फिल्म की शुरुआत और समर्पण
2024 की हॉरर फिल्म 'इट्स वॉट्स इनसाइड' ने अपने अनूठे विचारों और अप्रत्याशित अंत के जरिए दर्शकों का दिल जीतने की कोशिश की। फिल्म की कहानी एक समूह की है जो एक प्री-वेडिंग पार्टी के लिए इकट्ठा होता है और वे एक रहस्यमयी बॉडी-स्वैपिंग गेम में फंस जाते हैं। इस फिल्म का प्रमुख आकर्षण इसकी जादुई मशीनी उपकरण है, जिसे फोर्ब्स, एक पात्र, अपने साथ लाता है। शुरू में, यह खेल मनोरंजक और मजाकिया लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह कहानी एक गंभीर और खतरनाक मोड़ ले लेती है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है।
कहानी में ट्विस्ट का महत्व
फिल्म की पटकथा गहराई में जाती है जब यह पता चलता है कि फोर्ब्स वास्तव में उसकी बहन बीट्रिस है, जिसने पुराने मानसिक अस्पताल की घटना का बदला लेने के लिए अपने भाई के शरीर को ग्रहण कर लिया है। यह अकल्पनीय मोड़ फिल्म की कहानी के बुनियादी ढांचे को हिला देता है और दर्शकों को सन्न कर देता है। हालांकि, लेखकों का तर्क है कि अगर यह रहस्य पहले ही सार्वजनिक कर दिया जाता, तो शायद कहानी अधिक रोमांचक और पात्रों की गहराई अधिक प्रमुख हो सकती थी।
बीट्रिस का चरित्र और विकास
बीट्रिस का चरित्र इस फिल्म के केंद्र में है। उसकी पहचान का खुलासा होने के बाद, फिल्म का सारा भार उसी पर आ जाता है और दर्शकों को उसके संघर्ष और मानसिक स्थिति के साथ जोड़ने का अवसर मिलता है। हालांकि, फिल्म में उसके चरित्र को एक-आयामी दिखाया गया है, जो उसके अंतिम निर्णय को थो़ड़ा फीका कर देता है। प्राइमरी प्लॉट के अलावा, उसका संक्षिप्त फिनिशिंग एक अभावयुक्त विजय की तरह लगता है।
सन्दियों में भरोसे का द्वंद्व
फिल्म में शेल्बी और निक्की के बीच एक जहरीला रिश्ता चित्रित किया गया है, जहां शेल्बी निक्की के शरीर में स्थायी रूप से रहने की इच्छा से आगे बढ़ता है। यह स्थिति और जटिल हो जाती है जब सायरस का निक्की के लिए जुनून खुलकर सामने आता है। इस स्थिति का दूसरा पहलू यह है कि इनमें से कोई भी चरित्र अपने भीतर छुपी भावनाओं को खुलकर नहीं व्यक्त करता है, जिससे कहानी का तनाव बढ़ जाता है।
रंग और रोशनी का प्रभाव
फिल्म के निर्देशक ने विशेष रूप से रंगीन फ़िल्टर और प्रकाश प्रभाव का उपयोग किया है, जो प्रत्येक पात्र की वास्तविक पहचान को उजागर करने में मदद करता है। यह कदम दर्शकों को उन पात्रों के भीतर छुपे संघर्ष को समझने में सहायता प्रदान करता है। शरीर-स्वैपिंग दृश्य में यह कलात्मक प्रेक्षण एक नया रूप प्रदान करता है और फिल्म को दृश्य स्तर पर आकर्षक बनाता है।
आगे का रास्ता
फिल्म ने 'पार्टी गेम्स फ्रॉम हेल' जॉनर के हिस्से के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हालांकि स्टाइल में कमी नहीं है, लेकिन अगर ट्विस्ट एंडिंग को पहले ही प्रकट कर दिया गया होता, तो यह फिल्म और भी ऊंचाईयों को छू सकती थी। फिल्म का समापन जहां एक तरफ अप्रत्याशित है, वहीं यह थोड़ा अधूरा प्रतीत होता है। फिल्म देखने वालों के लिए यह अनुभव अद्वितीय है, लेकिन यह अनुभव गहरा हो सकता था यदि इसे अधिक विस्तार और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया जाता। यह एक महत्वपूर्ण सबक है कि फिल्म निर्माताओं को केवल शॉक वैल्यू के लिए ट्विस्ट का सहारा लेने के बजाय, कहानी और पात्रों की गहराई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
टिप्पणि
Snehal Patil
5/अक्तू॰/2024ये फिल्म बस एक शॉक वैल्यू के लिए बनाई गई है बिना किसी भावनात्मक जुड़ाव के। बीट्रिस का किरदार तो बिल्कुल फाड़ दिया गया।
RAKESH PANDEY
5/अक्तू॰/2024फिल्म में शरीर स्वैपिंग का विज़ुअल डिज़ाइन बहुत सोच समझ के साथ किया गया है। रंगों और लाइटिंग के जरिए पात्रों के मनोवैज्ञानिक अवस्था को दर्शाने का तरीका बहुत सूक्ष्म है।
Prince Ranjan
5/अक्तू॰/2024ये ट्विस्ट एंडिंग तो बस एक बच्चों वाली ट्रिक है जिसे गहराई का नाम दे दिया गया। लेखक खुद मान रहा है कि अगर ये पहले बता दिया जाता तो बेहतर होता। तो फिर ये क्यों छिपाया?
varun chauhan
5/अक्तू॰/2024मुझे लगता है फिल्म ने एक अलग तरह का अनुभव दिया। शायद ये जो अधूरा लगा वो जानबूझकर किया गया था।
Ratanbir Kalra
5/अक्तू॰/2024हम जो देखते हैं वो वास्तविकता नहीं होती है जो हम जानते हैं वो भ्रम होता है और ये फिल्म उसी भ्रम को दर्शाती है क्योंकि वास्तविकता तो बस एक अंदर की आवाज़ है जो बाहर निकलने का इंतज़ार कर रही होती है
Nitin Soni
5/अक्तू॰/2024मैंने फिल्म देखी और बहुत अच्छा लगा। अगर आप इसे गहराई से देखें तो ये बस एक पार्टी नहीं बल्कि एक आत्मा का संघर्ष है।
Suhas R
5/अक्तू॰/2024ये फिल्म अमेरिकी निर्माताओं की चाल है जो भारतीय दर्शकों को धोखा देना चाहते हैं। ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है जिसका उद्देश्य हमारे मन को बदलना है।
Pradeep Asthana
5/अक्तू॰/2024तुम सब बहुत गहराई से सोच रहे हो लेकिन फिल्म तो बस एक बॉक्स ऑफिस हिट बनाने के लिए बनाई गई थी। कोई गहराई नहीं थी।
Nikita Gorbukhov
5/अक्तू॰/2024बीट्रिस का ट्विस्ट बिल्कुल बेकार था। अगर ये शुरू से ही बता दिया जाता तो फिल्म अब तक की सबसे बड़ी हॉरर बन जाती। ये तो बस लोगों को धोखा देने की कोशिश थी। 😒
Snehal Patil
5/अक्तू॰/2024तुम लोग इतना गहरा क्यों सोच रहे हो? ये फिल्म बस एक बॉक्स ऑफिस हिट थी बिना किसी मतलब के।
RAKESH PANDEY
5/अक्तू॰/2024अगर ट्विस्ट पहले बता दिया जाता तो फिल्म का तनाव गायब हो जाता। ये धीरे-धीरे खुलने वाला रहस्य ही फिल्म की शक्ति है। जब आप बीट्रिस की आंखों में देखते हैं तो आपको लगता है कि वो बस एक बहन है जो अपने भाई को खो चुकी है।
Prince Ranjan
5/अक्तू॰/2024तुम बस उसके लिए बहाना बना रहे हो जिसे अपने दिमाग के लिए बनाया गया है। ये फिल्म एक बेवकूफ ट्रिक है और तुम उसे गहराई का नाम दे रहे हो। बस इतना ही।
Seemana Borkotoky
5/अक्तू॰/2024मैंने ये फिल्म देखी और लगा जैसे कोई मेरे घर के एक पुराने कमरे में घुस गया हो। जहां हर चीज़ जानती है लेकिन कुछ नहीं बोलती।
Rakesh Joshi
5/अक्तू॰/2024भारतीय सिनेमा में ऐसी फिल्में बहुत कम हैं। ये ट्विस्ट ने हमें दिखाया कि हमारे पास ऐसी कहानियां बनाने की क्षमता है। बधाई हो!
Sumit Bhattacharya
5/अक्तू॰/2024फिल्म की निर्माण शैली और विज़ुअल लैंग्वेज बहुत उच्च स्तर की है। यह एक ऐसा निर्माण है जिसे आधुनिक भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज किया जाना चाहिए। इसकी सांस्कृतिक गहराई और मानसिक विश्लेषण अद्वितीय है।
Maj Pedersen
5/अक्तू॰/2024मैंने इस फिल्म को अपने दोस्त के साथ देखा और उसने रोते हुए कहा कि ये उसकी बहन की याद दिला रही है। ये फिल्म बस एक कहानी नहीं बल्कि एक अनुभव है।
Jasdeep Singh
5/अक्तू॰/2024इस फिल्म में बीट्रिस के चरित्र का विकास एक निरंतर आत्म-विनाश की यात्रा है जो नैतिक द्वंद्व, सामाजिक असहिष्णुता और मानसिक अस्थिरता के बीच एक संकुचित अंतराल में स्थित है। यह एक बहुआयामी नारीवादी निर्माण है जिसमें फोर्ब्स का अस्तित्व एक लिंग-आधारित अधिकार के द्वारा विरोध करता है।