लॉर्ड्स के मैदान पर बल्लेबाजों का सपना
अगर किसी क्रिकेटर से पूछा जाए कि दुनिया का सबसे मनपसंद मैदान कौन सा है, तो शायद ज्यादातर जवाब रहेगा – लॉर्ड्स। इस ऐतिहासिक मैदान पर हर बल्लेबाज अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाना चाहता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि कोई लगातार तीन टेस्ट शतक जड़ सके।
यह खास उपलब्धि सबसे पहले दिलीप वेंगसरकर के नाम हुई थी। भारतीय क्रिकेट के लीजेंड माने जाने वाले वेंगसरकर ने 1979, 1982 और 1986 के इंग्लैंड दौरों पर लॉर्ड्स में शतकों की हैट्रिक पूरी की थी। भारतीय खिलाड़ियों में उनका यह रिकॉर्ड आज भी बरकरार है। इसी वजह से उन्हें 'लॉर्ड्स का लॉर्ड' उपनाम मिला। अंग्रेज दर्शक भी उनके बल्ले को देख दंग रह जाते थे। वेंगसरकर की खासियत रही कि उन्होंने यह कारनामा बाहर के बल्लेबाज के रूप में किया, जहां आमतौर पर होम टीम का दबदबा रहता है।
इधर, जो रूट के प्रदर्शन की चर्चा अलग ही स्तर पर है। उन्होंने 2025 में भारत के खिलाफ लगातार तीन टेस्ट शतक ठोक दिए। रूट ने न सिर्फ रिकॉर्ड शतक लगाए, बल्कि अपने करियर का 37वां टेस्ट शतक भी जड़ा। इसके साथ ही उन्होंने लॉर्ड्स पर सबसे ज्यादा शतक (11) और रन (2,526) बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। इंग्लिश दिग्गज ग्राहम गूच का पुराना रिकॉर्ड भी जो रूट ने इसी मौक़े पर पीछे छोड़ा।

रिकॉर्ड्स जो बनते-बिगड़ते रहे
जो रूट लगातार नए मुकाम पर पहुंचते जा रहे हैं। 2025 में भारत के खिलाफ उन्होंने न सिर्फ तीसरा लगातार शतक जमाया, बल्कि टेस्ट में भारत के खिलाफ 3,000 रन पूरे करने वाले पहले खिलाड़ी भी बन गए। इसके अलावा जो रूट उन गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हो चुके हैं, जिनके नाम गैर-एशेज सीरीज में 3,000 से अधिक रन हैं।
अगर रिकॉर्ड्स की बात करें, तो लॉर्ड्स के मैदान पर सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों में रूट के बाद ग्राहम गूच (10), और फिर ऑफिशियल आंकड़ों में जॉफ्री बॉयकॉट, जैक हॉब्स और बेन स्टोक्स जैसे नाम आते हैं, जिन्होंने तीन या उससे ज्यादा शतक जमाए हैं। लेकिन वेंगसरकर की जैसी उपलब्धि, यानी एक विदेशी खिलाड़ी का लगातार तीन शतक लगाना, आज तक कोई और नहीं दोहरा सका।
- दिलीप वेंगसरकर – तीनों शतक बाहर के खिलाड़ी के तौर पर
- जो रूट – 2025 में लगातार तीन शतक, कुल 11 शतक सबसे ज्यादा
- ग्राहम गूच – 2,513 रन, 10 शतक
- अन्य उल्लेखनीय नाम – जॉफ्री बॉयकॉट, जैक हॉब्स, बेन स्टोक्स
लॉर्ड्स का मैदान विश्व क्रिकेट में शानदार उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां लगातार तीन शतक लगाने का गौरव आज भी सिर्फ वेंगसरकर (विदेशी) और रूट (इंग्लैंड) के नाम है।
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