स्वास्थ सुरक्षा: दैनिक जीवन में सुरक्षा कैसे बढ़ाएँ

सुरक्षा सिर्फ पुलिस या कैमरा तक सीमित नहीं है, यह आपके छोटे‑छोटे फैसलों से शुरू होती है। घर में, बाहर जाते समय और इंटरनेट पर किए जाने वाले हर काम में थोड़ा सावधान रहना काफी मदद करता है। चलिए समझते हैं वो आसान कदम जो आपकी सुरक्षा को मजबूत बनाते हैं।

घर में सुरक्षित रहने के मूल नियम

पहला कदम है घर का दरवाज़ा और खिड़कियों की सही देखभाल। हर रात जब आप सोने जाएँ, तो सभी मुख्य द्वारों पर ताले लगाएँ और अगर संभव हो तो दो‑स्तरीय ताला इस्तेमाल करें। छोटे बच्चों वाले परिवार में बाल सुरक्षा ग्रिल या अलमारी के लॉक भी लगवा लें।

दूसरा, इलेक्ट्रिकल उपकरणों की जाँच नियमित रूप से कराएँ। लाइट्स, सॉकेट और फ्यूज़ को ओवरलोड न होने दें; अगर किसी सॉकेट में धुआँ निकल रहा हो तो तुरंत बिजली बंद करके electrician बुलाएँ।

तीसरा, आग लगने की स्थिति में बचाव के लिए घर में एक छोटी अग्निशामक यंत्र रखें और इसे कैसे उपयोग करना है, सबको बताएं। रसोई में तेल का धुएँ से बचना आसान है – जब तेल गरम हो तो आँच कम रखें और कभी भी अकेले न पकाएँ।

बाहर जाने पर सुरक्षा के सरल उपाय

सड़कों पर चलते समय हमेशा हेल्मेट या सीट बेल्ट पहनें, चाहे आप कार चला रहे हों या साइकिल। ट्रैफ़िक संकेतों को नजरअंदाज़ न करें; तेज़ गति से ब्रेक लगाना मुश्किल हो सकता है और चोट का जोखिम बढ़ जाता है।

अगर आप रात में अकेले यात्रा कर रहे हैं तो भरोसेमंद टैक्सी ऐप या सार्वजनिक परिवहन चुनें। रास्ते में अनजान लोगों के साथ बहुत ज्यादा निजी जानकारी शेयर न करें, खासकर अपने घर का पता या बैंक विवरण नहीं।

भोजन की बात करें तो बाहर खाने पर साफ‑सुथरे रेस्तरां चुनें। अगर आप स्ट्रीट फ़ूड ले रहे हैं तो देखिए कि खाना गरम और अच्छी तरह पका हो; यह पेट के रोगों से बचाता है।

ऑनलाइन सुरक्षा: डेटा और प्राइवेसी की रक्षा

इंटरनेट पर पासवर्ड बनाते समय आसान शब्द या जन्मदिन न इस्तेमाल करें। बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, नंबर और विशेष चिन्ह मिलाकर पासवर्ड रखें और हर साइट के लिए अलग पासवर्ड रखना बेहतर है। दो‑स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) को सक्रिय करके आप अपने अकाउंट की सुरक्षा दोगुनी कर सकते हैं।

फिशिंग ईमेल से बचें – अगर कोई अनजान लिंक या अटैचमेंट भेजता है, तो पहले sender का पता जांच लें। बैंक या सरकारी संस्थाएँ कभी भी आपका पासवर्ड नहीं मांगतीं; ऐसी माँगों पर तुरंत रिपोर्ट करें।

अंत में, सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी सीमित रखें। अपने पते, फोन नंबर या यात्रा योजना को सार्वजनिक न करें, क्योंकि ये डेटा चोरी के शिकार बन सकता है।

स्वास्थ सुरक्षा का मतलब सिर्फ शारीरिक सुरक्षा नहीं, बल्कि मानसिक शांति भी है। जब आप रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी बातों पर ध्यान देंगे तो खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और जीवन का आनंद दो गुना बढ़ेगा। अब बस इन टिप्स को अपने दैनिक रूटीन में शामिल करें और सुरक्षित रहें!

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