अकषय तृतीया: क्यों कहा जाता है यह सबसे शुभ दिन?

जब भी कैलेंडर में अप्रैल‑मई का महीना आता है, कई लोग अक्षय तृतीया की तारीख देखते हैं। इस दिन को "अक्षय" कहा गया क्योंकि माना जाता है कि इसके बाद जो भी कार्य शुरू किया जाए, वह कभी न खत्म हो और हमेशा फल दे। हिन्दू मान्यताओं में यह दिन भगवान विष्णु के अर्धनारीश्वर रूप से जुड़ा है, जब उन्होंने धरती पर पहली बार कंगन धारण किए थे। इसलिए लोग इस दिन को धन‑वृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि की शुरुआत मानते हैं।

धार्मिक रिवाज़ और पारम्परिक कार्यक्रम

अकषय तृतीया पर सुबह से ही स्नान कर साफ‑सुथरे कपड़े पहनकर पूजन किया जाता है। लोग आमतौर पर भगवान विष्णु, लक्ष्मी या गणेश की प्रतिमा के सामने दीप जलाते हैं और शुद्ध मिठाइयाँ अर्पित करते हैं। कई घरों में इस दिन काजल से आँखों को सजाया जाता है, क्योंकि कहा जाता है कि इससे मन साफ़ रहता है और भविष्य उज्ज्वल बनता है।

भोजन में मुख्य रूप से खजूर, नारियल, चावल और हलवा शामिल होते हैं। ये चीजें ऊर्जा प्रदान करती हैं और साथ ही त्यौहार की खुशी को बढ़ाती हैं। अगर आप बाहर जा रहे हैं तो सादा दाल‑रोटी या पकोड़े भी लोकप्रिय विकल्प हैं।

व्यवसायिक और निवेश संबंधी टिप्स

अकषय तृतीया को अक्सर सोने‑चाँदी खरीदने का शुभ समय माना जाता है। कई लोग इस दिन गहनों की दुकानें भर देती हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन वस्तुओं पर लगाई गई ऊर्जा से निवेश में लाभ मिलता है। अगर आप अभी भी सोच रहे हैं तो छोटे आकार के सिक्के या सोने की अंगूठी चुनें; बड़े पैमाने का ख़रीदना तुरंत आर्थिक दबाव बना सकता है।

धन‑वृद्धि के लिये इस दिन नया व्यावसायिक योजना या स्टार्ट‑अप शुरू करना भी लाभकारी हो सकता है। सबसे पहले एक स्पष्ट लक्ष्य बनायें, फिर छोटे‑छोटे कदमों में उसे तोड़ें। कई सफल उद्यमी अकषय तृतीया को अपने बैलेंस शीट को रीसेट करने का दिन मानते हैं – यानी बकाया ऋण चुकाना या निवेश पोर्टफ़ोलियो की समीक्षा करना।

यदि आप शेयर‑बाजार में रुचि रखते हैं, तो इस दिन के बाद पहली ट्रेडिंग सत्र में कम जोखिम वाले इंडेक्स फ़ंड खरीदने पर विचार करें। ऐसा करने से बाजार का सामान्य ट्रेंड आपके पक्ष में रहता है और शुरुआती नुकसान की संभावना घटती है।

ध्यान रखें कि कोई भी वित्तीय निर्णय केवल एक शुभ दिन पर नहीं, बल्कि पूरी रिसर्च और योजना के बाद ही लेना चाहिए। अकषय तृतीया आपका मनोबल बढ़ा सकता है, लेकिन वास्तविक लाभ आपके विवेक और मेहनत से आएगा।

आध्यात्मिक लाभ और रोज़मर्रा की जीवनशैली

सिर्फ धन ही नहीं, बल्कि इस दिन आध्यात्मिक शुद्धि भी महत्वपूर्ण होती है। कई लोग अपने घर में गंदगी हटाते हैं, पुराने कपड़े दान कर देते हैं या बिखरे कागज़ों को व्यवस्थित करते हैं। यह कार्य न केवल माहौल साफ़ करता है, बल्कि मन की उलझनें भी दूर करता है।

यदि आप शौचालय में जल बचाने के उपाय अपनाते हैं तो इसे अकषय तृतीया का एक भाग मान सकते हैं। छोटी-छोटी पर्यावरण‑मित्र पहलें आपके भविष्य को सुरक्षित बनाती हैं और साथ ही भगवान की कृपा भी दिलाती हैं।

एक और आसान तरीका है दान देना। चाहे वह खाद्य, कपड़े या शैक्षणिक सामग्री हो, मदद करने से न केवल आप सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हैं बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। कई लोग कहते हैं कि यह ही सबसे बड़ा शुभ कार्य है जो अकषय तृतीया पर किया जा सकता है।

अंत में, इस दिन को यादगार बनाने के लिये परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर छोटे‑छोटे खेल या क्विज़ कर सकते हैं। इससे रिश्तों की मजबूती बढ़ती है और त्योहार का मज़ा दोगुना हो जाता है।

तो अगली बार जब अकषय तृतीया आए, तो इसे सिर्फ एक दिन नहीं मानें। यह आपके लिए नई शुरुआत, धन‑वृद्धि और आत्मिक शुद्धि का सुनहरा अवसर हो सकता है। फिजिका माईंड पर पढ़ते रहें, ऐसे ही उपयोगी टिप्स के लिये।

Akshaya Tritiya 2025: किन चीज़ों की खरीदारी से बचें, वरना बिगड़ सकती है किस्मत

अक्षय तृतीया पर लोग आमतौर पर सोना-चांदी खरीदते हैं, लेकिन कुछ चीज़ों की खरीददारी को पूरी तरह अशुभ माना गया है। इनसे बचना जरूरी है, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक नुकसान ला सकती हैं। जानिए, किन वस्तुओं को खरीदने से परहेज करना चाहिए और इसके पीछे क्या मान्यताएं हैं।

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