Ahoi Ashtami – उत्सव की असली कहानी
जब आप Ahoi Ashtami, हिंदू धर्म का वह Ashtami है जिसका फोकस माँ अँहोर (Ahoi) की पूजा पर है. इसे अक्सर अहै अष्टमी कहा जाता है, और यह Navratri के शरुआती दिन के बाद गिने जाने वाले आठवें दिन मनाया जाता है। इस दिन माँ अँहोर को जल‑शरीर के रूप में समझा जाता है, जो परिवार की समृद्धि, विशेषकर नन्हे बच्चों की भलाई के लिए सुरक्षा का प्रतीक है।
इसकी जुड़ाव Navratri, नव दिनों की एक श्रृंखला है जहाँ माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है से बहुत गहरा है। Navratri के पहले सप्तमी को माँ अँहोर को अन्न‑प्रदाय की भूमिका से सम्मानित किया जाता है, इसलिए Ahoi Ashtami को अधिकांश परिवार खानों में नई बोरी या दाल‑चावल के साथ मनाते हैं। यही कारण है कि इस दिवस को "खुशनुमा व्रत" भी कहा जाता है, क्योंकि घर में अक्सर बिना मिठाई तकलीफ़ पर नहीं रखी जाती। एसे ही, व्रत, धर्मिक प्रतिबद्धता जो सामग्री या व्यवहार से परहेज करती है का पहलू भी इस तिथी से जुड़ता है। महिलाएँ सुबह जल‑शरीर की पूजा करती हैं, फिर हल्का भोजन लेती हैं, जिससे माँ अँहोर के आशीर्वाद को दिल में बिठाते हुए संतान सुरक्षित रखने की कामना करती हैं। व्रत का ये स्वरुप न सिर्फ आध्यात्मिक शुद्धि देता है, बल्कि सामाजिक रूप से भी परस्पर सहयोग को बढ़ावा देता है।
रिवाज़‑रिवाज, मन्नतें और आधुनिक उपयोग
Ahoi Ashtami के प्रमुख रिवाज़ों में मत्थे पर काली पिटारी (दूध‑पानी) रखना, काँच के पात्र में कच्ची चावल की थाली सजाना और छोटी‑छोटी मूर्तियों के साथ अन्न‑श्रुति का अभिषेक करना शामिल है। इन कृत्यों से संतान की लंबी उम्र की कामना की जाती है, जो दर्शाता है कि ये रिवाज़ सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के प्रतीक भी हैं। कुछ परिवार इस अवसर पर "दूध‑बूँद" की मन्नत भी लेते हैं: एक दही‑कटा बांट कर सर्वदा सुख‑सम्पन्नता की प्रार्थना। आजकल सोशल‑मीडिया से Ahoi Ashtami की जानकारी तेजी से फैल रही है, और कई युवा लोग इस फेस्टिवल को आधुनिक शैली में मनाते हैं। उदाहरण के तौर पर, घर के अंदर LED लाइट्स, छोटा संगीत सत्र और बच्चों के लिए पेंट‑ऑर‑ड्रॉइंग प्रतियोगिताएँ जोड़ ली गई हैं, जो परंपरा को जीवंत बनाए रखती हैं। फिर भी, मूल अर्थ नहीं बदलता: माँ अँहोर की रक्षा रक्षक स्वरूपता को याद रखना, और परिवार की कल्याण में उसका योगदान सराहना।
अब आप इस पृष्ठ पर नीचे दिए गये लेखों में Ahoi Ashtami की विभिन्न पहलुओं—परम्परागत रिवाज़, स्वास्थ्य‑विज्ञान की दृष्टिकोण, और इस उत्सव को कैसे युवा पीढ़ी में अपनाया जा सकता है—बारे में विस्तृत जानकारी पाएँगे। चाहे आप पहली बार सुन रहे हों या पहले से उत्सव में भाग लेते हों, यहाँ की सामग्री आपके लिए उपयोगी टिप्स और नई जानकारी लेकर आएगी। आगे पढ़ें और जानिए कैसे Ahoi Ashtami आपके जीवन में खुशियों का नया परिदृश्य बना सकता है।
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