पेनल्टी शूटआउट क्या होता है?
जब टीमों के बीच स्कोर बराबर हो जाता है, तो जीत‑हार तय करने का सबसे नाटकीय तरीका पेनल्टी शूटआउट है। क्रिकेट में यह टॉस की तरह नहीं, बल्कि गेंद को बॉलिंग लाइन से फेंक कर बल्लेबाज को आउट करना होता है; फुटबॉल में गोलकीपर के सामने पाँच-फ़ाइव किक होते हैं। दोनों खेलों में एक ही मकसद – अधिकतम स्कोर करके जीतना।
क्रिकेट में पेनल्टी शूटआउट कैसे चलता है?
आईपीएल या अंतरराष्ट्रीय मैचों में टाई होने पर सुपर ओवर नहीं, बल्कि पेनाल्टी बॉल का प्रयोग किया जाता है। फील्डिंग टीम एक निर्धारित लाइन से गेंद को फेंकती है और बैटर को 1 रन के लिये ही हिट करना पड़ता है। अगर बैटर आउट हो जाता है तो दूसरी टीम को मौका मिलता है। इस दौरान स्ट्राइक रेट, गेंद की स्पीड और बैटर का हेडिंग बहुत मायने रखता है।
फुटबॉल में पेनल्टी शूटआउट के नियम और टिप्स
फ़ुटबॉल में पाँच किक होती हैं, दोनों टीमें बारी‑बारी से गोल करने की कोशिश करती हैं। अगर 5‑5 पर स्कोर रहता है तो अचानक डेडहॉट (सुडन डेथ) शुरू होता है – हर एक के बाद एक शॉट और फिरसे बारी बदलती रहती है। यहाँ स्ट्राइकर का दिमाग़ शांत रहना ज़रूरी है, क्योंकि गोलकीपर अक्सर पहली किक को पढ़ लेता है। अभ्यास में दो‑तीन पेंशन पॉइंट पर लक्ष्य रखो, साइडलाइन से नहीं; इससे बचाव कम होता है।
याद रखें, पेनल्टी शॉट सिर्फ ताकत का खेल नहीं, बल्कि दिमाग़ की भी कसौटी होती है। कई बार छोटा फॉलो‑थ्रू या धीमी गति वाले शॉट ने बड़े मैचों में फ़ैसला बदल दिया है। जैसे IPL 2025 में LSG बनाम DC के मैच में ऐडन मार्करम का चौथा अर्द्धशतक और हाई स्ट्राइक रेट टीम को मजबूती देता रहा, वही पेनल्टी चरण में छोटा बदलाव जीत की कुंजी बन सकता है।
अगर आप अपने दोस्तों के साथ मॉल या घर पर पेनल्टी खेलते हैं, तो एक आसान नियम अपनाएँ – हर शॉट से पहले तीन सेकंड का ब्रेक रखें और लक्ष्य को साफ़ देखें। इस छोटे‑से रूटीन से तनाव कम होता है और सटीकता बढ़ती है।
अंत में यही कहूँगा कि पेनल्टी शूटआउट सिर्फ खेल नहीं, एक कहानी है जहाँ दबाव, तैयारी और थोड़ी सी किस्मत मिलकर जीत बनाते हैं। अगली बार जब आप इस नजदीकी क्षण को देखेंगे, तो हर किक के पीछे की रणनीति को समझें – यही आपको मैच का असली मज़ा देगा।
उरुग्वे ने पेनल्टी शूटआउट में कनाडा को 4-3 से हराकर कोपा अमेरिका में तीसरा स्थान जीता
उरुग्वे ने 2024 कोपा अमेरिका में कनाडा को 4-3 से पेनल्टी शूटआउट में हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। मुकाबला 2-2 के ड्रॉ के बाद पेनल्टी शूटआउट तक गया, जिसमें उरुग्वे के गोलकीपर सर्जियो रोचेट ने महत्वपूर्ण बचाव किया। लुइस सुआरेज़ ने रोचक गोल करते हुए अंतिम समय में मैच को बराबरी पर लाया।
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