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सोने की कीमतें ₹1,26,081 प्रति 10 ग्राम पर पहुँचीं, वैश्विक अनिश्चितता के बीच तेजी

व्यापार

बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को भारत में सोने की कीमतें अपने इतिहास के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गईं — MarketMinute के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,26,081 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई, जो पिछले दिन की तुलना में ₹962 की छलांग थी। यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति के डर और विभिन्न देशों की ब्याज दर नीतियों के बदलाव के बीच निवेशकों की ओर से एक सुरक्षित आवास के रूप में सोने की मांग के कारण हुआ। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए यह खबर खासकर चिंताजनक है, क्योंकि शादियों और त्योहारों का शिखर मौसम अभी चल रहा है — जहाँ सोना न सिर्फ एक संपत्ति है, बल्कि सांस्कृतिक प्रतीक भी है।

क्यों बढ़ीं सोने की कीमतें?

यह तेजी केवल भारतीय बाजार की घटना नहीं है। The Times of India के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लगभग $4,190 प्रति औंस पर पहुँच गया — लगभग दो हफ्तों का उच्चतम स्तर। इसका कारण अमेरिका और यूरोप में अनुमानित आर्थिक डेटा का देरी से जारी होना था, जिसने बाजार को यह संकेत दिया कि ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद बढ़ गई है। जब ब्याज दरें गिरती हैं, तो बिना ब्याज वाली संपत्ति — जैसे सोना — अधिक आकर्षक लगती है। इसके अलावा, यूक्रेन और मध्य पूर्व में तनाव बने रहने के कारण वैश्विक बाजारों में डर का माहौल है। इसलिए, निवेशक अपनी पूंजी को सोने में बदल रहे हैं। यह व्यवहार विशेषज्ञों के लिए एक ‘रिस्क-ऑफ-हेज’ सिग्नल है।

शहर-वार कीमतें: कहाँ सबसे सस्ता, कहाँ सबसे महंगा?

भारत में सोने की कीमतें एक समान नहीं हैं। BankBazaar.com के डेटा के अनुसार, उत्तरी भारत के छोटे शहरों में कीमतें कुछ अधिक हैं। दिमागी रूप से, दिब्रुगढ़ में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹95,000 प्रति 10 ग्राम थी — सबसे अधिक। वहीं, कवरत्ती में यह ₹93,800 थी — सबसे कम। यह अंतर केवल परिवहन लागत या टैक्स नहीं है। यह स्थानीय डीलरों की आपूर्ति श्रृंखला, लोकल डिमांड और नकदी के बहाव का परिणाम है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में कीमतें ₹94,600 से ₹94,400 के बीच थीं। यह अंतर छोटा लग सकता है, लेकिन एक शादी के लिए 50 ग्राम सोना खरीदने वाले एक परिवार के लिए यह ₹5,000 से अधिक का अंतर हो सकता है।

क्या यह वृद्धि स्थायी होगी?

विश्लेषकों का मानना है कि अगले दो महीनों तक सोने की कीमतें ऊपर की ओर रहेंगी। GoldInforma.com के आंकड़े दिखाते हैं कि 18 नवंबर को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹11,594 प्रति ग्राम थी। अब वह ₹12,820 है — लगभग 10.6% की छलांग। यह तेजी तब शुरू हुई जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को बरकरार रखने का फैसला किया, जिससे निवेशकों को लगा कि अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है। इसके बाद, भारत में भी बैंकों ने लोन ब्याज दरों में थोड़ा घटाव किया, जिसने निवेशकों को सोने की ओर धकेल दिया। लेकिन यह वृद्धि स्थायी नहीं होगी। अगर अगले दो महीनों में अमेरिका में आर्थिक डेटा सुधरता है, तो सोने की कीमतें फिर से गिर सकती हैं।

क्या उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं?

हाँ। और बहुत ज्यादा। दिल्ली की एक शादी प्लानर, राधिका शर्मा, कहती हैं: “हमने अक्टूबर में ग्राहकों के लिए सोने का ऑर्डर दिया था। अब उसी नक्शे के लिए ₹40,000 अधिक देना पड़ रहा है।” यह सिर्फ शादियों की बात नहीं। छोटे व्यापारी अब सोने के बर्तन बनाना बंद कर रहे हैं। कानपुर के एक जौहरी ने कहा, “हमारे ग्राहक अब सिर्फ 5 ग्राम खरीद रहे हैं — पहले 15 ग्राम तक खरीदते थे।” यह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन यह भारतीय अर्थव्यवस्था के एक बड़े टुकड़े को छू रही है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयातक है — हर साल ₹5 लाख करोड़ से अधिक का सोना आता है। इसकी कीमत बढ़ने से विदेशी विनिमय भंडार पर दबाव बढ़ रहा है।

इतिहास की नजर से: क्या यह पहली बार है?

नहीं। 2020 में कोविड के शुरुआती दिनों में, सोने की कीमतें ₹60,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच गई थीं। 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद भी वही दृश्य देखा गया। लेकिन अब कुछ अलग है। पिछले बार बढ़ोतरी तेजी से हुई थी — एक हफ्ते में 15%। अब यह धीमी, लगातार और बहुत अधिक जटिल है। इसके पीछे केवल एक कारण नहीं, बल्कि कई गुटों का संगम है: अमेरिकी ब्याज दरें, भारतीय रिजर्व बैंक की नीति, बाजार में नकली सोने का बढ़ता डर, और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों के बजाय सोने में निवेश की रुचि। यह एक नया आर्थिक संस्कृति है — जहाँ लोग अपनी बचत को बैंक नहीं, बल्कि एक गहने में रखना चाहते हैं।

अगले कदम क्या हैं?

अगले 30 दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक होने वाली है। अगर RBI ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। वैश्विक स्तर पर, अमेरिका के नवंबर के चुनावों के बाद आने वाली आर्थिक नीतियाँ भी निर्णायक होंगी। अगर नए अध्यक्ष ने आर्थिक उत्तरोत्तरता की ओर रुख किया, तो वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ेगी — और सोना फिर से बढ़ेगा। इसके बीच, भारतीय उपभोक्ता अपने लिए एक रणनीति बना रहे हैं: शादियों के लिए सोना अगले महीने खरीदना, या अभी खरीदना? यह एक बड़ा फैसला है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सोने की कीमतें अगले महीने और बढ़ेंगी?

संभावना है। अगर अमेरिकी ब्याज दरें गिरती हैं या वैश्विक तनाव बढ़ता है, तो सोने की कीमतें ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की अगली बैठक (दिसंबर 2025) इसका निर्णय लेगी। अगर RBI ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की मांग और बढ़ेगी।

सोना खरीदने के लिए कौन सा शहर सबसे अच्छा है?

कवरत्ती और वाराणसी जैसे शहरों में कीमतें थोड़ी कम हैं, लेकिन वहाँ गुणवत्ता की पुष्टि करना मुश्किल है। दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर में बड़े जौहरी अक्सर BIS-मानक सोना बेचते हैं। अगर आप बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं, तो बैंकों के सोने के सिक्के या गोल्ड बॉन्ड्स ज्यादा सुरक्षित हैं।

सोने के बजाय गोल्ड बॉन्ड्स क्यों बेहतर हैं?

गोल्ड बॉन्ड्स भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और इनमें भौतिक सोना नहीं होता, बल्कि उसका मूल्य होता है। इनकी कीमत सोने के बाजार के साथ चलती है, लेकिन आपको गहने बनाने का बोझ नहीं उठाना पड़ता। इन पर ब्याज भी मिलता है — जो भौतिक सोने पर नहीं मिलता। यह निवेश के लिए अधिक कुशल विकल्प है।

क्या सोने की कीमतें गिरने की संभावना है?

हाँ, अगर अमेरिका में आर्थिक डेटा सुधरे और ब्याज दरें बढ़ने लगें, तो सोने की कीमतें तेजी से गिर सकती हैं। यह 2024 के अंत में हुआ था — जब फेड ने ब्याज दरें बढ़ाईं और सोने की कीमतें 15% गिर गईं। लेकिन अभी ऐसा संकेत नहीं है।

क्या भारत सोने के आयात पर टैक्स बढ़ाएगा?

संभावना है। भारत हर साल ₹5 लाख करोड़ से अधिक का सोना आयात करता है — जिससे विदेशी विनिमय भंडार पर दबाव पड़ता है। अगर कीमतें ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गईं, तो सरकार आयात शुल्क 10% से 12% तक बढ़ा सकती है। यह उपभोक्ताओं को और महंगा कर देगा।

सोने की कीमतें क्यों शहर-वार अलग-अलग हैं?

यह लोकल डीलरों की आपूर्ति, ढुलाई लागत, और स्थानीय डिमांड पर निर्भर करता है। जहाँ सोना कम आता है (जैसे कवरत्ती), वहाँ आपूर्ति कम होती है — इसलिए कीमतें कम होती हैं। जहाँ शादियों का सीजन ज्यादा है (जैसे दिल्ली), वहाँ मांग ज्यादा होती है — इसलिए कीमतें थोड़ी अधिक।

टिप्पणि

  • Amita Sinha

    Amita Sinha

    26/नव॰/2025

    ये सोना अब बस गहने नहीं, बल्कि एक फिनैंशियल ट्रेंड हो गया है 😅 अब तो शादी में सोने के बजाय गोल्ड बॉन्ड्स दे दो, वरना ब्राइड का ब्रेड भी बनेगा नहीं!

  • Bhavesh Makwana

    Bhavesh Makwana

    26/नव॰/2025

    इतिहास देखो तो हर बार जब दुनिया डर रही होती है, लोग सोने की ओर भागते हैं। ये सिर्फ संपत्ति नहीं, बल्कि मानसिक सुरक्षा का एक रूप है। जब बैंक भरोसा नहीं करते, तो एक गहना भी आत्मा को शांत कर देता है।

  • Vidushi Wahal

    Vidushi Wahal

    26/नव॰/2025

    मुझे लगता है कि अब लोग सोना खरीद रहे हैं क्योंकि उनके पास और कुछ नहीं है। बचत करने का एक तरीका है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा सामाजिक डर छिपा है।

  • Narinder K

    Narinder K

    26/नव॰/2025

    तो अब सोने की कीमत बढ़ रही है तो फेड को दोष देना है? 😏 ये तो जैसे कहना है कि बारिश इसलिए हुई क्योंकि मैंने घर के बाहर बैठकर गाना सुना।

  • Narayana Murthy Dasara

    Narayana Murthy Dasara

    26/नव॰/2025

    अगर आप बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, तो बैंक के गोल्ड बॉन्ड्स ज्यादा सुरक्षित हैं। गहने बनवाने की जरूरत नहीं, ब्याज मिलता है, और बेचने में भी आसानी। लोग भौतिक सोने की भावनात्मक लगन में अपनी बुद्धिमत्ता भूल रहे हैं।

  • lakshmi shyam

    lakshmi shyam

    26/नव॰/2025

    ये सब तो बस अमेरिका के लिए एक चाल है। हम भारतीय लोगों को बेकार का सोना खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अपने बैंकों को देखो, वो तो बिना ब्याज के भी धोखा देते हैं!

  • Sabir Malik

    Sabir Malik

    26/नव॰/2025

    मैंने अपने पिताजी को देखा है जब 2020 में सोने की कीमतें बढ़ी थीं, वो हर रोज सुबह बाजार जाते थे, फिर एक छोटा सा गहना खरीद लेते थे। उनका कहना था, ये बचत नहीं, आशा है। आज भी वही भावना है। हर ग्राम सोना एक निश्चय है कि कल भी जिंदगी चलेगी। ये भावना नहीं बदलती।

  • Debsmita Santra

    Debsmita Santra

    26/नव॰/2025

    लोकल डीलरों की आपूर्ति श्रृंखला और स्थानीय डिमांड के कारण कीमतें अलग होती हैं जो एक अर्थव्यवस्था में असमानता को दर्शाता है और इसका असर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर अधिक पड़ता है क्योंकि वहां लोग अक्सर बैंकों की बजाय स्थानीय जौहरियों पर निर्भर रहते हैं जिनके पास बैंकों के स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण नहीं होता और इसलिए उनकी कीमतें या तो अधिक होती हैं या फिर अनिश्चित होती हैं जिससे उपभोक्ता विश्वास का नुकसान होता है

  • Vasudha Kamra

    Vasudha Kamra

    26/नव॰/2025

    सोने की कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण वैश्विक ब्याज दरों में गिरावट है, जिससे बिना ब्याज वाली संपत्ति आकर्षक हो जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक की नीति भी इसमें योगदान दे रही है। इसलिए, गोल्ड बॉन्ड्स एक बुद्धिमानी विकल्प हैं।

  • Abhinav Rawat

    Abhinav Rawat

    26/नव॰/2025

    पिछले 20 साल में सोने की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन लोगों की आय नहीं बढ़ी। अब एक शादी के लिए सोना खरीदना एक बंधन बन गया है। हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए नहीं, बल्कि दूसरों के नजरिए के लिए गहने खरीद रहे हैं।

  • Shashi Singh

    Shashi Singh

    26/नव॰/2025

    ये सब एक गुप्त योजना है!!! 🚨 अमेरिका और ब्रिटेन ने सोने के बाजार को नियंत्रित कर रखा है! वो हमें सोना खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं, ताकि हमारे पैसे उनके बैंकों में जा सकें! और फिर जब हम सोना बेचेंगे, तो वो उसे बाजार से निकाल देंगे और हम बेकार हो जाएंगे!!! 💸👑

  • Surbhi Kanda

    Surbhi Kanda

    26/नव॰/2025

    सोने की कीमतें शहर-वार अलग होना स्वाभाविक है। लेकिन जब एक दिल्ली का जौहरी ₹94,600 बताता है और एक छोटे शहर का ₹95,000, तो ये आपूर्ति श्रृंखला का नहीं, बल्कि धोखा है। गुणवत्ता की पुष्टि नहीं होती, बस नाम बदल दिया जाता है।

  • Sandhiya Ravi

    Sandhiya Ravi

    26/नव॰/2025

    मेरी बहन ने अभी शादी के लिए 20 ग्राम सोना खरीदा था और अब वो रो रही है क्योंकि अगर वो अभी खरीदती तो 10 हजार अधिक देना पड़ता लेकिन उसके पास तो कोई विकल्प नहीं था क्योंकि घर वालों ने कहा था कि ये तो सांस्कृतिक जिम्मेदारी है और अब वो डर रही है कि कहीं ये सोना बेचने पर भी इतना कम न आ जाए

  • JAYESH KOTADIYA

    JAYESH KOTADIYA

    26/नव॰/2025

    हमारा देश सोना आयात करता है और फिर उसे गहने बनाकर फिर से बाहर भेज देता है! ये तो बस एक बड़ा धोखा है। हमारा रुपया बाहर जा रहा है और हमें लगता है कि हम अमीर हो रहे हैं 😂

  • Vikash Kumar

    Vikash Kumar

    26/नव॰/2025

    सोना बढ़ रहा है? तो फिर क्यों नहीं अपने घर में दीवारों के पीछे दफन कर लेते? 😏

  • Siddharth Gupta

    Siddharth Gupta

    26/नव॰/2025

    दोस्तों, ये सोना बढ़ना अच्छा भी है और बुरा भी। अच्छा क्योंकि अगर आपके पास है तो आप अमीर हो रहे हैं। बुरा क्योंकि जिनके पास नहीं, उनके लिए ये एक बड़ा बोझ बन गया है। अब तो शादी का मतलब ही बदल गया है - अब ये एक बैंक लोन का नाम है।

  • Anoop Singh

    Anoop Singh

    26/नव॰/2025

    तुम सब ये बातें कर रहे हो लेकिन क्या तुमने कभी जांचा कि दिल्ली के जौहरी कितना नकली सोना बेच रहे हैं? मैंने अपना गहना लैब में चेक करवाया तो 18 कैरेट निकला था जबकि बिल पर 24 कैरेट लिखा था। ये सोना बढ़ने की बात नहीं, धोखे की बात है!

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