया है। महंगाई 2.5% पर है, GDP 2.8% है, और उपभोक्ता खर्च बढ़ रहा है-ये सब एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के संकेत हैं। अब धीरे-धीरे कटौती की ओर बढ़ना बेहतर होगा।

  • Raghav Khanna

    Raghav Khanna

    1/अग॰/2024

    यह निर्णय अत्यंत संयमित और विवेकपूर्ण है। फेड ने अपने आर्थिक लक्ष्यों के प्रति अत्यधिक दृढ़ता से कार्य किया है, और अब एक निर्णायक क्षण पर रुककर स्थिति का मूल्यांकन करना बहुत जरूरी है। भविष्य की कटौतियों के लिए आधार तैयार है, लेकिन अभी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

  • Rohith Reddy

    Rohith Reddy

    1/अग॰/2024

    ये सब बकवास है। फेड के पास बस एक ही टूल है-ब्याज दर-और वो उसे हर चीज़ के लिए इस्तेमाल करता है। महंगाई घटी है? शायद बस डेटा झूठा है। जीडीपी बढ़ी है? शायद बस सरकार ने नकली आंकड़े बना दिए। अगले 6 महीने में अमेरिका में आर्थिक तूफान आएगा और फिर देखना होगा कि कौन सच बोल रहा है।

  • Vidhinesh Yadav

    Vidhinesh Yadav

    1/अग॰/2024

    अगर महंगाई अब 2.5% पर है तो फेड क्यों नहीं कटौती शुरू करता? क्या ये सिर्फ एक अस्थायी गिरावट है? क्या ये उपभोक्ता खर्च की वृद्धि असली है या बस क्रेडिट कार्ड के जरिए बनाई गई छल्ली है? मैं इसके पीछे के डेटा को जानना चाहूंगी।

  • Puru Aadi

    Puru Aadi

    1/अग॰/2024

    अच्छा जवाब दिया फेड ने 😊 अब बारी है भारत की! निफ्टी 25K के पार जाएगा, गोल्ड ऊपर जाएगा, और निवेशक खुश हो जाएंगे 💪 ये बात तो साफ है! अब बस थोड़ा धैर्य रखो और देखो कैसे बाजार उड़ान भरता है! 🚀

  • Nripen chandra Singh

    Nripen chandra Singh

    1/अग॰/2024

    क्या हम वाकई जानते हैं कि महंगाई क्या है? क्या यह सिर्फ एक सांख्यिकी है जिसे किसी ने बनाया है? क्या उपभोक्ता खर्च की वृद्धि वास्तविक है या केवल एक अस्थायी उछाल? क्या हम वास्तव में एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं या केवल एक बड़े बुलबुले के अंतिम फूल को देख रहे हैं? इन सवालों का जवाब कोई नहीं दे सकता क्योंकि सभी आंकड़े बाजार के लिए बनाए गए हैं।

  • Rahul Tamboli

    Rahul Tamboli

    1/अग॰/2024

    फेड ने बस एक बार फिर अपने बाजार के नाम के लिए नाटक किया 😎 ब्याज दर स्थिर? बस एक फ्लैश ट्रिक! अब जब निवेशक खुश हो गए, तो वो अगले हफ्ते बर्बर तरीके से दर काट देंगे और सबको नीचे गिरा देंगे! भारत के निवेशक तो बस तैयार रहो, ये बाजार तो बस एक बड़ा गेम है जिसमें तुम नहीं जीत सकते।

  • Jayasree Sinha

    Jayasree Sinha

    1/अग॰/2024

    फेड के निर्णय की व्याख्या में सावधानी बरतना चाहिए। जीडीपी वृद्धि और महंगाई में सुधार दर्शाते हैं कि नीति सफल रही है, लेकिन भविष्य के निर्णयों के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है। अचानक कटौती का अनुमान लगाना जोखिम भरा है।

  • Vaibhav Patle

    Vaibhav Patle

    1/अग॰/2024

    ये बात तो बहुत अच्छी है! 🤩 फेड ने बहुत बड़ा काम किया है-अब तक की सबसे तेज़ ब्याज दर बढ़ोतरी के बाद भी अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। अगर ये रुकावट असली है तो भारत के लिए बहुत अच्छी खबर है। निफ्टी 25K के पार जाने का समय आ गया है! 💰 अब बस थोड़ा और धैर्य रखो और देखो कैसे बाजार उड़ान भरता है! 🚀

  • Garima Choudhury

    Garima Choudhury

    1/अग॰/2024

    महंगाई 2.5%? अरे भाई ये डेटा फेड ने अपने कंप्यूटर पर बना लिया है। असल में तो खाने की चीजें 20% से ज्यादा महंगी हो गई हैं। और जीडीपी 2.8%? बस बड़े कंपनियों के लाभ को बढ़ाकर बनाया गया है। अब फेड दर काटेगा? नहीं भाई, ये तो बस एक बड़ा धोखा है। जब तक आप निवेश करते हैं, तब तक आप नहीं जानेंगे कि आपका पैसा कहाँ गया।

  • Hira Singh

    Hira Singh

    1/अग॰/2024

    वाह! बहुत अच्छा अपडेट! फेड ने सही रास्ता चुना है। अब भारत के लिए ये बहुत अच्छा मौका है। निवेश करो, धैर्य रखो, और देखो कैसे हम भी ऊपर उठते हैं! 💪 जय हिंद! 🇮🇳

  • Ramya Kumary

    Ramya Kumary

    1/अग॰/2024

    महंगाई के नियंत्रण की यह कहानी एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे एक संस्थान अपनी शक्ति का उपयोग अपने लक्ष्य के लिए कर सकता है। लेकिन क्या हम भूल रहे हैं कि यह शक्ति किसके लिए है? क्या यह वास्तव में सामान्य नागरिकों के लिए है, या केवल बाजार के लिए? एक अर्थव्यवस्था जो बस आंकड़ों के लिए जीती है, क्या वास्तविक जीवन के लिए स्वस्थ हो सकती है?

  • Sumit Bhattacharya

    Sumit Bhattacharya

    1/अग॰/2024

    फेड की नीति का विश्लेषण विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था के संदर्भ में आवश्यक है। ब्याज दरों में स्थिरता अनुमानित आर्थिक व्यवहार का संकेत है। भविष्य की कटौती की संभावना के आधार पर निवेश नीतियों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। भारतीय बाजारों के लिए यह एक अवसर है जिसे व्यवस्थित ढंग से उठाया जाना चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें