NBFC क्या है? आसान भाषा में समझें

आपने शायद ‘NBFC’ शब्द सुना होगा, लेकिन इसका मतलब अभी भी धुंधला लग सकता है। सरल शब्दों में कहें तो NBFC यानी नॉन‑बैंकिंग फाइनैंशियल कंपनी – ऐसी वित्तीय संस्था जो बैंकों जैसी सेवाएँ देती है पर रज़्ज़ामंदी (रिज़र्व) नहीं रखती। इनका काम लोन देना, निवेश का प्रबंधन करना और कुछ खास वित्तीय प्रोडक्ट्स पेश करना होता है।

जब आप घर का लोन या कार का फाइनेंस चाहते हैं, तो बैंक के साथ-साथ NBFC भी एक विकल्प बनते हैं। अक्सर ये तेज़ प्रोसेसिंग, कम डॉक्यूमेंटेशन और थोड़ा बेहतर ब्याज दरें देते हैं – यही कारण है कि कई लोग इनके तरफ देखते हैं।

NBFC के मुख्य काम

सबसे पहले देखें तो NBFC तीन बड़े काम करते हैं:

  • लोन देना: व्यक्तिगत, व्यापारिक या एग्रीकल्चर लोन, अक्सर कम समय में मंजूर हो जाता है।
  • इन्वेस्टमेंट फंड्स: म्यूचुअल फंड, डिपॉज़िट स्कीम और बैंकरहित बचत योजनाएँ चलाते हैं।
  • लीसिंग और फाइनेंसिंग: वाहन, मशीनरी या उपकरणों के लिए लीज़ प्लान बनाते हैं।

इन कामों में सबसे बड़ी बात यह है कि NBFC को RBI (रेज़र्व बैंक ऑफ इंडिया) की मंजूरी चाहिए होती है, लेकिन बैंकों जितनी कड़ी रेज़र्व फंड रखनी नहीं पड़ती। इसलिए उनका ऑपरेटिंग खर्च कम होता है और ये अक्सर ग्राहक‑फ्रेंडली शर्तें दे पाते हैं।

सही NBFC कैसे चुनें?

हर NBFC एक जैसा नहीं होता, तो चुनाव करते समय कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  1. रजिस्टर्ड और लाइसेंस्ड हों: RBI की लिस्ट में देखिए कि कंपनी वैध है या नहीं।
  2. क्रेडिट रेटिंग देखें: अगर क्रेडिट रेटिंग अच्छी है तो डिफॉल्ट का जोखिम कम रहता है।
  3. प्रोसेसिंग टाइम और डॉक्यूमेंटेशन: जल्दी लोन चाहिए तो वो कंपनियां चुनिए जो डिजिटल डॉक्यूमेंट स्वीकार करती हैं।
  4. ब्याज दर और फीस: APR (एनीुअल परचेज़ रेट) देखें, कभी-कभी कम ब्याज के पीछे हाई फी छुपी हो सकती है।
  5. ग्राहक सपोर्ट: फोन या चैट पर मदद मिलती हो तो आगे का काम आसान होता है।

एक बार जब आप ऊपर की चीज़ें चेक कर लें, तो अपना बजट और जरूरत के हिसाब से सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं। याद रखें, लोन लेने से पहले repayment capacity (भुगतान क्षमता) को सही‑सही आंकना ज़रूरी है, नहीं तो भविष्य में परेशानी हो सकती है।

आजकल कई NBFC डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर एप्लिकेशन लेती हैं – मोबाइल ऐप या वेबसाइट से आप तुरंत प्री‑एप्रूवल पा सकते हैं। इस सुविधा का फायदा उठाएँ, लेकिन हमेशा ऑफ़र की शर्तों को पढ़ें और समझें।

फिजिका माईंड पर हम नियमित रूप से NBFC के नियम, नई स्कीम और बाजार में आए बदलावों को कवर करते हैं। अगर आप वित्तीय दुनिया में अपडेट रहना चाहते हैं तो हमारे लेख जरूर पढ़िए – आसान भाषा, वास्तविक उदाहरण और तुरंत काम आने वाली टिप्स के साथ।

तो अब जब भी लोन या निवेश का विचार आए, सिर्फ बैंकों तक ही सीमित न रहें। सही NBFC चुनें, स्मार्ट फ़ैसले लें और अपने वित्तीय लक्ष्य को जल्दी हासिल करें।

HDB Financial IPO: 25 जून से खुला सबसे बड़ा NBFC इश्यू, GMP में 55 रुपये की गिरावट से निवेशक परेशान

HDB Financial Services ने 25 जून को 12,500 करोड़ रुपये के IPO के साथ इतिहास रचा। बावजूद शुरुआती उत्साह के, GMP में 55 रुपये की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क किया। 30 जून को शेयरों का अलॉटमेंट होगा और 2 जुलाई को लिस्टिंग तय है। HDFC Bank के समर्थन और मजबूत रिटेल नेटवर्क के कारण कंपनी चर्चा में है।

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