अंतरिम जमानत – सबको आसान समझ
अगर आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड के निवेशक हैं तो "अंतरिम जमानत" शब्द शायद आपने सुना होगा। पर इसे सही से समझते नहीं? यहाँ हम सादा भाषा में बताते हैं कि यह क्या है और क्यों महत्त्वपूर्ण है।
अंतरिम जमानत क्या होती है?
अंतरिम जमानत कंपनी की सालाना कमाई का हिस्सा होता है जो शेयरधारकों को एक हिस्से के रूप में दिया जाता है, लेकिन पूरे वर्ष नहीं बल्कि आधी या तिहाई अवधि में। इसे अक्सर क्वॉर्टरली या हाफ‑येरली डिविडेंड कहा जाता है। जब कंपनी अच्छा कर रही होती है तो वो इस पैसे से निवेशकों को रिटर्न देती है, जिससे आपका पोर्टफ़ोलियो जल्दी बढ़ता है।
अभी की प्रमुख अंतरिम जमानत खबरें
पिछले हफ्ते Nestle India ने अपने Q3 में 5% लाभ वृद्धि के साथ 14.25 रुपये का अंतरिम डिविडेंड घोषित किया। यह घोषणा शेयरधारकों को तुरंत खुशी देती है क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ती है और स्टॉक की आकर्षकता भी बढ़ती है। इसी तरह, कई बड़े बैंक और NBFCs ने भी इस साल अपने इंटरनल फाइनेंशियल रिपोर्ट में उच्च अंतरिम डिविडेंड का इजहार किया है।
ऐसे एलाइनमेंट से निवेशकों को यह फायदा मिलता है कि उन्हें साल भर दो‑तीन बार नकद मिल जाता है, न कि केवल एक बार वार्षिक रूप में। इससे कैश फ्लो बेहतर रहता है और आप अपने पोर्टफ़ोलियो में नई संभावनाओं के लिए पैसे रख सकते हैं।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि हर कंपनी का डिविडेंड पॉलिसी अलग हो सकता है। कुछ कंपनियां सिर्फ लाभ के 30% तक ही शेयरधारकों को देती हैं, जबकि अन्य 50% या उससे ज्यादा भी दे सकती हैं। इसलिए निवेश करने से पहले कंपनी की डिविडेंड हिस्ट्री देखना ज़रूरी है।
अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो सबसे आसान तरीका है कि ऐसे बड़े और भरोसेमंद कंपनियों के शेयर चुनें जिनकी अंतरिम जमानत नियमित रूप से आती रहे। इससे आपके निवेश में स्थिरता बनी रहती है और जोखिम कम होता है।
भविष्य की योजना बनाते समय, अंतरिम डिविडेंड को अपने आय स्रोतों में शामिल करें। यह न केवल आपको अतिरिक्त नकद देगा बल्कि कर बचाने का एक तरीका भी हो सकता है, क्योंकि कुछ मामलों में डिविडेंड पर टैक्स रेट कम होता है।
अंत में, याद रखें कि अंतरिम जमानत सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि कंपनी की वित्तीय सेहत का संकेत भी देती है। अगर लगातार अच्छी डिविडेंड आती रहे तो यह एक भरोसेमंद निवेश विकल्प बन जाता है। इसलिए अपने पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखने के लिए इस पर नजर रखिए और सही समय पर निर्णय लीजिए।
दिल्ली शराब नीति घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले ही उनकी याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए जमानत देने से मना कर दिया। केजरीवाल 9 जून 2024 को इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे।
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