लक्ष्मी पूजा: धन‑संपदा की माँ को सम्मानित करने की विधि
जब हम लक्ष्मी पूजा, सम्पदा और समृद्धि की माँ को सम्मानित करने की परम्परागत विधि है. Also known as माता लक्ष्मी की पूजा, it घर और व्यापार में आर्थिक उन्नति को आकर्षित करने के लिए की जाती है.
इस पूजा के मुख्य भाग में माँ लक्ष्मी, धन‑संपदा की दिव्य शक्ति को प्रतिकात्मक रूप से स्थापित किया जाता है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, वैदिक पूजा, ऊर्जा को शुद्ध करने और सकारात्मक परिणाम लाने की प्रक्रिया लक्ष्मी पूजा को अधिक प्रभावी बनाती है। यही कारण है कि कई घरों में दीपावली की रात को विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन किया जाता है, क्योंकि वह समय "सम्पदा की रात्रि" माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा का एक महत्वपूर्ण पहलू व्रत, आत्म-शुद्धि और इच्छाशक्ति बढ़ाने का साधन है। कई लोग अष्टमी या शुक्ल पंचमी को उपवास रखते हैं, फिर शुद्ध शाकाहारी भोजन और फूल‑पुष्प अर्पित करते हैं। ऐसा करने से न सिर्फ मन शांति पाता है, बल्कि घर में धन‑लाभ की सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवाहित होती है।
लक्ष्मी पूजा के उपयोगी टिप्स और आम प्रश्न
अगर आप पहली बार लक्ष्मी पूजा कर रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि सबसे उचित समय कौन‑सा है। अधिकांश परम्पराएँ कहते हैं कि दीपावली की शाम, विशेषकर अन्नकूट या बाली द्वादशी, सबसे शुभ माना जाता है। पूजा सामग्री में नारियल, कमल के फूल, शुद्ध शर्करा, चंदन और हरी मिर्च का हल्का ठोकर शामिल होना चाहिए। इसके अलावा, धन लाभ को सुदृढ़ करने के लिए घर की साफ‑सफ़ाई, एन्क्लोज़र और सकारात्मक मनोवृत्ति को अपनाना लाभदायक रहता है।
इन रीतियों को अपनाकर आप न केवल आध्यात्मिक शांति महसूस करेंगे, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी आर्थिक अवसरों को आकर्षित कर सकेंगे। नीचे दी गई सूची में आप लक्ष्मी पूजा से जुड़ी विभिन्न लेख, समाचार और रोचक तथ्य पाएँगे, जो आपके उत्सव को और भी समृद्ध बनाएँगे।
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